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Sunday, May 12, 2024
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    देश में हो रही तेजी से पॉपुलर ‘माइक्रो वेडिंग’ ट्रेंड, यहाँ जाने क्या है सूक्ष्म शादी और क्या है इसके फायदें

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    महामारी के समय में शादी करना किसी चुनौती से कम नहीं रहा है। हालांकि, अब जब स्थितियां कुछ सामान्य हुई हैं तो ऐसे में लोग शादियों में भीड़ कम कर रहे हैं। सरकार की तरफ से यही आदेश है कि शादी के कार्यक्रमों में कम से कम भीड़ इकट्ठा की जाए, जिससे कि किसी को भी किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। इसी को देखते हुए माइक्रो शादी होनी शुरू हो गई है। माइक्रो शादी इस समय काफी ट्रेंड में है।

    महामारी की वजह से आए बदलाव को वेडिंग प्लानर भी स्वीकार कर रहे हैं। अब जब दोबारा से तय गाइडलाइन के साथ शादियों की अनुमति मिली तो वेडिंग प्लैनर्स भी नए कॉन्सेप्ट के साथ उतरे आए हैं। या यूं कहें कि शादियों में पुराना कल्चर फिर लौट आया है।

    लोग शादियों में अब सिर्फ करीबी रिश्तेदारों को ही बुला रहे हैं और घर की छत, लॉन या बरामदे में फंक्शन ऑर्गनाइज कर रहे हैं। इसी के साथ शादियों में लाइव स्ट्रीमिंग, मास्क और सैनिटाइनजर अब न्यू नॉर्मल होता जा रहा है।

    सरकार के निर्देशों के मुताबिक, शादी समारोह में महज 100 लोग ही शामिल हो सकते हैं। ऐसे में मेजबानों के सामने दिक्कत है कि शादी में किसे बुलाएं और किसे नहीं।

    माइक्रो वेडिंग होने का मतलब है अपनी शादी की मेहमानों की सूची पर फिर से विचार करना और ये जांच करना कि आपके लिए क्या ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि ये अवसर आपके बजट में होगा।

    आपको बता दे कि लॉकडाउन के समय भी लगभग सभी शादियां ऐसी ही हुई है। बहुत कम मेहमान और परिवार के लोगों के बीच ही शादी सम्पन्न हुई है।ऐसे में अब ये चलन चलते आ रहा है क्योंकि सरकार की तरफ से भी निर्देश दिए जा रहे है कि ज्यादा भीड़भाड़ न करें।

    इस तरह की शादी का सबसे बड़ा फायदा पैसों की सेविंग्स होती है। भव्य शादियों में फिजूल खर्ची बहुत बड़ जाती है। कई बार तो ऐसी विशाल शादी करने के लिए बेटी का पिता कर्ज के बोझ तले डब भी जाता है।

    माइक्रो वेडिंग के चलते ये फालतू का खर्चा कम हो गया है। अब यही पैसे सेव होने पर बाद में किसी अच्छे काम में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

    अगर नहीं पता आपको इन हिट गानों के शब्दों का मतलब, जानकर लगेगा बड़ा झटका

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    बॉलीवुड में एक्टर्स के एक्टिंग के साथ- साथ लोगों को उनके डायलॉग और गाने भी खूब पसंद आते है। बॉलीवुड में कुछ गाने ऐसे होते है जिनके शब्दों का मतलब नहीं पता होता लेकिन दर्शक उसे खूब पसंद करते है। तो चलिए आज आपको कुछ गानों के मतलब के बारे में बताते है जिसके बारे में आप भी नहीं जानते। कटरीना और इमरान खान की फिल्म मेरे ब्रदर की दुल्हन में ये गाना कटरीना पर फिल्माया गया था। कटरीना जो गाना गाती हैं वो है ‘धुनकी धुनकी लागे….’जिसे दर्शकों ने भी खूब गाया था।

