राजस्थान के बाड़मेर में भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ ने मानवता का परिचय देते हुए पाकिस्तान से आए बच्चे को महज पौने दो घंटे में ही पाकिस्तान भेज दिया। आपको बता दे कि यहां सीमा पर तैनात जवानों ने रो रहे बच्चे को देखा और उसे अपने साथ ले गए। फिर उसे अच्छे से खाना खिलाया गया, उसे चॉकलेट दी।
जिसके बाद भारत-पाक जवानों के बीच शाम 7 बजे फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें बालक को वापिस पाकिस्तान को सुपुर्द कर दिया गया। बताया गया कि पाकिस्तान से सटे बाड़मेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शुक्रवार शाम को सीमा सुरक्षा बल के जवान द्वारा रोने की आवाज सुनकर एक 8 साल के बच्चे को पकड़ लिया गया। वह भारतीय सीमा में सीमा चौकी समरोड बीओपी तक पहुंचे।

प्रारंभिक पूछताछ में जानकारी मिली कि 8 साल का लड़का करीम खान रास्ता भूल गया था और सीमा में घुस गया था। करीम खान ने खुद को पाकिस्तान के थारपारकर जिले की नागरपारकर तहसील का निवासी बताया।

पाकिस्तानी बच्चा गलती से सीमा पार कर भारत आ गया। बच्चा मिलने के बाद बीएसएफ ने सेना को सूचित किया। इसके बाद भारतीय सेना के अधिकारियों ने पाक रेंजरों के साथ फ्लैग मीटिंग की और उन्हें नाबालिग के पार आ जाने की जानकारी दी।

बता दे कि भारत ने कई अवसरों पर दरियादिली की मिशाल पेश की है, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है। यहाँ तक कि नवंबर 2020 में जब राजस्थान के बाड़मेर जिले में बिजराड़ थाना क्षेत्र का रहने वाला एक 19 साल का युवक, जिसका नाम गेमाराम मेघवाल था, वह भी उस बालक करीम खान की ही तरह भूल से भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करके पाकिस्तान चला गया था, परन्तु पाकिस्तान ने उसे अब तक भारत में नहीं भेजा है।