दक्षिणी असम के दिमा हासो जिले की पहाड़ी घाटी में स्थित जतिंगा एक ऐसा गांव है, जो अपनी प्राकृतिक अवस्था के चलते साल में करीब 9 महीने तक बाहरी दुनिया से अलग-थलग रहता है। लेकिन सितंबर माह की शुरुआत से ही यह गांव खबरों की सुर्खियों बन जाता है।

इसका कारण है यहां होने वाली पक्षियों की सुसाइड की रहस्यमयी घटना। वैसे तो असम अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक विरासत के कारण सैलानियों के लिए प्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है।लेकिन असम में एक ऐसी जगह भी है जहां परिंदे आत्महत्या करते हैं और ये जगह जतिंगा नाम से जानी जाती है।
आपको बता दे कि मानसून के बाद अक्सर सितंबर और नवंबर के महीनों में पक्षियों की 44 प्रजातियां जतिंगा में आती हैं और शाम 6 से 9 बजे के बीच ये परिंदे बिलकुल व्याकुल हो जाते हैं।

हालांकि, महज 2500 लोगों की आबादी वाले इस छोटे से शहर में प्रत्येक वर्ष परिंदों की मौत काफी विचित्र होने के साथ-साथ काफी हद तक अस्पष्ट भी है और जतिंगा पक्षियों के सुसाइट पॉइंट के रूप में पूरे देश में प्रसिद्ध है।
इसके पीछे अलग-अलग वजह बताई जाती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इसके पीछे भूत प्रेत और अदृश्य ताकतों का हाथ है। तो वहीं वैज्ञानिक मानते हैं कि रात को तेज हवाए चलती हैं जिसकी वजह से पक्षियों का संतुलन बिगड़ जाता है।

वहीं भारत सरकार ने पक्षियों की मौत की इस पहेली को सुलझाने की जिम्मेदारी प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ डॉ. सेन गुप्ता को दी थी। उन्होंने काफी रिसर्च करने के बाद बताया कि इसकी वजह मौसम और चुंबकीय शक्तियां हैं।
इसी के साथ असम के बड़े और घने जंगल, चाय के बागान, स्वच्छ निर्मल ब्रह्मपुत्र नदी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। उत्तर-पूर्व के राज्यों में असम एक ऐसा प्रदेश है जो शांति, संस्कृति और परंपरा जैसी खूबियों से परिपूर्ण है। यह भारत के शानदार टूरिस्ट स्टेट के रूप में भी चर्चित है।