8 मार्च को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा। आज के समय में महिलाएं सशक्त होने लगी है। हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही है, और अपनी खुद की पहचान बना रही है। ऐसा कोई काम नहीं जो महिलाएं ना कर सकें, घर चलाने से लेकर ट्रेन दौड़ाने तक, आज महिलाएं सभी काम कर रही हैं।
इसी ओर एक कदम आगे अब महिलाएं पूरा रेलवे स्टेशनों को संभाल रही हैं। यहां ट्रेन चलाने से लेकर स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टिकट चेकर और रिजर्वेशन क्लर्क तक सभी काम महिलाओं द्वारा किया जाता है।

यहां आपको भारत के ऐसे 5 रेलवे स्टेशनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें सिर्फ महिलाएं चलाती हैं। आपको बता दें कि भारतीय रेल के कुल 13 लाख कर्मचारियों में से 1 लाख महिलाएं हैं।
मुंबई का माटुंगा रेलवे स्टेशन देश का पहला रेलवे स्टेशन है जो सिर्फ महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। इसकी इस खासियत के कारण स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। यह स्टेशन साल 2017 के जुलाई माह से केवल महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है।

आपको बता दे कि इस स्टेशन पर कुल 41 महिलाएं कार्यरत हैं जिनमें 17 बुकिंग क्लर्क, 6 आरपीएफ पर्सनल, 8 टिकट चेकर, 5 प्वाइंट पर्सन, दो रेलवे उद्घोषक और 2 क्लीनिंग स्टाफ शामिल हैं।
जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन की बात। उत्तर पश्चिम रेलवे ने जयपुर मंडल के गांधीनगर स्टेशन को सम्पूर्ण रूप से महिला संचालित स्टेशन बनाया है। जयपुर-दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित जयपुर का यह महत्वपूर्ण स्टेशन है।

यहां से प्रतिदिन लगभग 50 रेलगाड़ियां गुजरती है, जिनमें से 25 रेलगाड़ियां यहां रुकती हैं। महाराष्ट्र के नागपुर का अजनी रेलवे स्टेशन देश का तीसरा रेलवे स्टेशन है, जो केवल महिलाओं द्वारा चलाया जाता है.

अजनी नागपुर का सेटेलाइट स्टेशन है, जो मध्य रेलवे के नागपुर खंड का हिस्सा है और महत्वपूर्ण दिल्ली-चेन्नई रूट का हिस्सा है. इस स्टेशन पर रोजाना औसतन 6,000 यात्रियों की आवाजाही होती है. अजनी रेलवे स्टेशन पर कुल 22 महिला कर्मियों की तैनाती की गई है।