30.1 C
Delhi
Tuesday, April 30, 2024
More

    Latest Posts

    ‘रसना गर्ल’ का जन्मदिन के दिन हुआ था दर्दनाक अंत, मरने से पहले दोस्तों से कही थी यह बात

    जिंदगी तो एक सफेद सा दिखता झूठ है। अटल सत्य तो सिर्फ मौत ही है, क्योंकि ये ही ऐसी चीज़ है जो एक दिन सबके पास आती है। किसी के पास जल्दी तो किसी के पास लंबे समय बाद, लेकिन आती ज़रूर है।

    अब ये रसना गर्ल के नाम से जाने, जाने वाली गर्ल के पास इतनी जल्दी कैसे आ गई। तरुणी सचदेव, नाम सुना है? याद नहीं आ रहा? अच्छा ‘रसना गर्ल’ से कुछ घंटी बजी? हां वही रसना गर्ल जिसका मासूमियत से ‘आई लव यू रसना’ हमारी यादों में अब तक ताज़ा है।

    तरुणी सचदेव, एक इंडियन मॉडल और बाल अभिनेत्री थीं। जन्म मुंबई शहर में 14 मई, 1998 को हुआ। उनके पापा हरेश सचदेव एक इंडस्ट्रियलिस्ट हैं। मां का नाम गीता सचदेव। तरुणी ने अपनी पढ़ाई मुंबई से की थी।

    मां मुंबई के इस्कॉन के राधा गोपीनाथ मंदिर की एक भक्त मंडली की सदस्य थी। खुद तरुणी ने भी मंदिर के त्यौहारों के कई नाटकों में हिस्सा लिया था। तरुणी 5 साल की उम्र में ही फ़िल्म इंडस्ट्री में आ गईं थीं। वो अपने समय की सबसे ज़्यादा पैसे कमाने वाली बाल कलाकार भी थीं।

    आगे बढ़ने से पहले वो एड देख लीजिए जिसके लिए तरुणी इतनी मशहूर हुईं। तरुणी ने रसना, कोलगेट, आईसीआईसीआई बैंक, रिलाइंस मोबाइल, एल.जी, कॉफ़ी बाइट, गोल्ड विनर, शक्ति मसाला जैसे उत्पादों के लिए बहुत से टेलीविजन एड में अभिनय किया था।

    वो इंडस्ट्री की सबसे बिजी चाइल्ड मॉडल मानी जाती थीं। तरुणी स्टार प्लस के शो ‘क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं?’ में भी कंटेस्टेंट बनकर आ चुकी हैं। उस समय ये शो शाहरूख खान होस्ट किया करते थे।

    उन्होंने 2004 की मलयालम फिल्म में ‘वेल्लिनक्षत्रम’ से डेब्यू कर अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी। शायद तरुणी सचदेव के माता पिता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस दिन वो बेटी का जन्मदिन मनाएंगे वहीं दिन उनकी बेटी का आखिरी दिन बन जाएगा।

    14 मई 2012 को अपने जन्मदिन के मौके पर तरुणी अपनी मां के साथ नेपाल के लिए मुबंई से रवाना हुई थी। लेकिन बीच सफर में ही अग्नि एयर फ्लाइट सीएचटी प्लेन क्रैश हो गया। जिसमें तरुणी और उनकी मां की मौत हो गई।

    उस समय इस ख़बर को सुनकर सभी सकते में आ गए थे, लेकिन सच्चाई यही थी इसीलिए देर-सवेर ही सही सभी यही स्वीकारना था। लेकिन ऐसे में तरुणी के माता-पिता के लिए ये एक सदमे से कम ना था।

    फिर उन्होंने भी इसे स्वीकारा। क्योंकि इंसान का धरती पर आना और फिर इससे चले जाना, यही दो चीज़ें इंसान के हाथ में नहीं है। ये सब कुदरत का कड़वा सच्च है।

    Latest Posts

    Don't Miss

    Stay in touch

    To be updated with all the latest news, offers and special announcements.