महामारी के कहर ने हर तरफ अपना प्रकोप दिखाया है। कोई भी इससे अछूता नहीं है। ज़िंदगी को पूरी तरह से महामारी ने बदल दिया है। महामारी से जंग जीतने के लिए वैक्सीन ही एक मात्र रास्ता है। देश में एक तरफ वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आयी है, वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें भी फैली हुई हैं।
कई लोग जागरूक हैं तो कई लोग अफवाहों पर यकीन करने वाले हैं। लोग इस डर से टीका नहीं लगवा रहे हैं कि कहीं बीमारी से ज्यादा परेशानी उन्हें वैक्सीन से न हो जाए। लेकिन कुछ लोग अपनी समझदारी से दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है झारखंड के गुलशन लोहार ने।

वैक्सीन को लेकर भी तरह-तरह की अफवाहें हैं। इन अफवाहों को दरकिनार करने में भी समाज की भलाई है। गुलशन के दोनों हाथ नहीं हैं, बावजूद इसके उन्होंने अपनी जांघ पर वैक्सीन लगवाई है। उनके जज्बे को देखकर ना सिर्फ वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मी बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।

अफवाहों में आकर लोग इसपर यकीन करने लगते हैं। यह यकीन बड़ी समस्या पैदा कर देता है। महामारी की वैक्सीन आम तौर पर दाहिने हाथ पर दी जाती है लेकिन गुलशन लोहार के दोनों हाथ नहीं हैं। ऐसे में जब गुलशन लोहार वैक्सीन लगवाने पहुंचे तो डॉक्टर असमंजस में पड़ गए कि वैक्सीन कहां पर लगाएं। इस पर गुलशन ने स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि उनकी जांघ पर वैक्सीन लगा दें।

महामारी के आने के बाद तरह-तरह की अफवाहें भी सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा रही हैं। इनपर आप यकीन न करें। गुलशन की तरह गुल खिलाएं अब्दुल की तरह मुँह न फैलाएं। उन्होंने अपनी जांघ पर वैक्सीन लेकर उन लोगों को भी सीख दी है जो वैक्सीन लेने से डर रहे हैं। अपने इस सराहनीय कार्य से उन्होंने एक जागरूक नागरिक होने का उदाहरण पेश किया है।