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Friday, May 17, 2024
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    अगर आपके भी परिवार की आय है एक लाख से कम तो जल्द उठाएं हरियाणा सरकार की इस योजना का लाभ

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    हरियाणा सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए बहुत ही अच्छी योजना शुरू की है। इस योजना के पात्र परिवारों को जल्दी ही स्वरोजगार करने का मौका मिलेगा। बता दें कि प्रदेश में रहने वाले एक लाख से कम आय वाले परिवारों को ही इसका लाभ मिलेगा। हरित योजना में जिन परिवारों की आय एक लाख से कम है उन्हें रहित स्टोर के लिए मात्र ₹5000 राशि सिक्योरिटी के तौर पर जमा करनी होगी। साथ ही हरहित फ्रेंचाइजी के लिए कुछ मापदंड भी तैयार किए गए हैं।

    बता दें कि इस योजना के लिए 18 से 55 आयु वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास होनी चाहिए साथ ही वह हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए और उसके पास कम से कम 200 वर्ग फुट का स्थान भी उपलब्ध हो।

    उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि अंत्योदय परिवारों के कौशल विकास, स्वरोजगार और रोजगार सृजन के लिए प्रयास किए जाएंगे। हरहित स्टोर योजना में चिह्नित किए गए उन्हीं परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी सालाना आय एक लाख से कम है। स्टोर के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में उन्हें 50 हजार तक राशि का भी सहयोग दिया जाएगा।

    वहीं इसके अलावा दो साल तक सरकार द्वारा मुद्रा लोन के ₹50,000 का ब्याज वहां किया जाएगा। हरहित योजना एक अनूठी पहल है। जिसका उद्देश राजू में उद्यमिता को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना, उचित मूल्य पर अच्छे उत्पाद गांव व शहर में उपलब्ध कराना। सरकार द्वारा प्रदेश भर में दो हजार से ज्यादा हरहित स्टोर खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

    उपायुक्त ने आगे बताया कि इस हरहित योजना से युवा उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा। स्टोर पर डोर स्टेप डिलीवरी होगी। मुद्रा लोन दिलाने के लिए बैंकों से तालमेल भी किया जाएगा। बेस्ट क्वालिटी वाले उत्पादों की श्रेणी स्टोर पर उपलब्ध रहेगी। साथ ही प्रशिक्षण और व्यवसाय कौशल का भी विकास किया जाएगा। जीरो रायल्टी और जीरो फ्रेंचाइजी फीस रहेगी। वहीं बिक्री पर औसत 10 प्रतिशत मार्जिन का आश्वासन भी योजना में दिया गया है।

    तेजी से बिकने वाले उत्पादों की श्रेणी के अलावा आईटी और स्टोर ब्रांडिंग का सहयोग भी रहेगा। ग्राहकों को उत्पादों पर 50 फ़ीसदी तक छूट मिलेगी। मार्केटिंग और ब्रांडिंग समर्थन का भी प्रावधान इस योजना में किया गया है। अधिक जानकारी के लिए हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोटेशन लिमिटेड के नम्बर 95179-51711 पर सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक सम्पर्क किया जा सकता है।

    हरियाणा की प्रतिभा बनीं Indian Airforce में अधिकारी,  हैदराबाद में शुरू होगी ट्रेनिंग

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    हर युवा का सपना होता है कि वह देश की सेवा करें। देश की तरक्की में अपना योगदान दें। आज के समय में बेटियां बेटों से कम नहीं है। हर क्षेत्र में अपने नाम के झंडे गाड़ रही हैं। हाल ही में भारतीय वायुसेना में प्रतिभा  अधिकारी बनी (pratibha phogat officer in indian air force) है। 11 जुलाई से हैदराबाद एयर फोर्स अकैडमी में उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। अपनी सफलता पर वह बहुत ही खुश हैं पूरे परिवार में खुशी का माहौल है अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने यह राह चुनी इस शानदार उपलब्धि के बाद वह दूसरी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा ना बनी है।

    बीरण गांव की बेटी प्रतिभा फोगाट ने भारतीय वासुसेना में अधिकारी बन परिवार का नाम रोशन कर दिया। बता दें कि उनके पिता राज नरेंद्र फोगाट भी वायु सेना में अधिकारी हैं। अपने पिता से मिली प्रेरणा की वजह से ही वह आज इस मुकाम पर हैं।

