हर माता पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा पढ़े लिखे और कामयाब इंसान बने। बच्चों के लिए सभी माता पिता मेहनत और मजदूरी करते है और ऐसे में किसी का बच्चा नालायक निकल जाए और अपनी माता पिता की बात न माने तो क्या कहेंगे। ऐसे बहुत से मामले सामने आए है जहां बच्चे माता पिता को पूछते तक नहीं है।
कई बार आपने सुना होगा कि लोग अपने बच्चों से परेशान होकर अपनी जायदाद किसी और को दे दें लेकिन क्या आपने सुना है कि जायदाद जानवरों के नाम कर दी जाए। अगर आपने ऐसा नहीं सुना है तो बिहार में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने अपने बेटे से परेशान होने के बाद अपनी सारी जायदाद और बैंक बैलेंस अपने हाथियों के नाम कर दिया। पटना के दानापुर के जानीपुर से एक ऐसी भी खबर सामने आई है, जो इंसानियत के लिए मिसाल है।

दरअसल, एक तरफ जहां कई लोग हाथियों को मारकर उसकी खाल और दांत की तस्करी कर अपनी जायदाद बनाने में जुटे हैं। वहीं पटना के जानीपुर के रहने वाले अख्तर इमाम ने अपने दो हाथियों को 5 करोड़ की जायदाद का मालिक बना दिया है। इमाम के मुताबिक, उनका बेटा गलत रास्त पर चला गया था, इसलिए उसे जायदाद से बेदखल कर आधी संपत्ति पत्नी और अपने हिस्स की जायदादा हाथियों के नाम कर दी है। उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिस जाकर दोनों हाथियों के नाम दस्तावेज भी बनवा दिए हैं।
अख्तर इमाम का कहना है कि अब अगर उन्हें कुछ भी जाता है तो सारी संपत्ति ऐरावत संस्था के नाम हो जाएगी ताकि इन हाथियों का संरक्षण हो और इन्हें तस्करों से बचाया जा सके। दोनों हाथियों के नाम संपत्ति करने वाले इमाम को लोग हाथियों वाला कहकर भी पुकारते हैं। आपको बता दे कि अख्तर इमाम ने दोनों हाथियों का नाम भी रखा है। एक का नाम ‘मोती’ तो दूसरे का नाम ‘रानी’ है। अख्तर इमाम ऐरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक भी हैं। इनका पूरा जीवन हाथियों के लिए ही समर्पित रहा है।