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Tuesday, March 19, 2024
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    इस गांव में 30 साल पहले थे 200 लोग, अब सिर्फ़ एक आदमी बचा, फिर भी नहीं है अकेला

    लगभग हर देश में आपको शहर और गांव दोनों देखने को मिल जाएंगे। दोनों की बात भी अलग होती है। जहां शहरों की जिंदगी दौड़ती-भागती होती है, तो वहीं गांव की जिंदगी इससे बिल्कुल अलग होती है। हालांकि, आज के दौर में लोगों को गांवों से शहरों की तरफ पलायन जारी है।

    लेकिन हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आज महज एक अकेला इंसान रहता है।आप सोच रहे होंगे कि एक गांव में केवल एक इंसान कैसे रह सकता है तो ये हकीकत है।

    चलिए आपको बता देते है दरअसल करीब 30 साल पहले रूस की सीमा पर बसा डोबरुसा गांव में करीब 200 लोग रहते थे लेकिन आज इस गांव में महज एक व्यक्ति रहता है। बताया जाता है कि सोवियत संघ के टूटने के बाद से इस गांव के सभी लोग आस-पास के शहर और किसी अन्य जगहों पर बसने के लिए चले गए।

    वहीं, कुछ लोगों का निधन हो गया। इसके बाद इस साल के शुरुआत में यहां तीन लोग बच गए थे, जिसमें से एक दंपत्ति जेना और लिडा की बीते फरवरी में हत्या हो गई। इसके बाद इस गांव में सिर्फ एक व्यक्ति गरीसा मुनटेन बचा। गरीसा मुनटेन के साथ कोई नहीं रहता है, लेकिन ये गांव में अकेले नहीं हैं।

    उनके साथ इंसान तो नहीं बहुत से जीव रहते हैं। गरीसा 5 कुत्ते, 9 टर्की पक्षी, 2 बिल्लियां, 42 मुर्गियां, 120 बत्तखें, 50 कबूतर और कई हजार मधुमक्खियां के साथ अपना जीवन बिता रहे हैं।

    गरीसा इस बात को मानते हैं कि अकेले रहने के वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। मुनटेल के मुताबिक, उन्हें अकेलापन बहुत परेशान करता है। ऐसे में उन्होंने इसके लिए रास्ता निकाला कि वो इन जीवों से बात करें और अब वो ऐसा ही करते हैं। गरीसा बताते हैं कि, “उनसे बात करने के लिए यहां कोई नहीं है.”

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