    बता दें कि जोधपुर के वायुसेना केंद्रीय विद्यालय नंबर दो से प्रतिभा ने 12वीं पास की है। त्रिवेंद्रम के मार इवानियोस कॉलेज से BSC, बेंगलुरु के माउंट कार्मेल कॉलेज से MSC पास की है। इसके साथ ही वह वॉलीबॉल की बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं। वह डिस्ट्रिक्ट लेवल पर चैंपियन भी रह चुकी हैं। इसके अलावा सीनियर विग वायुसेना एनसीसी में सी ग्रेड का प्रमाणपत्र उनको मिला है।

    गांव बीरण की बेटी प्रतिभा फोगाट वायु सेना में अधिकारी बनी हैं। 11 जुलाई से इनकी हैदराबाद में एयरफोर्स एकेडमी में ट्रेनिग शुरू होगी। इस शानदार उपलब्धि के बाद वह लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी हैं। इनके पिता राज नरेंद्र फोगाट भी वायु सेना में अधिकारी हैं। यूं कहें कि बेटी भी पिता के नक्शे कदम पर चल कर देश सेवा करने को तैयार हैं।

    मामा एडवोकेट बलबीर सिंह ने बताया कि प्रतिभा सही मायने में बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। उसने जोधपुर में वायु सेना केंद्रीय विद्यालय नंबर दो से 12वीं पास की। त्रिवेंद्रम के मार इवानियोस कालेज से बीएससी, बेंगलुरु के माउंट कार्मेल कालेज से एमएससी उत्तीर्ण की है।

    प्रतिभा की प्रतिभा यहीं नहीं ठहर जाती वह बेहतरीन खिलाड़ी भी है। वालीबाल में वह जिले में चैंपियन रही हैं। सीनियर विग वायुसेना एनसीसी में सी ग्रेड का प्रमाणपत्र उनको मिला है। वायु सेना में अधिकारी के मामा अधिवक्ता सोमवीर सिंह बताते हैं कि प्रतिभा फोगाट वास्तव में प्रतिभा की धनी हैं। उनकी कड़ी मेहनत, गुरुजनों, माता पिता के आशीर्वाद से वह इस मुकाम पर पहुंची हैं।

    मां सुनिता देवी एवं पिता राज नरेन्द्र फोगाट का कहना है कि बेटी ने गौरव बढ़ाया है। हमें बेटी पर गर्व है। प्रतिभा के पिता भी वायु सेना में अधिकारी हैं।

    प्रतिभा कहती हैं कि अपने कठिन परिश्रम, शिक्षकों के मार्गदर्शन एवं अपने परिवार के सहयोग से उन्होंने यह सफलता हासिल की है। नव नियुक्त वायु सेना अधिकारी के बड़े भाई सचिन फोगाट अमेरिका में एमस की पढ़ाई कर रहे हैं।

    हरियाणा के हजारों युवाओं को मिलेगा इस नई नीति का लाभ, स्टार्टअप करना हुआ आसान

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    हरियाणा सरकार ने राज्य में स्टार्टअप्स स्थापित करने को सुगम बनाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है। हरियाणा को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य ने व्यापक नीतिगत सुधार किए हैं।  भारत के 101 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स (New Startup Policy implemented in Haryana) में से कम से कम 14 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स (कम से कम 1 बिलियन यूएस डॉलर वैल्यूएशन के) हरियाणा के माध्यम से स्थापित हैं। हरियाणा सरकार ऐसे युवा उद्यमियों को एक मजबूत नीति पारिस्थितिकी तंत्र, मजबूत बुनियादी ढांचा और उदार नियामक मानदंड प्रदान करके उनकी क्षमता को गति देने की इच्छुक है।

    इस नीति के माध्यम से, राज्य सरकार का उद्देश्य हरियाणा में जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना और उसका पोषण करना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग, हरियाणा द्वारा तैयार की गई एक नई हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति 2022 को मंजूरी दी गई।

    अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कोई भी स्टार्टअप इकाई, इसके निगमन/पंजीकरण की तारीख से 10 साल की अवधि तक और जिसका वार्षिक कारोबार 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है, वे हरियाणा में इस नई नीति के तहत प्रमुख राजकोषीय और गैर-राजकोषीय लाभ लेने के लिए पात्र बन जाएंगे।

    इसके अलावा, DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य स्टार्टअप जिनका पंजीकृत कार्यालय देश में है या हरियाणा के बाहर भी है और जब तक वे हरियाणा में संचालित सरकारी स्वामित्व वाले/समर्थित इन्क्यूबेटरों के माध्यम से काम कर रहे हैं, वे नई नीति के तहत केवल गैर-राजकोषीय लाभों का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे।

