यूं तो पेड़ों से सबसे ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। सभी को पेड़ ज्यादा से ज्यादा लगाने चाहिए। ना सिर्फ पेड़ लगाने चाहिए, बल्कि उनकी सुरक्षा भी करनी चाहिए, उन्हें सींचना भी चाहिए। लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाता है, पौधारोपण अभियान चलाया जाता है, लेकिन उसके ठीक उलट ज्यादा से ज्यादा जमीन को उजाड़कर, उस पर पैदावार की जगह, पेड़ पौधों की जगह, घर बनाए जा रहे हैं।
कंपनी, फैक्ट्री, मॉल बनाए जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही हैं, यानी जंगलों को काटा जा रहा है, पेड़ों को काटा जा रहा है, और उसी का कारण है कि प्रकृति के साथ जो कुछ हम कर रहे हैं, वहीं प्रकृति हमको दे रही है। प्रकृति के साथ हम छल कर रहे हैं।

हम प्रकृति से जो पा रहे हैं वह हम ने ही किया है। उसकी भरपाई हमें करनी पड़ रही है। जब हम सभी जानते हैं, मानते हैं समझते हैं, कि पेड़ों से ही हमेशा ऑक्सीजन मिलती है, तो फिर हम पेड़ों को क्यों काटते हैं। अगर पेड़ों को काटते हैं तो उतने ही पेड़ क्यों नहीं लगाते। उतने ही पेड़ों को क्यों नहीं सींचते।
अगर ऐसा ही रहा तो भविष्य में पेड़ ना होने की वजह से प्रकृति एकदम ऐसा विकराल रूप लेगी कि, अभी तो महामारी है। उस समय महाप्रलय आएगा। हम आपको इसलिए ये सब बता रहे हैं और यह पूरा माहौल इसलिए आपके लिए हम लेकर आए हैं, पेड़-पौधे-ऑक्सीजन, वृक्षारोपण-पौधारोपण, क्योंकि यह कहानी इसी से जुड़ी हुई है।

यह खबर इसी से जुड़ी हुई है। इन दिनों कोरोना महामारी की चपेट में लगभग सभी आ रहे हैं। और इस कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कोरोना वायरस की वजह से लोगों के लिए ऑक्सीजन की कमी हो रही है।
जिसकी वजह से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है, और लोग दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में एक बुजुर्ग ने ऐसा काम किया, कि वह पीपल के पेड़ के ऊपर चढ़ गया। और 24 घंटे उसी पर रहता है। उसने उसी को अपना घर बना लिया, जिससे कि उसके अंदर ऑक्सीजन की कमी ही ना हो। इस तरीके से उसका ऑक्सीजन भी मेंटेन रहता है।

अब पूरी कहानी क्या है आपको विस्तार से बताते हैं। बतादेंकई लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ रहे हैं। इसी बीच इंदौर के एक बुजुर्ग ने ऑक्सीजन की कमी से बचने के लिए अनोखा तरीका निकाला है और ये बुजुर्ग पूरे दिन पेड़ पर बैठा रहता है।
इस बुजुर्ग का माना है कि ऐसा करने से शरीर में उसका ऑक्सीजन लेवल सही बना रहेगा और ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। साथ में ही शरीर भी फीट रहेगा। रंगवासा गांव में रहने वाले इस बुजुर्ग का नाम राजेंद्र पाटीदार है और ये अपने परिवार के साथ रहते हैं। इनकी आयु 67 साल की है।
राजेंद्र पाटीदार रोज शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए गांव के पीपल के पेड़ पर चढ़ जाते हैं और घंटों तक पेड़ पर ही रहते हैं। राजेंद्र पाटीदार ने पीपल के पेड़ पर 15 दिनों से अपना डेरा लगा रखा है और जब जरूरत पड़ती है, तभी पेड़ से नीचे उतरते हैं। इन्होंने पेड़ पर एक मचान बना रखा है।
जिसपर जाकर ये बैठ जाते हैं। राजेंद्र पाटीदार कहते हैं कि वो एकदम स्वस्थ हैं। उन्हें कोई बीमारी नहीं है। क्योंकि वो शुद्ब ऑक्सीजन लेते हैं। जबसे ऑक्सीजन की किल्लत देश में हुई है तभी से उन्होंने पेड़ पर चढ़ा शुरू किया है।
ऐसे करने से उन्हें शुद्ध हवा मिलती है और ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है। अगर हर कोई अपने आसपास ख़ूब पेड़ लगाए तो यकीन मानिए इतनी जल्दी ऑक्सीजन की कमी किसी को नहीं होगी।