आज जो जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं, दरअसल ये जानकारी आपके लिए बहुत ही ज़रूरी है। इस खबर को आप पढ़िए, समझिए और और अपनों को भी शेयर कीजिए क्योंकि ये पूरी जानकारी होना बहुत ज़्यादा ही ज़रूरी है।
वैसे जो लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं, ऐसा नहीं है कि ये लोग ठीक नहीं हो रहे हैं। लगातार संक्रमित लोग खूब ठीक भी हो रहे हैं। लेकिन ठीक होने के बाद भी कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। हो सकता है कि आपके जानने वालों में भी किसी के साथ ऐसा हुआ हो।

कोरोना की जंग जीत कर वो घर आ गए हों। लेकिन अचानक कुछ हफ़्तों बाद एक दिन उनके ना होने की ख़बर आपको मिली हो। कई मरीज़ों में कोविड-19 के दौरान या उससे ठीक होने के बाद दिल संबंधित या दूसरी बीमारियाँ और कॉम्प्लिकेशन देखने को भी मिल रहे हैं।
लेकिन ठीक होने के बाद भी बेहद ज़रूरी है आपको और ज़्यादा ध्यान रखना। अब हम एक ऐसी महिला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिनके 85% फेफड़ों में था इन्फेक्शन, फिर भी उन्होंने नहीं मानी हार। दरअसल इंदौर शहर की रुचि खण्डेलवाल का मामला है ये पूरा।

बतादें रुचि के फेफड़ों में 85% इन्फेक्शन फेल चुका था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। रुचि का इन्फेक्शन महज दो दिनों में 85% से 55% तक आ गया। उन्होंने अपना अनुभव भी सोशल मीडिया पर साझा किया है।
इसमें वे बताती हैं कि कैसे कोरोना मरीज ऑक्सीजन लेवल बढ़ा खुद को जल्द ठीक कर सकते हैं। इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती रुचि खंडेलवाल बताती हैं कि वह अपनी इच्छा शक्ति के बल पर बीमारी को मात देने के करीब पहुंची हैं।

वे कहती हैं कि हमे यह सोच लेना चाहिए कि हम पूरी तरह से ठीक हैं। हमें कोई बीमारी नहीं है। यदि बीमारी दिमाग में घर कर जाए तो आप टूट जाते हैं। फिर इस स्थिति में दवा भी काम नहीं करती है। क्योंकि बहुत कुछ हमारी इच्छा शक्ति पर भी निर्भर करता है।
कहते हैं कि हम जैसा सोचते हैं, हम वैसे ही हो जाते हैं। इसलिए ज़रूरी है हमें बेहतर सोच रखने की, क्योंकि हम अपनी सोच और अपने विचारों से ही बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ सकते हैं, और रूचि के साथ भी ठीक ऐसा ही हुआ है।