जी हाँ, ये बात बिल्कुल सही है और इन बच्चों की मदद इसरो करेगा। बतादें, इसरो अब तक छात्रों के 6 सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है। नासा ने भी भारतीय छात्रों के दो सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, लेकिन सैटेलाइट लॉन्च से कोई सरकारी स्कूल पहली बार जुड़ रहा है।
चेन्नई की प्राइवेट एजुकेशन फर्म स्पेस किड्स इंडिया ने भी दो साल पहले कलामसैट-2 सैटेलाइट बनाया था। इसे छात्रों ने महज 12 लाख की लागत से 6 दिनों में बनाया था। मल्लेश्वरम उपमुख्यमंत्री सी एन अश्वथा नारायण का विधानसभा क्षेत्र भी है।

यह इलाका प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। जिस स्कूल को चुना गया है, उसका संचालन शेषाद्रिपुरम एजुकेशन ट्रस्ट करता है। यह बेंगलुरू के 18वें क्रॉस पर स्टोन बिल्डिंग कॉलेज में स्थित है। अश्वथ नारायण ने बताया है कि कोरोनाकाल में भी राज्य के कुछ सरकारी स्कूलों में हुए नए नामांकन में बढ़त देखी गई है।
इनमें मल्लेश्वरम निर्वाचन क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में सबसे ज्यादा 500 बच्चे बढ़े हैं। उनके मुताबिक, पिछले साल के 2,221 से बढ़कर इस साल 2,743 एडमिशन हुए हैं। इसीलिए यहां के सरकारी स्कूल को प्रोग्राम में शामिल होने के लिए चुना गया है।

कर्नाटक का सरकारी स्कूल बनेगा सैटेलाइट डिजाइनिंग का हिस्सा, इसरो की मदद से परिसर में ही डिजाइन बनाएंगे बच्चे, जी हाँ, कर्नाटक का सरकारी स्कूल बनेगा सैटेलाइट डिजाइनिंग का हिस्सा, इसरो की मदद से परिसर में ही डिजाइन बनाएंगे।कर्नाटक के बेंगलुरू का मट्टीकेरे मॉडल प्राइमरी स्कूल उपग्रह लॉन्च करने वाला देश का पहला स्कूल बनने जा रहा है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने गुरुवार को स्कूल में लैपटॉप बांटने के कार्यक्रम में यह बताया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसे प्रोजेक्ट में इंजीनियरिंग केे छात्र लिए जाते हैं, लेकिन पहली बार मट्टीकेरे स्कूल के बच्चे इंडियन टेक्लोलॉजिकल कांग्रेस एसोसिएशन और इसरो की मदद से इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
सैटेलाइट की डिजाइनिंग और उसे बनाने का काम यहीं स्कूल में होगा, जिसमें यहां के बच्चे सीधे तौर पर जुड़ेंगे। इसमें कुछ और सरकारी स्कूलों के बच्चे भी शामिल किए जाएंगे। अश्वथ नारायण ने बताया कि मल्लेश्वरम अगले साल होने वाले 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में 75 उपग्रहों को लॉन्च करने के कार्यक्रम में शामिल होगा। अब बताओ कि आपको सरकारी स्कूल की पढ़ाई कैसी लगती है? क्या आपने भी सरकारी स्कूल की पढ़ाई की है? या फिर आपके मुताबिक अब सरकारी स्कूलों में सही पढ़ाई नहीं होती है। आपकी राय कमेंट कर ज़रूर बताएं, क्योंकि ये हमारे लिए बहुत मायने रखता है।