पढ़ाई-लिखाई न करने पर पिता ने डांटा तो एक बालक 11 साल की उम्र में घर छोड़कर चला गया था। इसके बाद परिजन ने काफी तलाशने के बावजूद उसका पता न चलने पर उसे लगभग भूल चुके थे। रविवार को सुबह अचानक वह आया तो परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई।
बाहर रहने के दौरान उसने अपनी मेहनत के बलबूते ट्रक व कार भी खरीद ली। उसे देखने के लिए गांव वालों की भीड़ जमा रही। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले रिंकू की किस्मत इस तरह बदल जाएगी उसने कभी सोचा भी नहीं होगा।

क्योंकि, 14 साल पहले जब रिंकू ने पढ़ाई के डर से घर छोड़ा था तो उसके पास ‘फूटी कौड़ी’ नहीं थी। लेकिन, आज उसके पास खुद के कई ट्रक और लग्जरी कारें हैं। फिरोजपुर गांव निवासी सीता देवी ने बताया कि उनके पति खेतीबाड़ी करते हैं।

परिवार में छह बेटे हैं। चौथे नंबर का बेटा रिंकू का बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगता था। 11 वर्ष की आयु में एक दिन उसके पति ने उसे डांटा और कहा कि कल से पढ़ने स्कूल जाओगे। अगले दिन रिंकू बगैर बताए गायब हो गया। कई महीनों तक उसकी आसपास व रिश्तेदारों में तलाश की पर पता नहीं चला।

रिपोर्ट के अनुसार, पढ़ाई को लेकर जब रिंकू को डांट पड़ा था वह घर छोड़कर चला गया। घर से भागकर रिंकू लुधियाना पहुंच गया।
वहां, रिंकू की मुलाकात एक सरदार से हुई, जो ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाते थे। उन्होंने रिंकू को अपने यहां रख लिया और काम भी सिखाया। रिंकू का अब नाम गुरुप्रीत हो चुका है। उसका पूरा रहन-सहन भी सरदारों की तरह हो गया है।

वह सरदारों की तरह पगड़ी बांधता है। उसने बताया कि गोरखपुर का एक परिवार जो लुधियाना में रहता है उसकी बेटी से रिंकू की शादी भी हो चुकी है लेकिन रिंकू के अपने गांव और परिवार के बीच आने के बाद उसका मन बदल गया है अब वो अपने परिवार माता पिता के साथ रहने का फैसला कर लिया ही।