गाली देना सभ्य समाज में अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन आज के लोग ऐसे हैं जो बिना गली दिए बिना रह ही नहीं सकते। उनके मुंह पर गाली जैसे बैठे ही रहती है, कहीं कुछ हुआ नहीं कि उनके मुंह से गाली पहले निकलती है। लेकिन आपको बता दें गाली देना आपके लिए बहुत अच्छा होता है। गुस्से में कई लोग गाली देते हैं और अपना तनाव कम करते हैं।
गाली देने वाला इंसान स्वस्थ्य और जोश से भरा हुआ दिखाई देता है। हर वक़्त बिना वजह गाली देना सही नहीं लेकिन गुस्से में गाली देने के फायदे बहुत सारे है। ज्यादा गुस्सा, अत्याचार या अधिक तनाव की स्थिति में गाली देने से व्यक्तिगत तौर पर कई फायदे होते है। इस स्थिति में गाली देकर खुद को सुरक्षित करते हैं। जब हम गाली देते हैं तब गुस्से की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होने लगती है।

ज्यादा गुस्से में शांत रहने वालो को अकसर दिल में दबाव बनता है, जिससे हार्ट अटेक आने की सम्भावना बढ़ जाती है, जबकि गुस्से में गाली देने से अटेक से बचा जा सकता है। कई बार हम अपने दोस्तों के सामने भी गाली निकाल देते हैं। इससे आपके दोस्त नाराज भी हो जाते हैं।
हम अक्सर देखते हैं कि मुह से गालियां निकालने के बाद हमें कुछ सुकून मिलता है। इससे हम रिलेक्स फील करते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे दिल पर रखा बोझ हल्का हो गया है।

आपको बता दे कि अब साइंस ने भी प्रूव कर दिया है कि गाली देने से आप कुछ हद तक अपने गुस्से को कम कर पाते हैं और इससे आपका दिमाग तरोताजा रहता है। गुस्से में रक्त का दबाव बढ़ता है और उससे सांस फूलने लगती है, जबकि गुस्से के समय गाली देते रहने से रक्त संचार संतुलित बना रहता है।

गाली देने वाला इंसान – गाली नहीं देने वाले इंसान से ज्यादा जोशीला बना रहता है, क्योकि गाली देने से शरीर के अंदर जो गुस्से का दबाव होता है वह बाहर निकल जाता है। इसीलिए खुद को स्वस्थ रखना है तो क्रोध और तनाव की स्थिति में दिल खोल कर, जी भर कर, चिल्ला चिल्ला कर गाली दीजिये।