महाशिवरात्रि 2021 साल का वह पावन दिन है जिस दिन भक्त महादेव और शक्ति स्वरूपा माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखकर उनकी पूजा करते हैं। पुराणों की कथा के अनुसार, पूर्वजन्म में धन के देवता भगवान कुबेर ने अनजाने में ही महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा कर ली थी और इस पूजा के प्रभाव से उन्हें दूसरे जन्म में भगवान शिव की भक्ति प्राप्ति हुई और वह देवलोक के कोषाध्यक्ष बन गए।
11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन का आरंभ शिवयोग में होगा और शिव योग को शिव साधना के लिए शुभ माना जाता है। शिवयोग में गुरुमंत्र और पूजन का संकल्प लेना भी बहुत शुभ माना जाता है लेकिन शिवयोग 11 मार्च के दिन अधिक समय तक नहीं रहेगा,

शिव योग महाशिवरात्रि के दिन सुबह 9 बजकर 24 मिनट पर ही यह समाप्त हो जाएगा और उसके बाद सिद्ध योग आरंभ हो जाएगा। यह शिव योग गृहस्थी लोगों की साधना के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस योग में शिव का पूजन करने से गृहस्थी लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैंं और उन्हें सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि के दिन सुबह 9 बजकर 24 मिनट के बाद सिद्ध योग प्रारंभ हो जाएगा। सिद्ध योग को मंत्र साधना, जप, ध्यान के लिए शुभ फलदायी माना जाता है। इस योग में किसी नई चीज को सीखने या काम को आरंभ करने के लिए भी बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है। ऐसे में सिद्ध योग में मध्य रात्रि में शिवजी के मंत्रों का जप उत्तम फलदायी होगा। इस योग में साधक लोगों को पूजन करने से अभीष्ट सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि के दिन तंत्र, मंत्र साधना, तांत्रिक पूजा, रुद्राभिषेक करने के लिए 12 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 12 मिनट तक का समय बहुत ही शुभ रहेगा। वहीं सामान्य गृहस्थ को शुभ और मनोकामना पूर्ति के लिए सुबह और संध्या काल में शिव की आराधना करना शुभ रहता है।