एक ऐसा देश जहां करोड़पति होते हुए भी लोगों के पास नहीं है घर। जी हां यूरोपीय देश मोनाको को करोड़पतियों का मुल्क कहा जाता है। इसकी वजह है यहां की रईसी। जी हां यहां हर चार में से एक व्यक्ति करोड़पति है
हालांकि बेशुमार दौलत के बाद भी यहां के अमीर एक बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं। उनके पास रहने के लिए घर नहीं है यहां तक कि बहुत से अमीरों को अपनी कार या डोरमेट्री में रहना पड़ रहा है।

इसके लिए अब मोनाको की सरकार प्लान बना रही है वो लोगों के रहने के लिए समंदर में इमारतें बनाने जा रही है और ये प्लान शायद 2026 में बनकर तैयार हो। आपको बता दे कि मोनाको यूरोप के सबसे छोटे, सबसे विदेशी और सबसे प्रसिद्ध राज्यों में से एक है।
यह 1215 से अस्तित्व में है, जब जेनोइस गणराज्य ने यहां एक किले की स्थापना का फैसला किया। वास्तव में, यह एक शहर-राज्य है, क्योंकि मोनाको शहर और रियासत के बीच कोई अंतर नहीं है। यह आश्चर्य की बात नहीं है,

आखिरकार, दुनिया के सबसे छोटे राज्यों में से एक का क्षेत्र दो वर्ग किलोमीटर से कम है। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां 38 हजार की आबादी बसी है और इनमें से 3000 लोगों के पास घर नहीं है।
ये लोग अपनी कार या फिर सार्वजनिक जगहों को ही अपनी घर बनाए हुए हैं। लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए यहां की सरकार समुद्र में ऊंची इमारतें बनाने का प्लान कर रही है।

जानकारों के मुताबिक साल 2026 तक ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। बता दें मोनाको में कोई इनकम टैक्स नहीं है। क्योंकि यहां कि सरकार को भी अंदाजा नहीं है कि उसके लोगों के पास कितना पैसा है। यहां कि अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन और बैंकिंग पर निर्भर है।