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Saturday, May 18, 2024
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    महिला लॉटरी एजेंट की ईमानदारी से व्यक्ति की लग गई 6 करोड़ की लॉटरी, जानें क्या था पूरा मामला

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    पैसा अच्छों-अच्छों का ईमान खराब कर देता है। अक्सर हमने ऐसा होते हुए भी देखा ही होगा। लेकिन कई लोगों की ईमानदारी को दुनिया का कोई लालच हिला भी नहीं सकता है। इन दिनों देश में एक ऐसी ही कहानी लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है।दरअसल एक महिला ने ईमानदारी का परिचय पेश किया है। केरल में एक दुकानदार समिझा है।

    पिछले कई सालों से ये लॉटरी के टिकट बेचने का काम करती है। हाल ही में कंपनी की तरफ़ से समर लॉटरी ऑफर आए थे। जिसकी बिक्री भी ख़ूब हुई। लेकिन अंत में बारह टिकट बच गए। समिझा को ये सभी टिकट बेचने ज़रूरी थे।

    इसके लिए समिझा ने अपने उन सभी ग्राहकों को फ़ोन लगाएँ जो उनसे नियमित टिकट खरीदते थे। इन्हीं में से एक पीके चंद्रन भी थे। इस टिकट की कीमत दो सौ रुपये थी।

    बता दें कि चंद्रन ने जो टिकट उधार लिया, उस पर छह करोड़ रुपये का जैकपॉट लग गया। समिझा को रविवार शाम ही पता लग गया कि उनके पास मौजूद एक टिकट पर पहला इनाम निकला है। समिझा ने देखा कि यह टिकट चंद्रन ने रुकवाया था।

    ऐसे में वह तत्काल उनके घर गईं और 200 रुपये लेकर टिकट उनके हवाले कर दिया। वह कहती हैं कि यदि चंद्रन ने एक फ़ोन पर भी उनके कहने पर लॉटरी खरीद ली थी, तो ये उनका भरोसा ही था।

    यदि ये भरोसा ऐसे ही बना रहा तो आगे वह बहुत पैसा कमा सकती हैं अपने पेशे से। वह कहती हैं,

    ‘मेरे Chandran chettan को जीतने का टिकट सौंपने के बाद से लोग मेरी ईमानदारी की तारीफ करने लगे। हालांकि, लोगों को समझना होगा कि यह बिजनेस ही ईमानदारी और भरोसे का है। हमें ईमानदार होना होगा, क्योंकि मेहनत की कमाई से टिकट खरीदने वाले हर ग्राहक की बदौलत ही हमारा घर चलता है।

    दरअसल महिला की ईमानदारी के चर्चे सोशल मीडिया पर खूब हो रहे है।

    सिक्योरिटी गार्ड को प्याज लहसुन के साथ चावल खाते देख पिघला लोगों का दिल, वजह जान रो पड़ेंगे आप

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    सोशल मीडिया पर अक्सर कुछ ऐसी चीजें और घटनाएं सामने आती हैं, जिन्हें देखकर हमारा दिल पसीज जाता है। महामारी फैलने के बाद तो देशभर में लोगों के लिए अपना परिवार चलाना और गुजर बसर करना काफी मुश्किल हो गया है। बहुत से लोगों की नौकरी भी चली गई।

    ऐसे में अब लोगों के लिए अपने परिवार को चलाना काफी मुश्किल हो गया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसी फोटो वायरल हो रही है, जिसे देखकर हर किसी का दिल पसीज गया है। इस वायरल फोटो में शख्स प्याज और लहसुन के साथ पके हुए चावल खाता नजर आ रहा है! दावा किया जा रहा है कि मामला मलेशिया का है।

    इस वायरल पोस्ट को खबर लिखे जाने तक हजारों से अधिक रिएक्शन्स और ज्यादा से ज्यादा शेयर मिल चुके हैं। जबकि बहुत से यूजर्स कमेंट कर अपना दुख जाहिर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ये फोटो एपिट लिड नाम के शख्स ने शेयर की है।

    पोस्ट में दो फोटो नजर आ रही हैं, जिसमें से एक फोटो में सिक्योरिटी गार्ड खाना खा रहा है और दूसरी फोटो में उसका खाना दिखाया गया है। ये देख लोगों के आंखों में आंसू आ गए है। वहीं फोटो के साथ जो कैप्शन लिखा है,

    उसका हिंदी में अर्थ है, “उदाहरण के लिए … मेहनती काम … वेतन सबका उतना ही है जितना कि .. लेकिन वे लहसुन + पके पानी की ग्रेवी + बड़े प्याज + लहसुन क्यों खाते हैं?