    इन लाभों में सब्सिडाइज्ड इनक्यूबेशन स्पेस, हरियाणा सरकार की निविदाओं में भागीदारी के लिए उदार मानदंड, मेंटरशिप कार्यक्रमों में भागीदारी और अन्य स्टार्टअप विशिष्ट कार्यक्रम शामिल हैं।

    वर्तमान में, 3910 हरियाणा स्थित स्टार्टअप्स को 15 जून, 2022 तक उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस संशोधित नीति के कार्यान्वयन और अन्य संस्थागत गतिविधियों की निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग में एक स्टार्टअप हरियाणा प्रकोष्ठ की स्थापना की जा रही है।

    यह अनुमान है कि अगले पांच वर्षों में (नीति अवधि के भीतर) हरियाणा में कम से कम 5000 नए स्टार्टअप स्थापित किए जाएंगे, जो 75000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेंगे।

    नई स्टार्टअप नीति के तहत कुछ प्रमुख प्रोत्साहन/लाभ इस प्रकार हैं:

    स्टार्टअप्स को वित्तीय प्रोत्साहन:

    i) नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति: 7 वर्षों के लिए 50 प्रतिशत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति।

    ii) लीज रेंटल सब्सिडी: स्टार्टअप्स के लिए 5 लाख रुपये तक लीज रेंटल सब्सिडी की प्रतिपूर्ति होगी।

    iii) स्टार्टअप के लिए सीड फंडिंग: ‘ए’ श्रेणी के ब्लॉक में 100 स्टार्टअप, ‘बी’ श्रेणी के ब्लॉक में 250 स्टार्टअप, ‘सी’ श्रेणी के ब्लॉक में 750 स्टार्टअप और ‘डी’ में 1000 स्टार्टअप के लिए प्रति स्टार्टअप 10 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग की जाएगी।

    iv) पेटेंट लागत: स्टार्टअप्स को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने पेटेंट पंजीकरण के लिए वास्तविक व्यय की 100 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी जो अधिकतम 25 लाख रुपये होगी।

    v) क्लाउड स्टोरेज के लिए प्रतिपूर्ति: हरियाणा स्थित डेटा केंद्रों पर क्लाउड कंप्यूटिंग / स्टोरेज के लिए किए गए खर्च की 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी जो 5 वर्ष की अवधि के लिए प्रति स्टार्टअप प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये तक होगी।

    vi) एक्सलरेशन कार्यक्रमों में सहायता: राष्ट्रीय एक्सलरेशन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए स्टार्टअप को 2.5 लाख रुपये और अंतर्राष्ट्रीय एक्सलरेशन कार्यक्रमों के लिए 5 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।

    इन्क्यूबेटरों को वित्तीय प्रोत्साहन:

    i) पूंजीगत सब्सिडी: इनक्यूबेटरों की स्थापना के लिए गवर्मेंट होस्ट इंस्टीट्यूट को 2 करोड़ रुपये तक तथा निजी होस्ट इंस्टीट्यूट को 1 करोड़ रुपये तक की पूंजी अनुदान दिया जाएगा।

    ii) सलाह सहायता: परामर्श सहायता के लिए सरकार के स्वामित्व/समर्थित/प्रायोजित इन्क्यूबेटरों को 2.5 लाख रुपये तक प्रति इन्क्यूबेटर की वित्तीय सहायता दी जाएगी जो प्रति वर्ष अधिकतम 25 लाख रुपये तक होगी।

    iii) रेंटल चार्ज पर प्रतिपूर्ति: इनक्यूबेटर द्वारा लीज रेंट के रूप में किये गये भुगतान के लिए तीन साल की अवधि के लिए 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

    iv)  स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण प्रतिपूर्ति: भूमि/कार्यालय स्थान/आईटी भवन की खरीद/पट्टे पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी।

    v) मेले/प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए सहायता: उद्योग संघों/इनक्यूबेटरों/सरकारी विभागों ने स्टार्टअप्स के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेले/प्रदर्शनी में किया या इस तरह के मेले/प्रदर्शनी/सेमिनारों के आयोजन के लिए वास्तविक आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक होगी।

    vi)  स्टार्टअप प्रतियोगिता सहायता: इनक्यूबेटर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में स्टार्टअप प्रतियोगिता उत्सव के आयोजन के लिए प्रति आयोजन 20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।

    vii)  बिजली शुल्क में छूट: इनक्यूबेटर को ‘डी’ श्रेणी के ब्लॉक में 12 साल के लिए व   ‘सी’ श्रेणी के ब्लॉक में 10 साल और ‘बी’ श्रेणी के ब्लॉक में 7 साल के लिए बिजली शुल्क में शत-प्रतिशत छूट के पात्र होंगे।