    धुनकी का अर्थ होता है ‘प्यार की मदहोशी’। इस गाने को दर्शको ने खूब पसंद किया था। सुनने में बेशक यह गाना आपको बहुत अच्छा लगा होगा लेकिन ‘कुन फाया कुन’ का अर्थ आप नहीं जानते होंगे। यह फिल्म ‘रॉकस्टार’ का गाना है।

    इस गाने को अभिनेता रणबीर कपूर पर फिल्माया गया था। ‘कुन फाया कुन’ शब्द का मतलब है ‘जो था वो है और वो ही रहेगा’।

    ऋतिक और सोनम पर फिल्माया गया हो या फिर अजय देवगन और इलियाना पर, ‘रश्क-ए-कमर’ गाने को दर्शकों ने खूब पसंद किया।हालांकि बहुत कम ही लोगों को इस शब्द का मतलब समझ आया होगा। दरअसल इस शब्द का मतलब होता है ‘चांद की ईर्ष्या’ यानी कोई इतना खूबसूरत हो कि चांद को भी उससे जलन होने लगे।

    अंबरसरिया….यह शब्द सुनने में बड़ा ही प्यारा लगता है। लेकिन आपसे कहे कि इसका मतलब क्या होता है तो आप शायद इसका जवाब न दे पाए। आपको बता दें कि, अंबरसरिया का मतलब ‘अमृतसर का रहने वाला’ होता है।

    फिल्म फैन में शाहरुख को शाहरुख का फैन दिखाया गया था इस फिल्म में शाहरुख हीरो के लिए गाना गाते हैं मैं तेरा जबरा फैन हो गया। आपको बता दें कि जबरा का अर्थ होता है महान या बड़ा।

    यहां स्कूल में सिखाते है लड़​की पटाना लड़कों को दी जाती है इस खास चीज की ट्रेनिंग

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    दोस्तों जैसा कि हम सब जानते है कि स्कूल बच्चों को क्यों भेजा जाता है। यहां बच्चे को बेहतर भविष्य मिल सके इस वजह से माता पिता अच्छे स्कूल में भर्ती करवाते है। इसी बीच अगर कोई बच्चा स्कूल में शैतानी करता है तो उसे सजा भी दी जाती है ताकि आगे चलकर दोबारा ऐसी हरकत न करे। अब ये सब आम बात हो गयी जिसे आप सब भी बखूबी जानते है अब तो बताने जा रहे है शायद इसके बारे में नहीं जानते होंगे,

    दरअसल चीन के बीजिंग में एक ऐसा स्‍कूल है जहां युवाओं को डेटिंग की ट्रेनिंग दी जाती है। जी हां यहां डेटिंग की ट्रेनिंग दी जाती है कि वो किसी लड़की का दिल कैसे जीतें और पहली ही डेटिंग में लड़की का दिल कैसे जीतें।

    हैरान मत होइए ये बिल्कुल सच है। आपको बता दे कि लड़की रिझाने या पटाने वाले इस कोर्स की फीस सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। इस कोर्स की फीस है 4500 डॉलर महीना। यी कुई उर्फ मौका नामक व्‍यक्ति द्वारा चलाए जाने वाले इस स्‍कूल का नाम है लव एनर्जी।

    इस स्‍कूल की खास बात यह है कि यह क्‍लासरूम कोर्स के साथ ही लड़की पटाने के गुर सिखाने वाला यह कोर्स ऑनलाइन भी कराया जाता है।

    खबरों के मुताबिक ये मौका सिर्फ उम्र 23 साल से 33 साल के बीच वालों को मौका मिल सकता है। यह स्‍कूल डेटिंग की ट्रेनिंग कोर्स ऑनलाइन भी चलाता है। ली कुई का कहना है कि दुनिया का कोई भी व्‍यक्ति उनके स्‍कूल में एडमिशन ले सकता है।

