इंसान की मजबूरी उससे कुछ भी करवा सकती है। मजबूरी उम्र नहीं देखती है। कहते हैं कि कुछ करने की जिद और जुनून हो तो किस्मत भी साथ देती है। ऐसा ही जुनून जमशेदपुर की तुलसी कुमारी के भीतर दिखा, तभी तो उसकी किस्मत ने उसका साथ देकर उसका भविष्य बदलने की ठान ली। जी हां, जमशेदपुर की 11 साल की तुलसी ने पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए सड़क किनारे आम बेचने का फैसला किया और उसी एक फैसले ने उसकी पढ़ाई के सभी रास्ते खोल दिए।
शिक्षा करने की चाह ने उसे इस काम में धकेला था। महामारी ने शिक्षा को ऑनलाइन में तब्दील कर दिया है। दरअसल लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद हुए तो गरीब बच्ची तुलसी की पढ़ाई रुक गई। घऱ के हालात ऐसे नहीं थे कि बच्चे को स्मार्टफोन लेकर दिया जा सके। तब स्मार्टफोन खरीदने के लिए तुलसी ने खुद ही पैसा कमाने की सोची और उसने कुछ आम लेकर सड़क किनारे बैठकर उन्हें बेचना शुरू कर दिया।

इनकी उम्र भले ही कम हो लेकिन काम के लिए जोश अलग ही लेवल का है। यह लेवल इनका सपना पूरा कर रहा है। उस समय झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन था इसके बावजूद सड़क किनारे बैठकर तुलसी आम बेच रही थी। उसकी यही कोशिश रंग लाई। तुलसी जहां बैठकर आम बेच रही थी वहां से गुजर रहे एक शख्स ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया।

सोशल ने इनकी किस्मत बदल दी। वीडियो बहुत ही ज़्यादा वायरल हुई। वीडियो देख कर मुंबई में रहने वाले वैल्यूएबल एडुटेनमेनर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अमेया हेटे ने तुलसी के घर फोन किया औऱ पूछा कि क्या बच्ची पढ़ाई करने के लिए आम बेच रही है। बताए जाने पर उन्होंने तुलसी के 12 आमों की कीमत 10000 रुपए प्रति आम के हिसाब से एक लाख बीस हजार रुपए तुलसी के अकाउंट में जमा करवा दिए। इससे तुलसी की किस्मत बदल गई।

महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से कईयों की रोजी-रोटी छिन गई तो कई परिवारों को सड़क पर ला दिया है। अब तुलसी की अटकी हुई पढाई शुरू हो गई और उसके ऑनलाइन क्लास के लिए स्मार्टफोन भी खरीद लिया।