    राज्य सरकार ने स्टार्टअप हितधारकों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिए नई हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति 2022 में कई नए प्रोत्साहन भी जोड़े हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं:

    i) नया स्टार्टअप वेयरहाउस/इनोवेशन कैंपस: पंचकूला, हिसार और अन्य संभावित स्थानों पर आईटी स्टार्टअप वेयरहाऊस की स्थापना हेतु पूंजीगत व्यय के लिए 4 करोड़ रुपये तथा तीन साल के आवर्ती व्यय के लिए एक करोड़ रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

    ii) नया मोबाइल एप्लिकेशन विकास केंद्र: पंचकूला, हिसार और ‘सी’ और ‘डी’ ब्लॉक के अन्य संभावित स्थानों पर नया मोबाइल एप्लिकेशन विकास केंद्र की स्थापना के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 4 करोड़ रुपये तथा तीन साल के लिए आवर्ती व्यय के लिए एक करोड़ रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

    iii) विश्वविद्यालयों और अन्य सरकारी संस्थानों में इनक्यूबेशन केंद्र:  इन्क्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए प्रति इनक्यूबेटर के लिए 50 लाख रुपये तथा पांच साल के लिए आवर्ती व्यय के लिए 20 लाख रुपये वार्षिक रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

    विश्वविद्यालयों और अन्य सरकारी संस्थानों में मौजूदा इन्क्यूबेटरों को उनकी सुविधाओं के उन्नयन के लिए प्रति इनक्यूबेटर 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

    इससे पहले इनक्यूबेशन केंद्र में स्टार्टअप लाभ प्राप्त करने के लिए केवल एक वर्ष की अवधि के लिए पात्र थे। अब नई स्टार्टअप नीति में ऐसे स्टार्टअप सब्सिडाइज्ड दरों पर स्पेस, प्लग एंड प्ले सुविधाओं के लिए तीन वर्ष के लिए लाभ ले सकते हैं।

    नई नीति अब पहले के 8 अलग-अलग कानूनों के बजाय 14 अलग-अलग कानूनों के तहत स्व-प्रमाणन रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति देकर स्टार्टअप्स को और सुविधा प्रदान करती है। इससे स्टार्टअप्स के लिए कारोबार करने में आसानी होगी।

    राज्य सरकार हर छह महीने में हरियाणा के 22 जिलों में विशिष्ट उद्यमिता विकास कार्यक्रम भी आयोजित करेगी ताकि नई नीति के तहत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में उनके विकास के अवसरों और क्षमता के बारे में इच्छुक इनोवेटर्स/उद्यमियों और स्कूल/कॉलेज के विद्यर्थियों के बीच और जागरूकता पैदा की जा सके।

    मुसीबत बनी मेट्रो की वॉयलेट लाइन, घंटों फंसे रहे दिल्ली-हरियाणा के यात्री

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    दिल्ली ही नहीं बल्कि हरियाणा और NCR की जीवन रेखा कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना लाखो यात्री मेट्रो में सफर करते हैं। दिल्ली मेट्रो भी लगातार यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास करती है। हाल ही दिल्ली मेट्रो के यात्रियों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ा। मेट्रो की वॉयलेट लाइन की वजह से काफी लंबे समय तक परेशानी झेलनी पड़ी।

    बता दें कि बीते शनिवार वॉयलेट लाइन के यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि करीब दो घंटे तक मेट्रो की सेवाएं बाधित हो गई थी। इससे लोगों में काफी रोष है। लेकिन अभी तक मेट्रो की खराबी का कारण नहीं बताया गया। यात्री भी DMRC से सवाल कर रहे हैं।

    बता दें कि बीते शनिवार दिल्ली मेट्रो की वॉयलेट लाइन पर सफर करने वाले यात्रियों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई। करीब 2 घंटे तक इस लाइन पर मेट्रो सेवाएं बाधित रही इससे यात्रियों में काफी गुस्सा है। घंटों तक यात्री मेट्रो के आने का इंतजार करते रहे।

    कई लोगों को तो ऑफिस से घर पहुंचने में भी देरी का सामना करना पड़ा। ऐसा पहली बार नहीं है जब दिल्ली मेट्रो में ऐसी खराबी देखी गई। इससे पहले भी दो बार बीते सप्ताह ऐसी ही खराबी देखने को मिली।

