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Saturday, April 27, 2024
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    नीबू की खेती : पिता के देहांत के बाद बिजनेस छोड़ शुरु की खेती, हर साल 6 लाख रु कमा रहा यह शख्श

     जहां एक तरफ विटामिन सी भरपूर मात्रा में होने की वजह से नींबू के कई औषधीय गुण होते हैं तो वहीं इसका स्वाद चाहे अचार के रूप में हो या नींबू पानी और शिकंजी के रूप में बहुत खास है।

    इसे सलाद और खाद्य पदार्थों में डालकर भी खाया जाता है। इसका पौधा झाड़ी नुमा होता है जोकि बड़ी ही आसानी से उगाया जा सकता है। अगर वैज्ञानिक तरीके से नींबू की खेती की जाए जो बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।

    देश में कई किसान नींबू की खेती करके खूब लाभ उठा रहे हैं और आप भी नींबू की खेती कर बेहतर कमाई कर सकते हैं। नींबू की खेती करना कोई ज्यादा मुश्किल कार्य नहीं है इसलिए आप भी इसमें अपनी मेहनत आजमा सकते हैं।

    याद रहे जैविक तरीके से नींबू की खेती कर आप मुनाफे को दोगुना कर सकते हैं। नींबू का पौधा लगाने का सबसे सही मौसम बरसात का होता है। जुलाई से अगस्त के बीच नींबू की पौध लगाना उचित रहता है।

    नींबू यानी लेमन लगभग हर तरह की मिट्टी में उग जाते हैं लेकिन अगर हल्की दोमट मिट्टी के साथ अच्छी जल निकासी की व्यवस्था हो तो ज्यादा अच्छा है। जो मिट्टी हल्की क्षारीय और तेजाबी होती है उसमें भी नींबू उग जाते हैं।

    नींबू के लिए सूखी जगहों को उपयुक्त माना जाता है जहां तेज और पाला रहित जलवायु रहती है। नींबू की खेती के लिए पहाड़ी क्षेत्र सबसे बेहतर है जहां 750 मि. मि से ज्यादा वार्षिक बारिश नहीं होती।

    अब आपने नीबू के गुण उसकी खेती के बारे में तो जान लिया चलिए अब आपको बताते हैं एक कहानी, जिसमे इसी नीबू की खेती हुई और एक इंसान को इस नीबू की खेती ने कर दिया मालामाल। 

    अब आपको राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले अभिषेक जैन से मिलना चाहिए। एक किसान परिवार में पैदा हुए इस ग्रेजुएट लड़के ने कई बिजनेस किए, सफलता के लिए कमरतोड़ मेहनत भी की।

    बावजूद इसके जब उसे मन मुताबिक तरक्की नहीं मिली और पिता का आकस्मिक निधन हो गया, तब उसने नींबू की खेती में अपनी किस्मत आजमाई। मौजूदा समय में अभिषेक लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं और भीलवाड़ा की पहचान बन चुके हैं।

    अभिषेक अपने सफ़र के बारे में बात करते हुए बताते हैं कि शुरुआती पढ़ाई के बाद वो गांव से निकलकर अजमेर आ गए थे, ताकि पढ़-लिखकर अपना करियर सेट कर सकें। 

    बिना किसी रुकावट के वो ग्रेजुएशन तक पढ़ाई पूरी करने में सफल रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके पास नौकरी करने के कई मौके थे, मगर उन्होंने तय किया कि वो अपना खुद का कोई काम करेंगे।

    परिवार के सहयोग से वो ऐसा करने में कामयाब भी रहे। 2007 में उनके पिता का हार्ट अटैक से निधन हो गया। बस यहीं से  अभिषेक की जिंदगी बदल सी गई। पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।

    ऐसे में उन्होंने तय किया कि वो शहर नहीं जाएंगे और गांव में ही रहकर अपने दादा और पापा की तरह खेती करेंगे। फिर क्या हुआ बताते हैं, आजकल अभिषेक बागवानी में मुख्य रूप से नींबू और अमरूद की खेती करते हैं।

    उन्होंने तीन एकड़ जमीन पर नींबू और तीन एकड़ जमीन पर अमरूद के पौधे लगा रखे हैं। नीबू का उदाहरण देते हुए अभिषेक बताते हैं कि एक एकड़ नींबू लगाने में 70 से 80 हजार रुपए तक की लागत आती है और सब कुछ ठीक रहा तो एक एकड़ जमीन पर 2 से 2.5 लाख रुपए की कमाई संभव है।

    नींबू की खेती से वो खुद 6 लाख रुपए तक का सालाना मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं अमरूद की खेती से उन्होंने तीन लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है। अब अभिषेक का खुद का जीवन उनके पूरे परिवार का जीवन बहुत शानदार तरीके से चल रहा है।

    और ऐसा उन्होंने अपने दम पर ही किया है, उन्होंने अपने पूरे परिवार के साथ पूरी शिद्दत से मेहनत की और उनकी मेहनत रंग भी लाई और आज अभिषेक अपने मेहनत के दम पर ही अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं।

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