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    पढाई में कामजोर होने की वजह से बनाया जाता था मजाक … आईपीएस अधिकारी बन दिया सबको जवाब

    कहते है की अगर इरादे बुलंद हो तो कोई तुम्हारे रास्ते की रुकावत नहीं बन सकाता। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन कर सामने आई आईएएस ऑफिसर सुरभि गौतम (IAS Surabhi Gautam). एक छोटे से गांव से आने वाली सुरभि ने अपनी मेहनत और आगे बढ़ने की इच्छा शक्ति की वजह से कामयाब हुई. सुरभि की कहानी सभी लड़कियों को आगे बढ़ने और कुछ कर दिखाने के लिए काफी प्रेरणा देता है.

    मध्यप्रदेश के सतना जिले के अमदरा गांव की रहने वाली सुरभि गौतम ने साल 2016 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा (UPSC CSE 2016) में ऑल इंडिया लेवल पर 50वीं रैंक हासिल की थी. सुरभि हिंदी मीडियम पढ़ाई करने की वजह से इंग्लिश में थोड़ी कमजोर थी.

    इंजीनियरिंग कंप्लीट होते ही कॉलेज प्लेसमेंट के समय ही सुरभि को टीसीएस मैं जॉब मिल गई. उनका लक्ष्य नहीं था वह कुछ और करना चाहती थी, इसलिए उन्होंने जॉब ज्वाइन नहीं किया. फिर सुरभि ने ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC और दिल्ली पुलिस ऐसे बहुत से कंपटीशन एग्जाम दिए एग्जाम में अच्छे नंबरों से पास भी हुई.

    2013 में उन्होंने IES परीक्षा पास की. इस परीक्षा में उनकी ऑल इंडिया लेवल में फर्स्ट रैंक आई थी. 2016 में आईएएस की परीक्षा भी ट्रैक कर ली और आईएएस ऑफिसर बन गई.

    12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुरभि ने स्टेट इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा को भी अच्छे अंको से पास किया. भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया.

    सुरभि बताती है कि इस कॉलेज में आकर उनकी जिंदगी में बहुत बदलाव आया क्योंकि यहां पर अधिकतर बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढ़े हुए थे. हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने की वजह से सुरभि की अंग्रेजी कमजोर थी.

    उन्होंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देते हुए अपनी अंग्रेजी को भी काफी इंप्रूव कर लिया. सुरभि बताती हैं कि उन्हें अंग्रेजी सुधारने की ऐसी क्रेज चढ़ी थी कि वो नींद में भी अंग्रेजी में बात करती थी. उन्होंने अंग्रेजी सुधारने के लिए हर रोज 10 वर्ड मीनिंग याद करने का निश्चय किया.

    इसके लिए वह घर की दीवारों पर भी मीनिंग लिख देती थी. इसके परिणाम स्वरूप उन्होंने पहले ही सेमेस्टर में टॉप किया. इसके बाद उनको कॉलेज के चांसलर के द्वारा अवार्ड भी दिया गया.

    इस वजह से वहां छात्रों के हीन भावना का शिकार होना पड़ा.इंग्लिश में कमजोर होने की वजह कॉलेज में कई बार छात्रों ने उनका मजाक उड़ाया. अपनी कमजोरी को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाकर सुरभि गौतम ने आईएएस की परीक्षा पास (Crack IAS Exam) की और मजाक उड़ाने वालों को जवाब भी दिया.

    सुरभि गौतम शुरू से ही पढ़ने में आगे रही हैं. हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने के बावजूद उन्होंने दसवीं कक्षा में 93.4% अंक हासिल किए थे. इतना ही नहीं सुरभि ने गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषय में 100 में से 100 अंक हासिल किए हैं.

    उनका नाम मेरिट लिस्ट में आया था. बाद में 12वीं में बुखार आने की वजह से 15 दिनों तक 15 किलोमीटर दूर डॉक्टर के पास चेकअप के लिए उन्हें जाना पड़ता था. ऐसी हालत में भी सुरभि ने पढ़ाई से अपना ध्यान नहीं हटाया और अच्छे अंको से 12वीं की परीक्षा भी पास की.

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