दिल्ली सरकार दिल्ली के इलेक्ट्रिक वाहन के मालिकों के लिए नई नीति लेकर आ आ रही है।दिल्ली सरकार ने अपनी 2020 में शुरू की ईवी नीति के दो साल पूरे होने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग ‘एक्शन प्लान’ जारी किया है।
सरकार के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एक्शन प्लान फॉर 2022-25 के दस्तावेज के मुताबिक़ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैपिंग सुविधा ऑपरेटरों के लिए प्रोत्साहन और 2024 तक 15 ईवी के लिए एक सार्वजनिक चार्जिंग पॉइट होगा।इसके साथ ही सरकार के पास बिजली वितरण कंपनियां भी होंगी, जो ग्रिड पर ईवी चार्जिंग के प्रभाव का अध्ययन करेंगी।
योजना के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में सबसे बड़ी दिक्कत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एक्शन प्लान फॉर 2022-25 वाले दस्तावेज़ में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ईवी नीति में बैटरी स्वैपिंग सुविधा ऑपरेटरों को प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहन का संचालन करेगी।
इसके साथ ही योजना में कहा गया है कि, यदि वाहन के साथ बैटरी नहीं बेची जाती है, तो ऊर्जा ऑपरेटरों को खरीद प्रोत्साहन का 50 प्रतिशत तक यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किया जाएगा कि अंतिम उपयोगकर्ता को बड़ी जमा राशि का भुगतान नहीं करना पड़े।समाधान के रूप में बैटरी की अदला-बदली भारत के ई-वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद भी कर सकती है।
बता दे की नीति आयोग द्वारा 20 अप्रैल, 2022 को प्रकाशित बैटरी अदला-बदला नीति के मसौदे और बाद के किसी भी बदलाव के साथ भविष्य के उपायों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक 15 ईवी के लिए एक सार्वजनिक चार्जिंग केंद्र प्रदान करना है।