दुनिया में आज भी ऐसे लोग है जो जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए आगे आते है उन्हें लोगों की मदद करना काफी अच्छा लगता है। आज हम एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी जिंदगी लोगों में सेवा में ही लगा दिया है।
चेन्नई की रहने वाली गीता श्रीधर शादी के बाद मुंबई शिफ्ट हो गईं। मुंबई में उन्होंने एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। इसी दौरान उनका काफी समय अपने बीमार पिता की देखभाल में बीता। लंबी बीमारी के बाद जब गीता के पिता इस दुनिया में नहीं रहे तो उन्होंने लोगों की मदद करने का फैसला किया।

वे जरूरतमंदों की मदद के लिए हर हाल में आगे रहती हैं। एक डॉक्टर के साथ पुणे के एक अनाथ आश्रम में गईं। गीता श्रीधर ने वहां कैंसर से जूझ रहे बच्चों की सेवा करने की सोची।
इन बच्चों के बेहतर इलाज के लिए आर्थिक सहायता की तो जरूरत थी ही लेकिन इससे ज्यादा सही देखभाल की जरूरत थी। इसी कारण से गीता ने इन बच्चों की देखभाल करने की सोची और वह अपने साथ 28 बच्चों को लेकर मुंबई गईं और एक फ्लैट में बच्चों को ठहराया।

आपको जानकर हैरानी होगी कि कैंसर से पीड़ित होने के कारण बच्चों को तेज और हैवी डोज मिलती हैं वहीं साथ ही बच्चों को कीमोथेरेपी भी चलती है।
जिन 28 बच्चों को आश्रम से गीता अपने साथ लेकर आई उनकी देखभाल के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। गीता ने इन बच्चों को मां से भी बढ़कर प्यार दिया इतना ही नहीं गीता ने इनके इलाज के लिए अपनी सारी जमा पूंजी इलाज के लिए लगा दी।

वहीं इस ऐसे कठिन समय में गीता के कईं दोस्त भी मदद के लिए आगे आए। गीता 24 घण्टे बच्चों की देखभाल करती है। साथ ही बच्चों के लिए गेम सेशंस, म्यूजिक क्लासेज की भी शुरुआत की। यह काम गीता पिछले 12 वर्षों से के रही है।