    क्‍लास रूम कोर्स की फीस 4500 डॉलर महीना है। वहीं ऑनलाइन कोर्स की फीस 30 डॉलर महीना है। हालांकि दुनिया में ऐसा पहला स्कूल होगा जहां लव के बारे में पढ़ाई होती हो।

    क्या आप जानते हैं की व्हिस्की, वोदका, बियर, ब्रांडी और वाइन में क्या अंतर होता है

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    शराब का सेवन सेहत के लिए हानिकारक है यह जानते हुए भी देशभर के करीब 15 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं। नशीले पदार्थों के सेवन में शराब के बाद दूसरे नंबर पर भांग है जिसका करीब 3 करोड़ लोग सेवन करते हैं। शराब कई प्रकार की होती हैं जैसे बीयर, शैम्पेन, साइडर, पोर्ट और शेरी, व्हिस्की, रम, ब्रांडी और जिन आदि।

    वैसे तो भारत में शराब के कई नामो से जाना जाता है जैसे की मंदिरा, शराब, दारू और सोमरस आदि. लेकिन इन सभी नामो का मतलब होता है कि ऐसा पेय पदार्थ जिसमे अल्कोहल मिला हो.

    assorted wine bottles
    Photo by Chris F on Pexels.com

    शराब को बनाने में कई चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की गेंहूँ, मक्का, जौ, गन्ना और कई फलों का भी इस्तेमाल किया जाता है. अलग अलग तरह की शराब बनाने में अलग अलग चीज़ों जैसे की बियर बनाने में गेंहूँ, जौ और मक्के का इस्तेमाल होता है इसी तरह दूसरी शराबों को बनाने में अलग अलग चीज़े इस्तेमाल में ली जाती है.

    बीयर

    two persons holding drinking glasses filled with beer
    Photo by Tembela Bohle on Pexels.com

    बीयर में भी शराब की मात्रा बहुत कम होती है, जबकि रम में यह मात्रा अत्यंत उच्च है, और इन सब में शैम्पेन सबसे महंगी शराब है। बीयर तैयार करने के लिए फल और साबुत अनाज के रस का प्रयोग किया जाता है। इसमें बहुत ही कम मात्रा में एल्कोहल मिलाते हैं। हालांकि इसके अधिक सेवन से बचना भी चाहिए।

    वाइन

    woman holding a glass with wine
    Photo by RODNAE Productions on Pexels.com

    वाइन का रोजाना एक ग्लास शरीर को तरोताजा रखने में मददगार होता है। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि ऐसा सेवन हृदय रोग के खतरे, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारी के खतरे से बचा सकता है।

    व्हिस्की

    bottle of whiskey between decanter and ornamental glass with cigar
    Photo by Max Vakhtbovych on Pexels.com

    व्हिस्की कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। इसके एक जाम में सिर्फ 65 कैलोरी होती है और इसमें फैट्स बिल्कुल नहीं है। व्हिस्की का सेवन कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में हैं जो कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं। इसमें एलेजिक एसिड अच्छी मात्रा में है जो डीएनए में नाइट्रोसेमाइन्स और पोलीसाइक्लिक हाइड्रोकार्बन जैसे कार्सिनोजेनिक तत्व से लड़ने में मदद करते हैं।

    ब्रांडी

    alcoholic drink poured into glass
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    ब्रांडी दूसरे एल्कोहॉलिक प्रोडक्ट्स की तुलना में ज़्यादा फ़ायदेमंद होती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट कम होता है। इसलिए ब्रांडी से वज़न नियंत्रित रहता है।

    वोदका

    vodka bottle in the snow
    Photo by Ibrahim Unal on Pexels.com

    वोदका में एल्कोहोल की मात्रा अधिक होती है लेकिन अगर इसका सही तरह से सेवन किया जाए तो सके कई फायदे हैं। वोदका त्‍वचा को मुलायम बनाकर उसकी रंगत निखारता है। त्‍वचा की रंगत निखारने के लिए यह बहुत ही अच्‍छा प्राकृतिक उपाय है।