    दिल्ली मेट्रो ने नहीं बताया खराबी का कारण

    बता दें कि कश्मीरी गेट से हरियाणा के बल्लभगढ़ तक दिल्ली मेट्रो की यह वॉयलेट लाइन जुड़ी हुई है। रोजाना हजारों यात्री यहां से सफर करते हैं। हालांकि अभी तक दिल्ली मेट्रो ने इस खराबी का कारण स्पष्ट नहीं किया है। सेवाएं बाधित होने से लोगों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई। लंबे समय तक यात्रियों को मेट्रो का इंतजार करना पड़ा।

    यात्रियों ने जताया गुस्सा

    इस तरह की खराबी के बाद से यात्री भी दिल्ली मेट्रो पर सवाल उठा रहे हैं। दिल्ली मेट्रो की सुविधाओं को लेकर भी यात्रियों ने गुस्सा जताया। इससे पहले भी ब्लू लाइन कई घंटों के लिए प्रभावित रही थी जिसके कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। एक सप्ताह में तीन बार ये दिक्कत देखने को मिली। वहीं कुछ यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो को सपोर्ट करते हुए कहा है कि इस तरह की तकनीकी खराबी चलती रहती है बाकि दिल्ली मेट्रो सुविधा काफी अच्छी है।

    हरियाणा के लोगों की पहली पसंद बन रहा यह अनोखा ऑटो, वायरल हो रहा इसका शानदार लुक

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    ऑटो रिक्शा में तो आपने सवारी कई बार की होगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसा ऑटो दिखाएंगे जो चलता फिरता गार्डन लगता है। यह कारनामा हरियाणा के फरीदाबाद जिले में एक ऑटो चालक ने किया है इसे देख हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है औरतों के अंदर घास और पेड़ पौधे लगाकर ऑटो का लुक ही बदल दिया। अब उनका यह ऑटो सवारियों की पहली पसंद बन गया है। हर कोई इसमें बैठना चाहता है।

    प्रदूषण में फरीदाबाद हमेशा से अव्वल रहा है। हरियाणा सरकार इसे पोलूशन फ्री करने के लिए जगह-जगह पेड़ पौधे लगा रही है। ताकि लोग साफ और स्वच्छ हवा में सांस ले सके। इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए ऑटो चालक ने अपने ऑटो में पेड़ पौधे लगाकर सहयोग किया है।

    बता दें कि इस पूरे ऑटो को घास से ढका गया है। भले ही यह घास असली नहीं है लेकिन इसके अंदर जो पौधे लगे हैं, वह बिल्कुल ओरिजिनल है। इसके साथ ही इस फोटो में एक सनरूफ भी बनाया गया है। साथ ही ऑटो में बकायदा चार पंखे भी लगाए रहे हैं ताकि लोगों को ऑटो में बैठकर प्रकृति के पास होने का एहसास हो। इस ऑटो में लोगों को हरियाली के साथ-साथ ठंडी हवा भी मिलेगी।

    ऑटो चालक अनुज का कहना है कि फरीदाबाद ही नहीं बल्कि हरियाणा सरकार पूरे प्रदेश को प्रदूषण फ्री करना चाहती है। इसलिए जगह-जगह पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। प्रदूषण कम करने के लिए नई-नई योजनाएं व मुहिम चलाए जा रहे हैं।

    इसलिए शुरू किया यह ऑटो

    साथ ही लोगों को यह भी समझा रही है कि केवल सरकार पूरे प्रदेश के प्रदूषण को कम नहीं कर सकती। इसमें जनता का सहयोग होना भी बहुत जरूरी है। बिना सहयोग के वह प्रदेश को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य पूरा नहीं कर सकते। सरकार को सहयोग देने के लिए उन्होंने अपने इस हरे भरे ऑटो से इसकी शुरुआत की है।

    टेंशन फ्री होती हैं सवारियां

    वहीं ऑटो के किराए को लेकर उन्होंने कहा कि दूसरे ऑटो की तरह ही बराबर ही किराया लिया जाता है। दूसरा फायदा उन्होंने यह बताया कि सवारी का सामान गलती से उनकी ऑटो में छूट जाए तो सवारी को टेंशन नहीं होती, क्योंकि पूरे फरीदाबाद में एकमात्र ऐसा और तो है जो अलग लुक देता है। इसलिए उनको पहचानने में कोई देरी या दिक्कत नहीं होती।

    हरियाणा में जल्द होने वाली है एक हजार कोच और योग शिक्षकों की भर्ती, हजारों गांवों का होगा खूब लाभ

