आपने बहुत सारे सीरियल किलर के बारे में सुना होगा, जिन्होंने कई हत्याएं की होंगी, लेकिन पाकिस्तान का एक सीरियल किलर सबसे अलग और सबसे खूंखार था। खूंखार इसलिए क्योंकि उसने एक दो नहीं बल्कि 100 बच्चों का बेरहमी से कत्ल किया था।
इन बच्चों की उम्र छह साल से लेकर 16 साल के बीच थी। इसमें सबसे हैरानी की बात ये थी कि उस सीरियल किलर ने 100 बच्चों को मारने की कसम खाई थी और उसने पूरे के पूरे 100 बच्चों के ही कत्ल किए। इस किलर के नाम से ही पूरी दुनिया कांपती है।

इस सीरियल किलर नाम था जावेद इकबाल। दिसंबर 1999 को लाहौर के एक उर्दू अखबार के संपादक को एक चिट्ठी मिलती है, जिसमें लिखा था, ‘मेरा नाम जावेद इकबाल है और मैंने 100 बच्चों का कत्ल किया है और उनकी लाश को तेजाब डालकर गला दिया।’
उसने चिट्ठी में ये भी बताया था कि उसने जितने भी बच्चों का कत्ल किया था, उसमें से अधिकतर घर से भागे हुए या अनाथ थे। ऐसी ही चिट्ठी उसने लाहौर पुलिस को भी भेजी थी, जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। जैसे ही ये पत्र प्रशासन के पास पहुचा तो ने इस व्यक्ति के पत्र को गंभीरता ने नहीं लिया था।

लेकिन उस अखबार के संपादक ने लिया और उन्होंने अपने एक रिपोर्टर को उस बताए पते पर भेजा था। जब पत्रकार वहां गया, तो घर के अंदर खून के निशान थे, दो बड़े बैग में बच्चों के जूते और कपड़े भरे हुए थे। ऐसे में पत्रकार ने दफ्तर जाकर संपादक को वहां की बात बताई और पुलिस को जानकारी दी गई।

पुलिस पहुंची और जानकारी इकट्ठा करने में जुट गई। पुलिस को यहां एक नोटबुक मिली, जिसमें लिखा था कि कत्ल के सबूत के तौर पर मैंने कुछ लाशों को छोड़ रखा है, जिन्हें मैं ठिकाने नहीं लगा पाया। साथ ही लिखा था कि मैं रावी नदी में कूदकर आत्महत्या करने जा रहा हूं। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया और ये पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन था।