अगर आप किसी चीज़ को पाने के लिए पूरी लगन और मेहनत करते है तो कामयाबी जरूर मिलती है बस हौसला रखने की जरूरत है। आज आपको यूपीएससी परीक्षा 2018 में 83वीं रैंक हासिल करके आईएएस बनने वाली निधि सिवाच की कहानी बताएंगे जो हजारों लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
निधि को यूपीएससी में सफलता तीसरे प्रयास में मिली। उनके सफर में कई ऐसे मोड़ आए, जहां उन्हें लगा कि अब वह इस सफर को पूरा नहीं कर पाएंगे लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर तीसरे प्रयास में अपना सपना पूरा करके दिखाया।
खास बात यह रही कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किसी प्रकार की कोचिंग ज्वॉइन नहीं की। इसके पहले के दो प्रयासों में सेलेक्शन न होने का जिम्मेदार वे खुद को ही मानती हैं और अंततः अपने तीसरे प्रयास में पुराने अटेम्प्ट्स की गलितयों को सुधारते हुए उन्होंने सफलता हासिल की।
निधि की यूपीएससी जर्नी के साथ एक बड़ा मजेदार किस्सा भी जुड़ा हुआ है। दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में निधि बताती हैं कि जब वे तीसरी बार अटेम्प्ट देना चाह रही थी तो उन्हें परिवार की तरफ से इस शर्त के साथ परीक्षा देने दिया गया था कि वे परीक्षा की जिस भी स्टेज में फेल होंगी उन्हें वहीं अपना सफर खत्म करना होगा।
उसके तुरंत बाद उनकी शादी कर दी जाएगी। यानी प्री में फेल हुईं तो वहीं से बाहर, मेन्स में हुईं तो वहां से। हालांकि इसकी नौबत नहीं आयी और निधि ने पूरी जान लगाकर तीसरे प्रयास को अंतिम साबित कर दिखाया। अपनी मेहनत को ही उन्होंने अपना हथियार बना लिया और मुश्किलों से लड़ते हुए निधि आईएएस अफसर बन गईं। आपको बता दे कि निधि हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली है।