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    हरियाणा सरकार में प्रदेश की जनता के लिए एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है इससे हरियाणा के 6000 गांव को फायदा होने वाला है। इस योजना से लोगों की सेहत तो बनेगी ही साथ ही साथ युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। वहीं नशे से दूर रखने के लिए सरकार की योजना कारगर साबित होगी। हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल करनाल जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे थे। 

    बता दें कि सरकार प्रदेश के करीब छः हजार गांवों में दो एकड़ जमीन पर पार्क या व्यामशालाएं बनाने की योजना है। इसके लिए जल्दी ही हरियाणा में एक हजार कोच और योग शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इससे युवाओं को नौकरी के भी अवसर प्राप्त होंगे।

    मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने और उन्हें रचनात्मक कार्यों से जोड़ना बेहद आवश्यक है। इसके तहत सरकार की ओर से खासकर खेलों से जोड़ने पर कार्य किया जा रहा है।

    प्रदेश में 1100 खेल नर्सरियां बनाई जा रही हैं, इनके बनने से युवाओं में खेलों के प्रति रुझान बढ़ेगा। उनमें खेल भावना का सृजन होगा। जब उनका मन रचनात्मक कार्यों व खेलों में लगेगा तो वह नशे की तरफ नहीं जाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-गांव में दो एकड़ में पार्क/व्यामशाला बनाने की योजना है। इनके संचालन के लिए एक हजार कोच और योग शिक्षक भर्ती की योजना तैयार कर ली गई है।

    हरियाणा सरकार ने ₹1894 करोड़ के प्रस्तावों पर लगाई मुहर, नागरिकों को मिलेंगी पहले से बेहतर सुविधाएं

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    जल्दी ही हरियाणा की सड़कें, सीवेज और दूसरी महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित वार्षिक गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। नए विकास कार्यों के लिए सरकार ने 1894 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

    बता दें कि शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल ने जिन विकास कार्यों के प्रस्तावों को मंजूरी दी वे गुरुग्राम के विकास से जुड़े हैं।

    शहर में सड़क नेटवर्क, सीवेज, जल निकासी और अन्य नागरिक सुविधाओं के विस्तार के लिए कई बुनियादी ढांचे और रखरखाव परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

    आपको बता दें कि इन परियोजनाओं में आठ फ्लाईओवर, छः लेन कैरिजवे और छः लेन सर्विस रोड के साथ-साथ वाटिका चौक के माध्यम से घाटा से NH-48 तक दक्षिणी पेरिफेरल रोड (SPR) को अपग्रेड करने की मंजूरी शामिल है।

    सीएम खट्टर शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आयोजित वार्षिक गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की बैठक में शामिल हुए। जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मौजूद रहे।

    हरियाणा की यह सरकारी टीचर बनीं मिसाल, ऐसे कर रहीं हैं लाखों बच्चों की जिंदगी में उजाला

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    कहते हैं माता-पिता और शिक्षक ही बच्चों की जिंदगी संवार सकते हैं। उन्हें अच्छी शिक्षा देकर वह अपने शिक्षक होने का धर्म निभाते हैं। लाखों बच्चों के जीवन में उजाला करने वाली शिक्षिका दयावती इन दिनों खूब चर्चा में हैं। यूट्यूब और एजुसेट के माध्यम से वह बच्चों को पढ़ा रही हैं। अब तक उनके नौवीं से बारहवीं कक्षा के 301 लेक्चर प्रसारित हो चुके हैं। अर्थशास्त्र प्राध्यापिका के पद पर कार्यरत दयावती स्कूल के साथ-साथ यूट्यूब और एजुसेट के माध्यम से भी (Economics professor, Dayawati is teaching children through YouTube and Eduset) बच्चों को पढ़ा रही है। कर परिश्रम और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश कर रही है।

    जो बच्चे महंगे महंगे ट्यूशन नहीं ले सकते उनके लिए दयावती की वीडियोस मददगार साबित हो रही है। यूट्यूब के माध्यम से वह हजारों बच्चों का जीवन सवार रही है। वही बात करें परीक्षा परिणाम की तो इनके स्कूल का परिणाम हमेशा शत-प्रतिशत रहा है।

    महामारी की वजह से हरियाणा सरकार ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया था, जिस वजह से बच्चे घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। तब दयावती ने घर पर ही अपने स्मार्टफोन से खुद की वीडियो बनाकर स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। बच्चों को इनकी वीडियोस बहुत पसंद आ रही थी।

    बता दें दयावती ने अपने पति डॉ. सुदामा प्रसाद जो कि हिंदी के प्राध्यापक हैं, के साथ मिलकर ‘स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड हिंदी’ नाम से अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया और उसके माध्यम से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया।

