हिन्दू मान्यताओं के आधार पर कुछ खास पेड़-पौधों को धर्म-कर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। जैसे कि पूजा-पाठ के कामों में तुलसी का प्रयोग श्रेष्ठ माना जाता है, वैसे ही व्रत विधान में पीपल, नीम और बरगद के पेड़ को विशेष महत्व होता है। पीपल के पेड़ में देवताओं का वास होता है। स्कन्दपुराण में कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्ण का वास होता है।
पीपल के पेड़ से जुड़ी एक खबर बताने जा रहे है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। प्रखंड के कुसुमटोली गांव में एक प्राचीन पीपल पेड़ के तने के बीच से मां दुर्गा की एक छोटी सी मूर्ति निकल पड़ी है।
पहले तो लोगों ने इसे मजाक में लिया लेकिन धीरे-धीरे यह लोगों की आस्था से जुड़ गया। इस पेड़ को देखने के लिए लोगों का तांता लग गया है। ग्रामीणों ने बताया कि जिउतिया के दूसरे दिन गांव की एक महिला पीपल के पेड़ में जलार्पण करने गई थी।
लौटने के क्रम में उसे तने के बीच में कुछ उभरी आकृति दिखाई दी। गौर से देखने पर पाया कि तने के भीतर से मा दुर्गा की एक छोटी प्रतिमा निकली हुई है। यह बात उसने अन्य लोगों को बताई। गांव के बुजुर्गो का कहना है कि पीपल के पेड़ को घेरकर पूजा-अर्चना शुरू कर दे ये भगवान का चमत्कार है।
जिस जमीन में पीपल है उसके मालिक का कहना है कि वो मकान बनाना चाहता था लेकिन अब इस चमत्कार के कारण वो मंदिर का निर्माण करवाएगा।
जब गांववालों ने नजदीक से देखा तो वाकई तने से दुर्गा मां की प्रतिमा निकल रही है जो बेहद आश्चर्यजनक थी, खासकरके गांव के लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।
अब इस चमत्कार को देखकर लोगों की आस्था और बढ़ गयी है वे हर दिन पीपल के पेड़ को पूजा कर रहे है। क्योंकि पीपल के पेड़ से मां दुर्गा की मूर्ति निकलना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।