    क्योंकि वह गाँव में अपने परिवार से प्यार करता है.” उसके पास 100 येन से अधिक कुछ भी नहीं बचता एक महीने में, क्योंकि बाकी वेतन सभी को गांव में भेज देता है, उम्मीद है कि सब कुछ आसान हो जाएगा।

    प्याज और लहसुन के साथ चावल खाने वाले गार्ड की ही तस्वीर एकमात्र उदाहरण नहीं है हमारे सभ्य समाज का, बल्कि इंटरनेट पर रोजाना ऐसी कई तस्वीरें शेयर की जाती हैं जिसमें भूख के आगे इंसान की बेबसी को देखकर किसी की आंखों से भी आंसू निकल जाए।

    8 साल का पाकिस्तानी बच्चा भूला रास्ता और भारत में घुसा, BSF जवानों ने खाना खिलाकर भेजा वापस

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    राजस्थान के बाड़मेर में भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ ने मानवता का परिचय देते हुए पाकिस्तान से आए बच्चे को महज पौने दो घंटे में ही पाकिस्तान भेज दिया। आपको बता दे कि यहां सीमा पर तैनात जवानों ने रो रहे बच्चे को देखा और उसे अपने साथ ले गए। फिर उसे अच्छे से खाना खिलाया गया, उसे चॉकलेट दी।

    जिसके बाद भारत-पाक जवानों के बीच शाम 7 बजे फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें बालक को वापिस पाकिस्तान को सुपुर्द कर दिया गया। बताया गया कि पाकिस्तान से सटे बाड़मेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शुक्रवार शाम को सीमा सुरक्षा बल के जवान द्वारा रोने की आवाज सुनकर एक 8 साल के बच्चे को पकड़ लिया गया। वह भारतीय सीमा में सीमा चौकी समरोड बीओपी तक पहुंचे।

    प्रारंभिक पूछताछ में जानकारी मिली कि 8 साल का लड़का करीम खान रास्ता भूल गया था और सीमा में घुस गया था। करीम खान ने खुद को पाकिस्तान के थारपारकर जिले की नागरपारकर तहसील का निवासी बताया।

    पाकिस्तानी बच्चा गलती से सीमा पार कर भारत आ गया। बच्चा मिलने के बाद बीएसएफ ने सेना को सूचित किया। इसके बाद भारतीय सेना के अधिकारियों ने पाक रेंजरों के साथ फ्लैग मीटिंग की और उन्हें नाबालिग के पार आ जाने की जानकारी दी।

    बता दे कि भारत ने कई अवसरों पर दरियादिली की मिशाल पेश की है, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है। यहाँ तक कि नवंबर 2020 में जब राजस्थान के बाड़मेर जिले में बिजराड़ थाना क्षेत्र का रहने वाला एक 19 साल का युवक, जिसका नाम गेमाराम मेघवाल था, वह भी उस बालक करीम खान की ही तरह भूल से भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करके पाकिस्तान चला गया था, परन्तु पाकिस्तान ने उसे अब तक भारत में नहीं भेजा है।

    बिना केमिकल 12 वर्षों से छत पर उगा रहें सब्जियाँ, होता है इतना मुनाफा

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    महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती रहती है। खासकरके सब्जियां अगर महंगी हो जाए तो लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। महेंद्र साचन पर सब्जियों के बढ़ते दाम का कोई असर नहीं होता, जानते हैं क्यूँ? क्योंकि वह अपने घर की छत पर ही 20 से ज्यादा तरह की हरी सब्जियां उगाते हैं। पेस्टिसाइड्स और केमिकल खाद से पोषित कर उगाई हुई सब्ज़ियाँ खाते वक्त हमारे मन में भी ख्याल आता है की काश थोड़ी सी ज़मीन होती तो खुद की सब्जियां बोते।

