पैसा अच्छों-अच्छों का ईमान खराब कर देता है। अक्सर हमने ऐसा होते हुए भी देखा ही होगा। लेकिन कई लोगों की ईमानदारी को दुनिया का कोई लालच हिला भी नहीं सकता है। इन दिनों देश में एक ऐसी ही कहानी लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है।दरअसल एक महिला ने ईमानदारी का परिचय पेश किया है। केरल में एक दुकानदार समिझा है।
पिछले कई सालों से ये लॉटरी के टिकट बेचने का काम करती है। हाल ही में कंपनी की तरफ़ से समर लॉटरी ऑफर आए थे। जिसकी बिक्री भी ख़ूब हुई। लेकिन अंत में बारह टिकट बच गए। समिझा को ये सभी टिकट बेचने ज़रूरी थे।

इसके लिए समिझा ने अपने उन सभी ग्राहकों को फ़ोन लगाएँ जो उनसे नियमित टिकट खरीदते थे। इन्हीं में से एक पीके चंद्रन भी थे। इस टिकट की कीमत दो सौ रुपये थी।
बता दें कि चंद्रन ने जो टिकट उधार लिया, उस पर छह करोड़ रुपये का जैकपॉट लग गया। समिझा को रविवार शाम ही पता लग गया कि उनके पास मौजूद एक टिकट पर पहला इनाम निकला है। समिझा ने देखा कि यह टिकट चंद्रन ने रुकवाया था।

ऐसे में वह तत्काल उनके घर गईं और 200 रुपये लेकर टिकट उनके हवाले कर दिया। वह कहती हैं कि यदि चंद्रन ने एक फ़ोन पर भी उनके कहने पर लॉटरी खरीद ली थी, तो ये उनका भरोसा ही था।
यदि ये भरोसा ऐसे ही बना रहा तो आगे वह बहुत पैसा कमा सकती हैं अपने पेशे से। वह कहती हैं,
‘मेरे Chandran chettan को जीतने का टिकट सौंपने के बाद से लोग मेरी ईमानदारी की तारीफ करने लगे। हालांकि, लोगों को समझना होगा कि यह बिजनेस ही ईमानदारी और भरोसे का है। हमें ईमानदार होना होगा, क्योंकि मेहनत की कमाई से टिकट खरीदने वाले हर ग्राहक की बदौलत ही हमारा घर चलता है।
दरअसल महिला की ईमानदारी के चर्चे सोशल मीडिया पर खूब हो रहे है।