यूपीएससी की परीक्षा पास करना हर किसी का सपना होता है। हर कोई इस परीक्षा को क्लियर करना चाहता है। हम लोगों ने अक्सर एक से एक गरीब परिवार से ऊपर उठने तथा आईएएस, आईपीएस बनते हुए छात्र एवं छात्राओं की कहानी अभी तक सुनी। आज आपको यूपीएससी परीक्षा में कंसिस्टेंसी, सेल्फ कॉन्फिडेंस और कड़ी मेहनत की बदौलत सफलता प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाली नम्रता जैन के बारे में बताएंगे।
इस परीक्षा में कोई यह नहीं बता सकता है कि आप कितने प्रयासों में यहां सफलता प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव से निकलकर यूपीएससी में परचम लहराने वाली नम्रता आज हम सबके लिए एक मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने यूपीएससी में तमाम चुनौतियों का सामना किया और यहां उन्हें असफलता भी मिली, लेकिन इन सबके बावजूद नम्रता ने अपने कदम नहीं रोके। आखिरकार 2018 में नम्रता ने ऑल इंडिया रैंक 12 प्राप्त कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिया।

कई लोगों की रणनीति कारगर होती और वह पहली प्रयास में आईएएस बन जाते हैं, जबकि कुछ लोगों को इसके लिए लंबा वक्त लगता है। नम्रता की शुरुआती पढ़ाई छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के एक गांव से हुई। हाईस्कूल के बाद वे इंटरमीडिएट के लिए भिलाई चली गईं। 12वीं के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में करियर बनाने का फैसला किया। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के तुरंत बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

यूपीएससी में सफल कैंडिडेट्स की कहानियां अक्सर आपने सुनी होंगी। यह कहानियां नई ऊर्जा भर देती है। सफलता की कहानियां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। उनको नौकरी के कई ऑफर मिले लेकिन उन्होंने यूपीएससी की वजह से नौकरी न करने का फैसला किया। नम्रता का मानना है कि अगर आपकी मजबूरी ना हो तो नौकरी करने के बजाय आपको पूरे समर्पण के साथ तैयारी करनी चाहिए।

अगर आप दृढ़ मानसिकता के साथ कोई काम करते हैं तो उस काम को सफल होने में कोई रोक नहीं सकता। नम्रता को यूपीएससी में सफलता करीब 3 साल के संघर्ष के बाद मिली।