    इस सपने को हकीकत किया है, महेंद्र साचन ने। महेंद्र साचन की जिन्होंने अपने प्रयास से सिद्ध कर दिया कि इंसान अगर चाह ले तो खुद हीं हर कार्य कर सकता है और दूसरों पर निर्भरता खत्म की जा सकती है।

    महेंद्र बाजार की सब्जियों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं इसलिए उन्होंने सब्जियों के उत्पादन हेतु नायाब तरीका अपनाया है।आपको बता दे कि महेन्द्र साचन उत्तरप्रदेश राज्य के लखनऊ के मुंशी पुलिया इलाके के रहने वाले हैं।

    उनका कहना है कि बाजार में उपलब्ध सब्जियां एक तो महँगी होती हैं दूसरी वह केमिकल खाद और कीटनाशक दवाओं के प्रयोग से उपजने के कारण स्वादहीन और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से नुकसानदेह होती है।

    इंसान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसा भोजन करें जिससे स्वास्थ्य ठीक रहे। जैसा कि आप सब जानते गई कि आज कल सब्जियों को तैयार करने में दवाइयों का तेजी उपयोग होता है जिससे शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है।

    इसी वजह से महेंद्र घर में ही खेतीं कर सब्जियों का उत्पादन करते है और अपने पड़ोसियों में भी सब्जियों को वितरित करते है। महेंद्र साचन के अनुसार सब्जियों की खेती करने से वह लगभग 2500-3000 रुपये महीना बचा लेते है।

    वैसे उन्होंने शुरुआत में सिर्फ़ कुछ ही पौधे लगाए थे, जैसे-बैंगन, लौकी, टमाटर, मूली इत्यादि के। लेकिन बाद में उन्होंने अपने पूरे छत को ही हरी सब्जियों से भर दिया।

    कुछ बड़ा करने के प्रण लेकर निकले थे घर से, माँ के दिए 25 रुपये खड़ी कर ली 7,000 करोड़ की कंपनी

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    ब्रिटिशकालीन भारत में 1898 में जन्में मोहन सिंह ओबेरॉय अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत और उनका होटल साम्राज्य आज भारत के साथ ही श्रीलंका, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया और हंगरी जैसे देशों में फैला हुआ है। झेलम जिले के भाऊन में एक सामान्य से परिवार में जन्में मोहन सिंह जब केवल छह माह के थे तभी उनके सर से पिता का साया उठ गया था।

    ऐसी हालत में घर चलाने और बच्चों को पालने की जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई। एक महिला पर सारो जिम्मेदारी आना कोई आसान बात नहीं थी। उस समय मोहन ने सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज में पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में जुट गए लेकिन नौकरी नहीं मिली।

    नौकरी को लेकर मोहन को काफी संघर्ष करना पड़ा। इसी बीच गाँव के लोगों के दबाव के चलते उनका विवाह भी हो गया। उनका विवाह कलकत्ता के एक परिवार में हुआ था। विवाह के बाद मोहन सिंह ओबरॉय का ज्यादातर समय ससुराल में ही बीतने लगा था। ऐसे में जब वह एक बार अपने घर आए तो पता लगा कि पूरे गाँव में प्लेग फैल चुका है। जिससे गाँव के कई लोग जान गंवा चुके हैं।

    हालातों को देखते हुए ओबेराय की माँ ने उन्हें वापिस ससुराल लौट जाने की सलाह दी। माँ ने कहा कि वह फिलहाल ससुराल में रहकर ही कुछ काम-धंधा करें लेकिन किस्मत इतनी खराब थी कि बिना नौकरी के ही उन्हें मजबूरन ससुराल में रहना पड़ा। ओबेरॉय उन दिनों को याद करते हुए आगे बताते हैं कि ससुराल में एक दिन उन्होंने देखा कि अख़बार में एक सरकारी नौकरी का विज्ञापन छपा हुआ है। विज्ञापन क्लर्क के एक पद के लिए था जिसकी मोहन सिंह ओबरॉय योग्यता रखते थे।