    सोनू सूद ने किया फैन की 5 माह की बेटी का नामकरण, परिवार का प्यार देख भावुक हुआ एक्टर

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    बाॅलीवुड एक्टर सोनू सूद अब इंडस्ट्री के हीरो नहीं बल्कि नेशनल हीरो बन गए हैं। लाॅकडाउन में सोनू सूद लोगों के लिए एक मसीहा बन सामने आए थ। वहीं लाॅकडाउन खत्म होने के बाद भी हर रोज उनकी दरियादिली के किस्से सामने आते रहते हैं। किस्से सुनने के बाद फैंस उनसे मिलने के लिए बेताब रहते है।

    ऐसे ही फैन उनसे मिलने खम्माम जिले से 200 किलोमीटर का सफर तय कर हैदराबाद पहुंचा और अपनी 5 महीने की बेटी का नामकरण करने की सोनू सूद से गुजारिश की। दरअसल, सोनू सूद इन दिनों हैदराबाद में चिरंजीवी के साथ कोराटाला शिवा के आचार्य की शूटिंग कर रहे थे।

    वहां एक कपल तेलंगाना के खम्मम से आया हुआ था, जो होटल की लॉबी में उनसे मिलने और उनके साथ सेल्फी क्लिक करने के लिए इंतजार कर रहा था।

    सोनू तब भावुक हो गए जब नागराजू और लक्ष्मी ने उनसे अनुरोध किया कि उनकी 5 महीने की बेटी का नाम वो रखें। वहीं मीडिया से बात करते हुए सोनू ने बताया कि ‘ये सुनकर मैं बेहद इमोशनल हो गया था।

    मैंने कुछ देर सोचा और उनसे पूछा कि क्या वो अपनी पत्नी सोनाली का नाम रखेगें और कपल ने वही नाम रख लिया। सोनू ने बताया कि मुझसे मिलने पूरे परिवार के साथ इतनी दूर आना और बेटी का नाम मुझसे रखवाना मेरे लिए इतना प्यार इमोशनल कर देता है’।

    आपको बता दे कि सोनू के इस नेक काम के लिए उनके फैंस अलग अलग तरीकों से उन्हें धन्यवाद दे रहे है। कही पर सोनू के नाम मंदिर तो कही पर उनके चेहरे का टैटू बनवा लिया है।

    वहीं एक फैंस ने सोनू सूद के नाम पर दुकान खोल लिया है। यही नहीं एयरलाइन ने प्लेन पर सोनू का चेहरा लगा दिया था। आये दिन सोनू सूद के इस नेक काम की चर्चा होती रहती है।

    धर्मेंद्र की वो फिल्म जो पहले राजकुमार को ऑफर हुई थी, कहा था- ये रोल तो मेरा कुत्ता भी नहीं करेगा

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    हिंदी सिनेमा में बहुत से ऐसे नायाब कलाकार हुए जिन्होंने अभिनय के साथ-साथ अपनी दमदार शख्सियत से भी लोगों का दिल जीता था। इसमें दिग्गज अभिनेता राजकुमार का नाम भी शामिल है जो अपनी हाजिरजवाबी से बड़े बड़े कलाकारों का मुंह बंद कर देते थे। वैसे तो उनके कई किस्से काफी मशहूर हैं, लेकिन आज आपको बताते हैं उस किस्से के बारे में जब उन्होंने रामानंद सागर की फिल्म करने से मना किया था।

    साथ ही उन्होंने इनकार भी ऐसे किया था कि उनके रिश्ते हमेशा हमेशा के लिए बिगड़ गए थे। आपको बता दे कि 1968 में रामानंद सागर एक फिल्म बना रहे थे।

