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IIT मद्रास की नायाब खोज, ‘न्यूरल नेटवर्क’ तकनीक के ज़रिए निकाला “ख़राब तस्वीरों” को ठीक करने का रास्ता

दोस्तों खुशखबरी है, दोस्तों करिश्मा है, दोस्तों खुशी की खबर है, दोस्तों आपके लिए तोहफा है, दोस्तों आपके लिए मजे वाली खबर है। क्या कहूं मैं इसे, जितनी भी मैं इसकी तारीफ करुं उतना कम है, क्योंकि दोस्तों आप जानते हैं।

आज से पहले आपकी पुरानी फोटोस आपके माता-पिता, आपके दादा, आपके परदादा के वक्त की जितनी भी पुरानी फोटो हुआ करती थी। जब आप उन्हें निकालते थे या उन्हें देखा करते थे, या फिर आपके माता-पिता उन्हें निकालते थे।

उन्हें देखा करते थे, तो पुरानी फोटो धुंधली हुआ करती थी, या फिर समय के साथ-साथ वह धुंधली हो जाए करती थी, या खराब होने की कगार पर आ जाए करती थी। और सभी सोचते थे कि पुरानी यादों को संजोकर हमने रखा, अब यह यादें हम किसी को ना तो दिखा पाएंगे और ना ही अपने पास रख पाएंगे।

क्योंकि यह तो दिखाई ही नहीं दे रही हैं। तो दोस्तों, आप चिंता मत कीजिए। अपने माता-पिता अपने दादा अपने परदादा अगर जमीन पर हैं यह सभी, तो उन्हें खुशखबरी बता दीजिए। आईआईटी मद्रास ने एक करिश्मा कर दिखाया है।

कारनामा कर दिखाया है, एक बहुत बड़ी बात आपके सामने इस खबर के माध्यम से हम बताने जा रहे हैं। अपनी यादों को अपनी मेमोरी को अब आप फिर से तरोताजा कर सकते हैं। जी हाँ अपनी हर पुरानी फोटो को नया करवा सकते हैं दोस्तों।

क्या है पूरा तरीका कैसे होती है पुरानी फोटो नई। कैसे धुंधली फोटो खराब फोटो, नई होकर दिख जाती हैं। सदियों पुरानी फोटो को फिर से नया कर दिया जाता है, कैसे देखें।

दरअसल अभी ये तकनीक सेटेलाइट की धुंधली फोटोज को क्लियर करके दिखाती है, क्या ये तकनीक ही पुरानी फ़ोटो जो कैमरे से खिंची हो क्या वो भी क्लीयर हो पाएंगी, ये अभी एक पहेली है सवाल है और अगर ऐसा होता है तो बड़ी बात होगी मित्रों।

खैर अब पूरी जानकारी सुनिए। IIT मद्रास के शोधकर्ताओं द्वारा ऐसी तकनीक तैयार की गई जिसकी मदद से सीसीटीवी में कैप्चर हुई खराब तस्वीरों को फिर से सही किया जा सकता है। इसके लिए ये शोधकर्ता आर्टिफ़िशियल न्यूरल नेटवर्क की शक्ति का उपयोग करेंगे।

इससे उन तस्वीरों को सही किया जा सकेगा जो बारिश, धूप जैसी मौसमी स्थिति के कारण खराब हो जाती हैं। राजगोपालन आईआईटी मद्रास के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज के चेयरपर्सन पद पर हैं।

इस प्रयोग में आईआईटी मद्रास के मैत्रेय सुइन और कुलदीप पुरोहित ने इनकी मदद की है। राजगोपालन की इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विजन प्रयोगशाला में आर्टिफ़िशियल न्यूरल नेटवर्क की पावर से खराब हुई तस्वीरों को दोबारा से सही किया जाएगा।

इस नई तकनीक का इस्तेमाल बारिश की धारियों, बारिश की बूंदों, धुंध आदि के कारण खराब हुई तस्वीरों को फिर से साफ करने में किया जाएगा। लेकिन किसी भी तरह से कैमरे से क्लिक की गई पुरानी हुई ख़राब फोटो को ये ठीक नहीं कर पाएगी। लेकिन जो भी तकनीक बहुत सॉलिड है साहब।

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