    इस विज्ञापन को देखने बाद मोहन सिंह ओबरॉय बिना कुछ सोचे समझे सीधा शिमला निकल गए। शिमला में वह एक होटल को देखकर वह काफी प्रभावित हुए और उस होटल के मैनेजर से नौकरी के बारे में पूछा। मैनेजर ने उनसे प्रभावित होकर 40 रुपये की मासिक सैलरी पर रख लिया। मोहन सिंह ओबेराय सिसिल होटल में मैनेजर, क्लर्क, स्टोर कीपर सभी कार्यभार खुद ही संभाल लेते थे और अपने प्रयत्नों और कड़ी मेहनत से उन्होंने ब्रिटिश हुक्मरानों का दिल जीत लिया था।

    ब्रिटिश मैनेजर इरनेस्ट क्लार्क छह महीने की छुट्टी पर लंदन गए तो वह सिसिल होटल का कार्यभार मोहन सिंह ओबराय को सौंप गए। मोहन सिंह ने इस दौरान होटल के औकुपैंसी को दोगुना कर दिया। धीरे-धीरे उनकी सैलरी बढ़कर 50 रुपये हो गई और रहने के लिए एक क्वॉर्टर भी मिल गया।

    वह अपनी पत्नी के साथ वहां रहने लगे। समय ऐसे ही गुजरता रहा और एक दिन होटल के मैनेजर क्लार्क ने मोहन सिंह ओबरॉय के सामने नई पेशकश रखी। वह चाहते थे कि सिसिल होटल को 25,000 रुपए में मोहन सिंह ओबरॉय खरीद लें। मोहन सिंह ओबरॉय ने इसके लिए उनसे कुछ समय मांगते हुए होटल खरीदने की हामी भर दी।धीरे-धीरे मोहन सिंह देश के सबसे बड़े होटल उद्योगपति बन गए। ओबेरॉय होटल ग्रुप सबसे बड़ा होटल ग्रुप माना जाता है और इस ग्रुप का टर्नओवर 1,500 करोड़ के करीब है।

    टीचर ने किया लहसुन से अनोखा प्रयोग, बनाया ऐसा स्प्रे जो 10 घंटे तक दूर रखेगा मच्छरों को, ये है तैयार करने की विधि

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    गर्मी का आगमन हो चुका है और मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। लोगों की रात की नींद व दिन का चैन छीनने वाले मच्छरों से अब लहसुन निजात दिलाएगा। वैसे तो लहसुन के खाने में बड़े फायदे हैं, लेकिन इसके बने मिश्रण से अब मच्छरों से भी छुटकारा मिलेगा। इसके लिए कानपुर बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के केमेस्ट्री के शिक्षक अवनीश मेहरोत्रा ने लहसुन व सब के सिरका (एप्पल साइडर विनेगर) से ऐसा मिश्रण तैयार किया है

    जिसके छिड़काव से दस घंटे तक मच्छर आपके आसपास से गायब हो जाएंगे। आपको बता दे कि लहसुन में बहुत औषधीय गुण होते हैं इसकी वज़ह से लहसुन का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन अब तो इसकी एक और विशेषता सामने आई है, जिसके तहत में लहसुन आपको मच्छरों से भी निजात दिलाएगी। लहसुन स्प्रे की पावर से 10 घंटे तक तो मच्छर आपके आसपास भी नहीं फटकेंगे।

    हम अक्सर पेड़ पौधों के पास बैठते है लेकिन मच्छर लगने की वजह से  बैठ नहीं पाते लेकिन अब इस स्प्रे की मदद से आप मच्छरों से निजात पा सकते है। ये स्प्रे बहुत फयदेमंद है।

    लाख कोशिशें करने के बाद भी ये मच्छर घर में घुसकर मलेरिया, डेंगू और येली फीवर जैसी बीमारियों को फैलाने से बाज नहीं आते हैं। इन कैमिकल युक्त स्प्रे और कॉयल आदि जैसी चीजों से निकलने वाला धुंआ हानिकारक होता है।

    इन सबसे बचने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों को अपना कर इन मच्छरों से छुटकारा पा सकते हैं। वहीं शिक्षक अवनीश बताते हैं कि उन्होंने अटल टिकरिंग लैब में इस प्रयोग को किया और फिर इसका परीक्षण किया।

    परीक्षण के बाद उन्होंने जहां-जहां मिश्रण का छिड़काव किया, वहां से मच्छर गायब हो गए। अवनीश ने बताया कि इस मिश्रण के प्रयोग से सेहत पर कोई नुकसान नहीं पड़ता।