    YouTube Channel Link: https://youtube.com/channel/UCey-doKDS9VS_VAjIHzLSlg

    केवल स्कूल के ही विद्यार्थियों ने नहीं बल्कि देश भर के हजारों विद्यार्थियों ने इनकी वीडियोस को पसंद किया और उन्हें बहुत उपयोगी बताया। SCERT गुरुग्राम के अधिकारी भी इनकी वीडियोस से काफी प्रभावित हुए।

    एजुसेट के लिए भी बनाई वीडियोस

    इसके बाद अधिकारी के कहने पर दयावती ने SCERT के एजुसेट चैनल के लिए भी अर्थशास्त्र विषय की कई वीडियोस बनाई। और इनका प्रसारण एजुसेट चैनल पर हो चुका है।

    ऐसा है बच्चों का रिस्पांस

    बच्चे इनकी वीडियोस खूब पसंद कर रहे हैं। वीडियोस में कमेंट के माध्यम से बच्चों ने कहा कि इनके स्कूल में अर्थशास्त्र का शिक्षक नहीं है, तो वहीं कुछ ने कहा कि आपका पढ़ाया हुआ हमें अच्छे से समझ आता है।

    बच्चों ने शिक्षिका से आग्रह किया कि वह हमेशा पढ़ाते रहें। कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के अर्थशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम की चैप्टर वाइज वीडियो बनाकर इन्होंने यूट्यूब पर अपलोड भी किया है और हजारों विद्यार्थी इन वीडियोस का लाभ उठा रहे हैं।

    सरकारी स्कूल से पढ़ी हैं दयावती

    दयावती स्वयं जिला झज्जर के डीघल गांव के सरकारी विद्यालय की छात्रा रही हैं। उन्होंने यूजीसी नेट की परीक्षा अर्थशास्त्र विषय में ही पास की है और अपनी पीएचडी डिग्री पूरी की है। इसके साथ ही उन्होंने यह मिथक भी तोड़ने का प्रयास किया कि सरकारी स्कूलों के बच्चे महंगे और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से किसी प्रकार कम नहीं है।

    ऐतिहासिक महत्व समेटे हुए है हरियाणा का यह मंदिर, मूर्ति खुदाई के बाद हुआ था दैवीय शक्तियों का चमत्कार

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    देश में मौजूद हर गांव या शहर का अपना धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व होता है। कई बार तो गांव की परंपराएं ऐसी होती हैं जिनके बारे में कभी सुना भी नहीं होता। इनका इतिहास बहुत ही दिलचस्प होता है। आज हम आपको ऐसे ही एक गांव के बारे में बताएंगे जो अपना धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व समेटे हुए हैं। वैसे तो देश में हजारों मंदिर हैं लेकिन इसका महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि पूरे भारतवर्ष में ऐसे केवल दो ही मंदिर है जहां भगवान बलभद्र जी की स्वयंभू मूर्ति स्थापित है। एक मंदिर है हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गांव धौलरा में तो वहीं दूसरा जगन्नाथ पुरी में। यह मंदिर इस गांव की पहचान बन चुका है।

    भारत में 2 मंदिर होने की वजह से इसकी महत्ता भी अधिक है हर साल अक्षय तृतीया के दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ जाती है। मेले व भंडारे में पहुंचे श्रद्धालु यहां अपनी इच्छाएं मांगते हैं और जब यह पूरी हो जाती है तो फिर बलभद्र जी का आभार जताने प्रसाद स्वरूप कुछ लेकर आते हैं और अन्य श्रद्धालुओं में बांटते हैं।

    मंदिर की महत्ता इतनी अधिक है कि प्रशासन भी यहां पर कुछ नहीं कर पाया है जबकि इसे एक बड़े धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है गांव के साथ-साथ आसपास के लोगों का भी फायदा होगा लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

    खुदाई में निकली मूर्ति

    मंदिर के पुजारी अरूण पुरी ने बताया कि पूरे भारत में भगवान बलभद्र जी के केवल दो ही ऐतिहासिक मंदिर है। एक यहां गांव धौलरा में स्थित है तो दूसरा जगन्नाथ पुरी में। यहां पिंडी रूप में भगवान श्रीबलभद्र जी विराजमान हैं लेकिन गांव धौलरा में उनकी प्राचीन मूर्ति स्थापित है। पुजारी ने कहा की भगवान बलभद्र की यह मूर्ति करीब 300 वर्ष पहले गांव में मौजूद जोहड़ की खुदाई के समय मिली थी। तब से मूर्ति उसी रूप में यहां पर स्थापित है।