    फिल्म का नाम था आंखें. फिल्म में लीड रोल धर्मेंद्र ने प्ले किया था मगर उनसे पहले ये फिल्म राज कुमार को साइन हुई थी। हुआ यूं कि रामानंद सागर फिल्म में राज कुमार को कास्ट करना चाहते थे।

    वे उनके घर पहुंचे, कहानी सुनाई। पर शायद राज कुमार को कहानी पसंद नहीं आई। ऐसा बताया जाता है कि जब राजकुमार ने रामानंद सागर की स्क्रिप्ट सुनी तो अपने पालतू कुत्ते को आवाज लगाई।

    राजकुमार के आवाज लगाने पर जब उनका कुत्ता उनके सामने आया तो उन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट उसे सुना दी और फिर पूछा-

    “क्या तुम यह रोल करना चाहोगे?”

    कुत्ते की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया तो उन्होंने रामानंद सागर से कहा-

    “देखा यह रोल तो मेरा कुत्ता भी नहीं करना चाहेगा।”

    इतना सुनने के बाद रामानंद वहां से चले गए। उसके बाद कभी दोनों ने साथ काम नहीं किया। आपको बता दे यह फिल्म धर्मेंद्र की सबसे हिट फिल्मों में मानी जाती है। धर्मेंद्र की शुरुआती फिल्मों में से एक थी और बॉक्स ऑफिस पर खूब छायी थी।

    जाने कैसे रमेश यादव बने मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा? घर से भागकर आ गये थे बम्बई

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    बॉलीवुड के मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। 2 अप्रैल 1972 को कर्नाटक के बेंगलुरु में जन्म लेने वाले रेमो कोरियोग्राफी, एक्टिंग के साथ-साथ वो फिल्म निर्देशक भी हैं। इसके अलावा वो कई टीवी शोज भी जज कर चुके हैं। क्या आप जानते हैं कि उनका असली नाम रमेश गोपी है।

    शायद ये बात बहुत से लोगों को पता नहीं होगा लेकिन उनका असली नाम रमेश गोपी है। रेमो ने अपनी पढाई गुजरात के जामनगर से की है लेकिन बाद में उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़कर मुंबई आ गए। आपको जानकर हैरानी होगी कि रेमो ने आजतक डांस की किसी भी तरह की स्पेशल ट्रेनिंग नहीं ली

    लेकिन वह आज भी दिवंगत डांसर और सिंगर माइकल जैक्सन को अपना गुरु मानते हैं। बेंगलुरु के रहने वाले सिंपल से ‘रमेश गोपी’ से लेकर मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा तक का सफर इतना आसान नहीं था।

    जब रेमो बॉलीवुड में अपना मुकाम बनाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे तब उन्हें पैसे की काफी तंगी रहती थी। जिसकी वजह से उन्होंने कई रातें बिना खाए- पिए सड़कों पर भी बिताई है। लेकिन उस दौरान ही उनकी मुलाकात लिजेल से हुई और फिर दोनों में प्यार हुआ और जिसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया।

    बेहतरीन कोरियोग्राफी के लिए मशहूर रेमो डिसुजा को ‘फालतू’ और ‘एबीसीडी’ जैसी फ‍िल्‍मों के लिए जाना जाता है। वह डांस एकेडमी भी चलाते हैं जहां हर साल कई युवा डांसर्स को प्रशिक्षण भी देते हैं।

    आपको बता दे कि 2020 में रेमो डिसूजा को हार्टअटैक का सामना करना पड़ा था तब इस न्यूज़ ने सबके दिल को दहला कर रख दिया था।

    उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भी भर्ती रहना पड़ा जिस दौरान उनकी पत्नी ने उनका पूरा साथ दिया और हर पल उनके साथ खड़ी रही।

    सुहागरात पर मनीषा निकली मनीष, पति शादी के 2 साल बाद थाने पहुंच बोला- मेरी पत्नी किन्नर..

