जब भी हमारे मन में घूमने की बात आती है, तभी हम किसी हिल स्टेशन या पहाड़ी क्षेत्र में जाने की बात करते हैं। और अगर किसी के मन में आता है कि नहीं चलो इस बार तो गांव में घूमने चलेंगे, इसे सुनते ही लोग मुंह बना लेते हैं। लोग सवाल उठाने शुरू कर देते हैं। लोगों का मानना होता है कि गांव में रखा ही क्या है। गांव में वही खेती, वही कम वस्थाएं।
गांव में होता ही क्या है, लेकिन दोस्तों यकीन मानिए अब हम जिन गांव के बारे में आपको इस खबर के माध्यम से बताने जा रहे हैं। उन गांव के बारे में सुनने मात्र से ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे, खुशी के मारे। आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे, प्रसन्नता की वजह से।

आपको बहुत हर्ष होगा। आप हर्षित से कूद उठेंगे, झूम उठेंगे, और आपके मन में भी यह बात जरूर आएगी कि चलिए इस बार घूमने के लिए हम इन्हीं गांव में जाएंगे। और जब आप इन गांव में घूमेंगे तो आप शहरों की सुंदरता को भी भूल जाएंगे।

शहरों में वही फसी-फसी सी जिंदगी, भीड़भाड़ वाली जिंदगी। मेट्रोपॉलिटन शहरों में एक बार जाकर कोई दोबारा जाना पसंद नहीं करता, लेकिन इन गांव में एक बार जाकर आप जब तक इस धरती पर रहेंगे तब तक बार-बार आने का मन बनाएंगे। आपका बार-बार आने का मन होगा। तो चलिए अब इस गांव के बारे में पूरी जानकारी आपको इस खबर के माध्यम से देते हैं।

स्मित- मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित है। स्मित पहाड़ों पर बसा एक गांव है। यह गांव कुदरत की खूबसूरत चादर ओढ़े हुए नजर आता है। इस गांव को प्रदूषण मुक्त घोषित किया गया है। इस गांव की खूबसूरती देखते ही बनती है।

मावलिनॉन्ग- मेघालय का यह गांव शिलांग से करीब 90 किलोमीटर दूर बसा है। यह एक छोटा सा गांव है इस गांव को एशिया का सबसे साफ गांव का दर्जा प्राप्त है। इस गांव में एशिया का सबसे मशहूर रूट ब्रिज भी है।

खोनोमा- ये गांव एशिया का सबसे पहला हरा-भरा गांव घोषित किया गया है। नागालैंड की राजधानी कोहिमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गांव है। इस गांव में तकरीबन 100 से अधिक प्रजातियों के प्राणी और जीव जंतु पाए जाते हैं।

मिरिक- ये गांव दार्जिलिंग के पश्चिम में समुद्र तल से लगभग 4905 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक बेहद ही छोटा और खूबसूरत गांव है। इस गांव की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम यहा पर स्थित मिरिक झील कर देती हैं।
मिरिक झील देवदार के पेड़ों से घिरी है। यहां के प्राकृतिक नजारे मन मोह लेते हैं।मलाना- हिमाचल सुनते ही कुल्लू और मनाली का नाम जेहन में आता है। कुल्लू घाटी के उत्तर में पार्वती घाटी की चंद्रखानी की हरी-भरी वादियों में खूबसूरत मलाना गांव बसा हुआ है। इस गांव की खूबसूरत पहाड़ियों के नजारे मन मोह लेती है। यह गांव मलाना नदी के किनारे बसा हुआ है।