    शिवसेना सांसद ने सांसद नवनीत कौर राणा को दी एसिड अटैक की धमकी, यहाँ जाने क्या है मामला

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    महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा ने आरोप लगाया है कि शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने उन्हें लोकसभा की लॉबी में धमकाया। साथ ही कहा कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ सदन में मामला उठाने पर जेल भेजने की चेतावनी भी दी गई। वहीं नवनीत राणा ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें एसिड अटैक की धमकी दी गई है।

    उद्धव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग उनकी सफलता से दिक्कत महसूस कर रहे हैं। ये सिर्फ नवनीत राणा का मसला नहीं है। ये मामला सभी आगे बढ़ रही महिलाओं की सुरक्षा का है।

    उन्होंने कहा कि मैंने पीएम मोदी, अमित शाह को इस धमकी भरे पत्र और सदन में मेरे साथ हुई घटना से अवगत कराया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को भी इस घटना के बारे में बताया है।

    हालांकि अरविंद सावंत ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इससे इंकार किया है। सांसद ने इन धमकियों की शिकायत लोक सभी स्पीकर ओम बिरला से भी की है।

    नवनीत राणा ने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा कि उन्हे पहले भी शिवसेना के लैटर हैड और फोन पर एसिड अटैक की धमकी मिली है। आपको बता दे कि मुंबई में जन्मी नवनीत एक्ट्रेस रह चुकी हैं।

    तेलुगु सिनेमा में नज़र आईं लेकिन हिंदी, पंजाबी, मलयालम फिल्मों में भी काम किया है। फिल्मों में आने से पहले मॉडल थीं। फिल्मों से ब्रेक लिया और 2011 में रवि राणा से शादी की। 3100 से ज्यादा जोड़ों के साथ सामूहिक विवाह में इन्होंने शादी की।

    2019 में नवनीत ने युवा स्वाभिमान पार्टी से चुनाव लड़ा। इसे विपक्ष का समर्थन मिला हुआ था। अपनी खूबसूरती के लिए उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी।

    एक बार फिर नवनीत चर्चा में बनी हुई है लेकिन इस बार उनके चर्चा में आने की वजह उनकी खूबसूरती नहीं बल्कि उनका एक राजनीतिक मुद्दा है।

    कोरोना काल में अदार पूनावाला ने की बड़ी डील, लंदन में 50 लाख रुपए प्रति महीने किराए पर ली हवेली

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    कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने लंदन में दो करोड़ रुपए किराए पर आलीशान बंगला लिया है। बंगला लंदन के सबसे पॉश इलाके मेफेयर में है। यह आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें मेफेयर इलाके के सीक्रेट गार्डन में जाने का सीधा रास्ता है। आपको बता दे कि अदार पूनावाला एक भारतीय अरबपति हैं और उनके परिवार के मालिकाना हक वाली फर्म जितनी वैक्सीन बनाती है,शायद ही धरती पर कोई दूसरी कंपनी बनाती होगी।

    जब उनसे कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर चल रही रेस के बारे में पूछा तो उन्होंने अपनी एक अलग ही राय दी। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन कोई एक कंपनी नहीं बना सकती है।

    उन्होंने कहा कि अगर कोई बताता है कि कब तक सब में कोरोना को लेकर इम्युनिटी आ जाएगी तो वह सिर्फ बातें बना रहा है।उन्होंने बताया कि 2024 तक भी हर किसी में इम्युनिटी नहीं आ सकेगी।

    खबर ये है कि अदार पूनावाला इस आलीशान बंगले के लिए हर हफ्ते 50,000 पाउंड देते हैं। एक ब्रिटिश पाउंड की कीमत रुपये में 99.91 है, यानी करीब 50 लाख रुपये वो हर हफ्ते किराया देते हैं।

    इस प्रॉपर्टी के साथ ही एक गेस्ट हाउस और एक सीक्रेट गार्डन भी उपलब्ध है।खबर के अनुसार इस डील से सेंट्रल लंदन के लग्जरी मार्केट को तेजी मिलेगी, जो ब्रेक्जिट और कोविड महामारी की वजह से प्रभावित रहा है।