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    मध्यप्रदेश के शिवपुरी में शादी का अजीब मामला सामने आया है, जिसमें शख्स ने ससुराल वालों पर किन्नर के साथ शादी कराने का आरोप लगाया है। शख्स ने एससी कार्यालय शिवपुरी में शिकायत दर्ज कराई कि उसके साथ शादी के नाम पर धोखा हुआ है। दरअसल मध्य प्रदेश के शिवपुरी निवासी 23 वर्षीय पंखी जाटव ने बताया कि सुहागरात के दिन उसको पता चला कि उसकी बीवी किन्नर है।

    जिसके बाद वह अगले दिन अपनी पत्नी को चिकित्सकों के पास ले गया और उसकी जांच कराई। चिकित्सकों द्वारा उसे बताया गया कि उसकी बीवी पर महिलाओं के कोई भी लक्षण नहीं है। उसी रात को उसने अपने ससुर को फोन लगाकर विरोध जताया।

    जिसके बाद उसने एसपी कार्यालय में अपनी पत्नी मनीषा व ससुराल वालों पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है और अपनी पत्नी को वापस मायके भेज दिया। इस तरह करीब दो साल बीत गए।

    अब पंखी का आरोप है कि उसकी पत्नी मनीषा उसे फिर से तंग कर रही है। उधर ससुराल वाले भी मनीषा को वापस लाने के लिए दबाव बना रहे हैं। वे कह रहे हैं कि मनीषा को या तो साथ रखो या उसका भरण पोषण दो। इसी के साथ पंखी का ये भी आरोप है कि ससुरालवाले उसके हाथ पैर तोड़वाने की बात कह रहे है।

    पंखी की बात सुन पुलिस वाले भी हैरान है खैर पंखी ने अपनी बीवी के किन्नर होने का सबूत अभी तक पुलिस को नहीं दिया है जिसकी वजह से उसे पुलिस ने कुटुम्ब न्यायालय जाने की राय दी है।

    इसकी एक वजह ये भी है कि मनीषा ने पहले ही पुलिस में पंखी के खिलाफ साथ रखने या भरण पोषण देने की शिकायत दे रखी है।

    लड़कियों के घुटनों और पैरों के अंतर को देख पता करें की कैसा होगा उनका स्वभाव, कितनी है धनवान

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    सामुद्रिक शास्त्र में व्यक्ति के शरीर के अंगों और शरीर की बनावट के आधार पर उसके स्वभाव के बारे में बताया जाता है। शरीर की बनावट से लेकर अंगों पर मौजूद किसी निशान तक से व्यक्ति के गुण-दोष का पता चल जाता है।इसके अलावा किसी अंग की बनावट, रूप-रंग, जन्म के निशान से भविष्य की जानकारी निकाली जा सकती है।

    आपको बता दे कि ज्योतिष के अंतर्गत शरीर के अंगों और लक्षणों के देखकर व्यक्तित्व के साथ भविष्य बताने की विधि को सामुद्रिक शास्त्र कहा जाता है। सामुद्रिक विद्या के अनुसार मनुष्य के सिर से लेकर पैर तक हर अंग के लिए विशेष लक्षण बताए गए हैं। अंगों की बनावट, आकार और रंग से व्यक्तित्व के रहस्य मालूम होते हैं और इनसे भविष्य की जानकारी भी मिलती है।

    जिन लड़कियों के घुटने और जांघ आपस में सटे होते हैं, वो स्वभाव में काफी अच्छी होती हैं। ऐसी लड़कियां हर किसी से मीठी वाणी में बात करती हैं। जिसके कारण हर कोई इन्हें पसंद करता है और इनकी हर बात को मान भी लेता है।ऐसी लड़कियों की किस्मत में खूब धन भी होता है।

    जिन लड़कियों के घुटने और जांघ आपस में सटे नहीं होते हैं। ऐसी लड़कियों का दिल काफी साफ माना जाता है। इस प्रकार की लड़कियां दूसरों की खूब मदद करती है और काफी मेहनती भी होती हैं। ये अपने आसपास मौजूद हर सदस्या का ख्याल रखती हैं। इनका दिमाम काफी तेज होता है।