    यह है मंदिर का इतिहास

    कहा जाता है कि जिस समय यह मूर्ति मिली तो इसे एक व्यक्ति ने अपने साथ ले जाना चाहा। लेकिन दैवीय शक्तियों के कारण वह इसे गांव से बाहर नहीं ले जा सका। जिसके बाद गांव में ही इस मूर्ति की स्थापना की गई और तभी से ग्रामीण पूरे विधि-विधान व धार्मिक आस्था के साथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।

    हर साल अक्षय तृतीया के दिन यहां विशाल मेले और कुश्ती दंगल का आयोजन होता है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां माथा टेकने आते हैं। मान्यता है कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मन्नत जरूर पूरी होती है।

    नहीं पड़ी सरकार और प्रशासन की नजर

    ग्रामीणों का कहना है कि गांव का धार्मिक महत्व भी काफी अधिक है। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से गांव की दूरी महज 25 किलोमीटर है। हरियाणा सरकार धीरे-धीरे धार्मिक स्थलों को भी उभारने का कार्य कर रही है। लेकिन अभी तक सरकार और प्रशासन की नजर उनके गांव पर नहीं पड़ी। अगर सरकार यहां के धार्मिक महत्व को देखते हुए ध्यान दें तो गांव का कायाकल्प हो जाएगा। यह धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में उभर सकता है।

    हरियाणा के बुजुर्गों को नहीं काटने पड़ेंगे सरकारी कार्यालयों के चक्कर, घर बैठे मिलेगी पेंशन

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    हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल की बैठक में वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना (Old Age Samman Allowance Scheme) की प्रक्रिया में बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब वृद्धावस्था सम्मान भत्ता (old age honor allowance) के लिए नागरिक सेवा केन्द्र (सीएसई), अंत्योदय केंद्र या किसी अन्य सरकारी कार्यालय में बार-बार चक्कर नहीं काटने पडेेंग़े।  

    नई प्रक्रिया के तहत, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत पात्र व्यक्ति को अपनी पात्रता निर्धारित करने के लिए परिवार पहचान संख्या की आवश्यकता होगी।

    हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के लिए पात्र व्यक्तियों का इलेक्ट्रॉनिक रूप में डेटा उपलब्ध करवाएगा और विभाग की योजना के तहत हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण डेटा ट्रांसफर प्रक्रिया के माध्यम से पूरे विवरण के साथ एक सूची तैयार करेगा।

    सूची में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हो और पति या पत्नी की आय एक साथ प्रति वर्ष 2 लाख रुपये से अधिक न हो और जो कम से कम पिछले 15 वर्षों से हरियाणा का निवासी हो।

    हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण द्वारा व्यक्ति की आयु, उसकी आय की स्थिति, निवास प्रमाण और बैंक खाते के विवरण की जानकारी के बाद हरियाणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को और किसी प्रकार के सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी। यदि विभाग के संज्ञान में सूचना/सत्यापन की सत्यता के संबंध कोई विशिष्ट तथ्य आता है तो उसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आगे की जांच के लिए हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण को अग्रेषित किया जाएगा।  

    योजना के तहत व्यक्तियों की पात्रता निर्धारित करने के बाद वृद्धावस्था सम्मान भत्ता प्राप्त करने के लिए उनकी सहमति प्राप्त करने हेतु संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ) के कार्यालय या किसी अन्य अधिकृत सरकारी प्रतिनिधि द्वारा इच्छित लाभार्थियों से संपर्क करेगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि व्यक्ति योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई अन्य पेंशन नहीं ले रहा है।

    अपेक्षित लाभार्थियों की सहमति एवं पूछताछ करने उपरांत जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पोर्टल पर लाभार्थियों के पक्ष में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता की ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान करेगा और विशिष्ट पेंशन पहचान संख्या अंकित की जाएगी ।

    इस प्रकार, वरिष्ठ नागरिकों को सीएसई/अंत्योदय केंद्र या किसी भी सरकारी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी और वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के पात्र वरिष्ठ नागरिकों को बिना किसी असुविधा के उनके घर द्वार पर ही पात्रता की स्वीकृति मिल जाएगी।

    यह नई प्रक्रिया 31 मार्च, 2022 को पायलट आधार पर शुरू की गई है और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) पोर्टल के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए आवेदन करने की पुरानी प्रक्रिया को 25 अप्रैल, 2022 से रोक दिया गया था।