लखनऊ के रहने वाले 29 वर्षीय ‘रोबोज़ वर्ल्ड‘ के संस्थापक मिलिंद राज को साल 2014 में उनके द्वारा किये गए ड्रोन के अविष्कार के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने ‘ड्रोन मैन ऑफ़ इंडिया’ का नाम दिया था। इस नाम को बरकार रखते हुए मिलिंद ने पिछले कई सालों से अलग-अलग तरह के रोबोट और ड्रोन बनाये हैं। पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने ‘सैनिटाइज़ेशन ड्रोन’ भी बनाया था।
आपको बता दे कि 2014 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम लखनऊ आए थे। उन्होंने राजधानी के काल्विन ताल्लुकेदार्स कॉलेज में जाकर ड्रोन उड़ाया था। ये ड्रोन मिलिंद राज गौर ने बनाया था।

इस ड्रोन ने कलाम का स्वागत भी अपनी कलाबाजी से किया था। उन्होंने ड्रोन बनाने पर मिलिंद की तारीफ तो की ही साथ ही इनोवेशन को भी सराहा। कलाम ने कहा था कि सपने देखने से खुद को कभी मत रोकना। मिलिंद राज गोमतीनगर के विभूतिखंड के रहने वाले हैं।

उन्होंने तीन महीने की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार किया था। कलाम को ये जानकर हैरानी हुई कि इस ड्रोन को बनाने वाला मिलिंद इंजीनियर नहीं, बल्कि लॉ का स्टूडेंट है।

उसने अपने इस यंत्र का नाम ‘इंडियन हॉक’ रखा। इसका वजन लगभग 10 किलोग्राम है। ये करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इंडियन हॉक ड्रोन बनाने के पीछे प्रेरणा के बारे में जब मिंलिद से पूछा गया था तो उन्होंने बताया कि ‘इंडियन हॉक’ को बनाने की प्रेरणा उन्हें मिसाइल मैन कलाम से मिली थी।
मिलिंद ने बताया कि उसकी इच्छा है कि ‘इंडियन हॉक’ का इस्तेमाल देश की सुरक्षा के लिए किया जाए। इसी के साथ मिलिंद बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही तकनीक से प्यार है।

बचपन में जो भी खिलौने उनके लिए आते थे, वे सभी को खोलकर और उनके कल-पुर्जे अलग-अलग करके, उनसे कुछ नया बनाने की कोशिश करते थे। वह कहते हैं कि वह छठी या सातवीं कक्षा में थे, जब उन्होंने थर्मोकॉल से जहाज बनाकर उड़ाया।