सबरीमाला मंदिर में जा रहे भाजपा के केंद्रीय मंत्री पी राधाकृष्णन की गाड़ी को भगवान अय्यप्पा परिसर के रास्ते में अंतिम प्रवेश स्थान हमें जाने से रोक दिया गया था। इनको इस रास्ते पर जाने से रोकने वाले आईपीएस अधिकारी यतीश चंद्र थे। यतीश चंद्र को तभी से दबंग आईपीएस कहा जाता हैं। भाजपा के मंत्री के निजी वाहन के प्रवेश पर रोक लगाने पर मंत्री और उनके समर्थकों मे काफी रोष व्याप्त हो गया।

मंत्री, उनके समर्थक और आईपीएस अधिकारी यतीश चंद्र के बीच जमकर बहस हुई। उस समय आईपीएस ने कहा, ‘वहां पर पार्किंग की समस्या है। सरकारी वाहन वहां वीआईपी को उतारकर वापस आ जाते हैं। अगर एक निजी वाहन जाने दिया जाएगा तो अन्य लोग भी वहां जाने का प्रयास करेंगे। अगर वहां ट्रैफिक की व्यवस्था खराब होती है तो क्या आप जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं?’ मंत्री ने जिम्मेदारी लेने से इनकार किया और आईपीएस पर उनके निजी वाहन को अंदर जाने देने के लिए दबाव बनाने लगे।
आईपीएस ने कहा, ‘आप मुझे लिखकर दे दीजिए तो मैं आपके निजी वाहन को जाने की अनुमति दे दूंगा। मैं तो आपको लिखकर देने को तैयार हूं।’ मंत्री ने कहा कि वह इस तरह का कोई आदेश नहीं दे सकते। आईपीएस ने कहा, ‘यही तो समस्या है, कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। जब मामला भाजपा नेताओं से जुड़ा हुआ है भाजपा और संघ अफसर से बेहद खफा बताया जा रहा है।
अब तीन साल बाद सीपीएम नेता यतीश चंद्र को हीरो बता रही है जबकि संघ और बीजेपी उनसे निपटने का प्रयाश कर रहा है। आपको बता दे कि 32 वर्षीय आईपीएस अधिकारी यतीश चंद्र ने 2010 के UPSC परीक्षा में सफलता पाई थी। उन्होंने पूरे देश में 211 वां रैंक प्राप्त किया था। यतीश चंद्र जो बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बापू जी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी में दाखिला लिया।
बीटेक की डिग्री प्यूडी करने के बाद उन्हें कैंपस प्लेसमेंट में कॉग्निजेंट टेक्नॉलॉजी में साफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर सलेक्ट कर लिया गया था। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयार शरू की और सिविल सर्विसेज परीक्षा 2010 में सफलता भी हासिल की। फिलहाल यतीश केरल के त्रिशूर जिले में एसपी के पद पर कार्यरत हैं।