    पिछले पांच साल में लंदन के मेफेअर इलाके में किराया करीब 9.2 फीसदी गिर गया है। पूनावाला की कंपनी ने AstraZeneca से टाईअप कर कोरोना वैक्सीन की करोड़ों डोज तैयार की हैं। उनका ब्रिटेन में काफी आना-जाना रहता है और उन्होंने लंदन के वेस्टमिनिस्टर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।

    बाबा रामदेव के आश्रम में नवनीत राणा को मिला था सपनों का राजकुमार, पढ़ें इनकी पूरी प्रेम कहानी

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    एक महिला सांसद नवनीत कौर राणा इन दिनों खूब चर्चा में हैं। दरअसल, नवनीत राणा ने बीते दिन लोकसभा में महाराष्ट्र में जारी 100 करोड़ रुपये के वसूली कांड का मसला उठाया था और महाविकास अघाड़ी सरकार पर जमकर बरसी थीं। संसद में मनसुख हिरेन हत्या का मामला उठा कर महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी सरकार पर कई आरोप लगाए थे।

    उन्होंने कहा था कि जिस पुलिस अधिकारी को 16 साल तक निलंबित रखा गया, उसे महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी सरकार आते ही बहाल क्यों कर दिया गया?

    मामले को संसद में उठाने के बाद नवनीत राणा ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने उन्हें जेल में डालने और देख लेने की धमकी दी है।

    आपको बता दे कि नवनीत कौर का निजी जीवन काफी चर्चा में रह है। उन्होंने साल 2011 में अमरावती के बडनेरा विधानसभा से विधायक रवि राणा से विवाह किया था। नवनीत और रवि की पहली मुलाकात बाबा रामदेव के आश्रम में हुई था।

    जहां दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। उन्होंने एक सामूहिक विवाह समारोह में शादी की। उनके साथ 3162 जोड़ों ने भी इस विवाह समारोह में साथ में फेरे लिए थे। चुकी तब रवि राणा विधायक थे इसलिए ये शादी बहुत चर्चा में आई थी।

    उनकी राजनीति में एंट्री पति रवि राणा की वजह से हुई।दोनों ने 2 फरवरी 2011 में शादी रचाई थी। रवि राणा अमरावती के बडनेरा विधान सभा क्षेत्र से विधायक हैं। नवनीत रवि की लव स्टोरी भी बड़ी दिलचस्प है।

    योगा में विशेष रूची रखने वाली नवनीत कौर राणा का बाबा रामदेव के साथ जुड़ाव बेहद खास है। नवनीत बाबा की बड़ी प्रशंसक होने के साथ ही उनको अपने पिता के समान मानती हैं।

    केजरीवाल का पर कतरते ही देखें कैसे LG के इशारे चलने पर लगे केजरीवाल,किया ये ऐलान…

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    राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना यानी मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना में आए व्यवधान को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना का नाम बदला है। पहले इस योजना का नाम रखा गया था मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना। अब योजना का नाम नहीं होगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब पहले की तरह ही राशन योजना रहेगी।

    इसी बीच केंद्र सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी है जिसके बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि, दिल्ली में 25 मार्च से राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू होने वाली थी।

    दिल्ली सरकार की तरफ से योजना के लिए टेंजर भी अवॉर्ड किए जा चुके हैं। केजरीवाल सरकार की राशन डोरस्टेप डिलीवरी योजना के तहत लोगों को उन्हें घर पर ही सूखा राशन मिलता।

    मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत गेहूं के बदले आटा एवं चावल का पैकेट देने की योजना थी। दिल्ली सरकार की ओर से दावा किया गया था कि डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ राशन शुरू होने के बाद लोगों को राशन की दुकान पर आने की जरूरत नहीं पड़ती।

    वहीं दिल्ली सरकार को भेजे पत्र में केंद्र ने योजना शुरू करने पर मनाही कर दी थी। इसके लिए केंद्र ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम का हवाला दिया था।इससे 25 मार्च को लॉन्च होने जा रही योजना अधर में लटक गई है।

    उधर, योजना रोके जाने के बाद से आम आदमी पार्टी नए सिरे से केंद्र सरकार पर हमलावर है। पार्टी ने इसे केंद्र सरकार और राशन माफिया की मिलीभगत का नतीजा करार दिया है।