एक ब्रिटिश ब्लॉगर ने दुनिया के सबसे खराब सार्वजनिक शौचालय को खोजने के लिए 90 से अधिक देशों में 1.2 लाख किलोमीटर की यात्रा की। इसके लिए उन्होंने 150,000 पाउंड यानी लगभग 1.3 करोड़ रुपये खर्च किए। ग्राहम के मुताबिक, उन्हें ताजिकिस्तान में दुनिया का सबसे खराब सार्वजनिक शौचालय मिला। उन्होंने कहा कि यह इतना बुरा है कि जो लोग इसका इस्तेमाल करते हैं, उन्हें धूप में सुखाए गए मल के ऊपर से गुजरना पड़ता है।
ग्राहम ने कहा कि इसकी सबसे विचित्र बात यह है कि इसकी कपड़े की दीवारों का उपयोग टॉयलेट पेपर के रूप में किया जाता है।
सुलभ शौचालय एक सामाजिक-सेवा से जुडी स्वयंसेवी एवं लाभनिरपेक्ष संस्था है। यह संस्था पर्यावरण की स्वच्छता, अ-परम्परागत ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबन्ध, सामाजिक सुधार एवं मानवाधिकार को बढावा देने के क्षेत्र में काम करती है। इस संस्था से लगभग ५०,००० स्वयंसेवक जुडे हुए हैं।
ताजिकिस्तान में सबसे खराब सार्वजनिक शौचायल ढूंढने से पहले उन्होंने छह महाद्वीपों में सैकड़ों सार्वजनिक शौचालयों का दौरा किया। ग्राहम ने अपनी नई किताब ‘टॉयलेट्स ऑफ द वाइल्ड फ्रंटियर’ में 36 सार्वजनिक शौचालयों को शामिल किया है।
इस लिस्ट में बांग्लादेश और चीन का एक-एक सार्वजनिक शौचालय भी शामिल है।सार्वजनिक शौचालयों को ढूंढने की उनकी जिज्ञासा उनकी मोरक्को में पहली विदेशी छुट्टी पर जगी। उन्होंने दुनिया भर में देखे गए सबसे खराब शौचालयों के बाहर का चित्र भी बनाया।