देश की राजधानी दिल्ली में सरकार प्रदूषण को कम करने के हर कड़े से कड़े प्रयास कर रही हैं। जिसके लिए सरकार जगह जगह पेड़ पौधे लगाने का आभियान चला रही हैं।
आपको बता दे की वही लुटियंस दिल्ली के क्षेत्र में पिछले तीन सालों में बारिश और आंधी के कारण 350 पेड़ गिरकर खत्म हो गए हैं। हालाकि नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई हैं कि, सरकार ने पिछले दो सालों के दौरान क्षेत्र में आठ लाख से ज्यादा पौधे लगाए है।
एक नगर निकाय ने आरटीआई के जवाब में कहा हैं कि, उन्होंने हरित आवरण (ग्रीन कवर) को बढ़ाने के उद्देश्य से स्थानीय निवासियों को भी पौधरोपण कार्यक्रम में शामिल किया हैं, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
वहीं एनडीएमसी ने कहा कि,“पिछले तीन साल के दौरान भारी बारिश और आंधी के कारण कुल 345 पेड़ गिरे थे। लेकिन एनडीएमसी का बागवानी विभाग पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर काम कर रहा है।पिछले दो साल में एनडीएमसी क्षेत्र में 8,38,675 पौधे लगाए गए हैं।”
एनडीएमसी ने कहा, “पिछले तीन साल के दौरान भारी निगम ने ये भी कहा कि वर्तमान में एनडीएमसी क्षेत्र में डेढ़ लाख पेड़ हैं।
कैसे बनी थी लुटियंस दिल्ली
लुटियंस दिल्ली का निर्माण सर एडविन लैंडसीयर लुटियंस ने किया था। उन्होंने ही राष्ट्रपति भवन एस्टेट में 4 बंगलों को भी डिजाइन किया था। इसे शहर के केंद्र में रायसीना हिल की चोटी पर बनाया गया था।
जब ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लैंडसीयर लुटियंस को 1911 में जब नई दिल्ली का शहरी योजना बनाने का काम सौंपा गया था। तो तब उन्होंने एनडीएमसी क्षेत्र में नीम, पीपल, पिलखन, जामुन, अर्जुन, खिरनी और इमली के पौधे लगाए थे।