कोरोनावायरस इतना भयावह कैसे हुआ ? क्यों इसे पहले ही नहीं रोका गया ? ऐसे ही कुछ सवाल हैं जिनका जवाब शायद आप पिछले 2 सालों से ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनका जवाब आपको नहीं मिल पाया है।
डब्ल्यूएचओ की एक टीम इसकी जाँच के लिए चीन के दौरे पर गई थी. जाँच टीम की रिपोर्ट में कोरोना महामारी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहानोम ग़ेब्रेयेसुस ने कहा, ये रिपोर्ट एक बहुत अच्छी शुरुआत है लेकिन ये अंत नहीं है।

हमें अभी वायरस के स्रोत की जानकारी नहीं मिली है। चीन के 17 विशेषज्ञों और 17 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के समूह की जाँच के बाद ये दस्तावेज़ तैयार किया गया है। ये जाँच टीम इस साल जनवरी के अंत में चीन पहुँची थी जहां 14 दिनों तक उन्होंने अस्पतालों, बाज़ारों और प्रयोगशालाओं का दौरा किया।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना वायरस सीधे चीन से नहीं बल्कि कुछ अन्य देशों के जरिए पहुंचा है। इस बारे में आईआईटी की एक रिपोर्ट में पता चला है कि शुरुआत में कोरोना वायरस के अधिकतर केस दुबई और ब्रिटेन जैसे देशों से आए थे।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मंडी की ओर से किए गए विश्लेषण में कहा गया है कि दुबई और ब्रिटेन से आए यात्री भारत में कोरोना संक्रमण लाने वाले प्रारंभिक स्रोत रहे हैं।
‘जर्नल ट्रैवल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारतीय राज्यों में कोरोना मुख्य रूप से दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों की वजह से हुआ था न कि चीन से आने वाले यात्रियों से।

इस स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि तमिलनाडू, दिल्ली, आंध्र प्रदेश के संक्रमित केसों की समुदाय से बाहर बीमारी फैलने में भूमिका कम रही है, जबकि गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक ने लोकल ट्रांसमिशन में अहम भूमिका निभाई और उनकी वजह से कुछ केस दूसरे राज्यों तक भी फैले हैं।
कुल मिलाकर अब जो भी हो 2020 से जो हालात हैं हम सभी उससे परिचित हैं, ऐसा नहीं है कि पहले सवालों के जवाब मिल चुके हों। पहले सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले और अब तो और सवाल रोज़-रोज़ पनप रहे हैं, अब इनका अंत तो इनके जवाब मिलने पर ही होगा।

और ऐसा होगा कब ये कोई नहीं जानता। अब क्या यही प्रकृति है जो धीरे-धीरे अंत की ओर बढ़ रही है या फिर हालात कुछ और हैं, ये तो अभी भविष्य के गर्भ में ही छुपा है।