    जिनके जांघ सटी होती है। लेकिन घुटने एक दूसरे से सटे नहीं होते हैं। इस प्रकार की लड़कियां देखने में काफी सुंदर होती हैं।

    ऐसी लड़कियों की छवि हर किसी को इनकी ओर आकर्षित करती हैं। ये लड़कियां काफी निडर होती हैं और कोई भी फैसला लेने से डरती नहीं हैं।

    जिन लड़कियों के पैरो के बीच में थोड़ा अंतर होता है। वो लड़कियां अपनी छवि को खराब नहीं होने देती हैं। ऐसी लड़कियां कोई भी फैसला सोच समझ कर लेते हैं और इस बात का पूरा ध्यान रखती हैं कि उनकी छवि खराब न हों।

    इस प्रकार की लड़कियां दूसरों की खुशी में खुश रहती हैं और इन्हें अपने काम से मतलब होता है। ये काफी मेहनती और बुद्धिमान मानी जाती हैं और जीवन में जो पाना चाहती हैं उसे हासिल करके ही दम लेती हैं।

    पाकिस्तान का एक ऐसा शख्स,जिसने 100 बच्चों को एक साथ उतारा था मौत के घाट जाने पूरी बात

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    आपने बहुत सारे सीरियल किलर के बारे में सुना होगा, जिन्होंने कई हत्याएं की होंगी, लेकिन पाकिस्तान का एक सीरियल किलर सबसे अलग और सबसे खूंखार था। खूंखार इसलिए क्योंकि उसने एक दो नहीं बल्कि 100 बच्चों का बेरहमी से कत्ल किया था।

    इन बच्चों की उम्र छह साल से लेकर 16 साल के बीच थी। इसमें सबसे हैरानी की बात ये थी कि उस सीरियल किलर ने 100 बच्चों को मारने की कसम खाई थी और उसने पूरे के पूरे 100 बच्चों के ही कत्ल किए। इस किलर के नाम से ही पूरी दुनिया कांपती है।

    इस सीरियल किलर नाम था जावेद इकबाल। दिसंबर 1999 को लाहौर के एक उर्दू अखबार के संपादक को एक चिट्ठी मिलती है, जिसमें लिखा था, ‘मेरा नाम जावेद इकबाल है और मैंने 100 बच्चों का कत्ल किया है और उनकी लाश को तेजाब डालकर गला दिया।’

    उसने चिट्ठी में ये भी बताया था कि उसने जितने भी बच्चों का कत्ल किया था, उसमें से अधिकतर घर से भागे हुए या अनाथ थे। ऐसी ही चिट्ठी उसने लाहौर पुलिस को भी भेजी थी, जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। जैसे ही ये पत्र प्रशासन के पास पहुचा तो ने इस व्यक्ति के पत्र को गंभीरता ने नहीं लिया था।

    लेकिन उस अखबार के संपादक ने लिया और उन्होंने अपने एक रिपोर्टर को उस बताए पते पर भेजा था। जब पत्रकार वहां गया, तो घर के अंदर खून के निशान थे, दो बड़े बैग में बच्चों के जूते और कपड़े भरे हुए थे। ऐसे में पत्रकार ने दफ्तर जाकर संपादक को वहां की बात बताई और पुलिस को जानकारी दी गई।

    पुलिस पहुंची और जानकारी इकट्ठा करने में जुट गई। पुलिस को यहां एक नोटबुक मिली, जिसमें लिखा था कि कत्ल के सबूत के तौर पर मैंने कुछ लाशों को छोड़ रखा है, जिन्हें मैं ठिकाने नहीं लगा पाया। साथ ही लिखा था कि मैं रावी नदी में कूदकर आत्महत्या करने जा रहा हूं। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया और ये पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन था।