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Friday, March 29, 2024
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    डाकिया ने रोज 145 किमी जंगली रास्तों पर पैदल चलकर पहुचाएं पत्र, लोगो ने की भारत रत्न की माँग

    आपने कई लोगों को अपने जुनून को अपने प्रोफेशन के तौर पर आगे बढ़ाते हुए देखा होगा। लेकिन कुछ लोग अपने काम में भी अपना जुनून तलाश लेते हैं। ऐसे ही कुछ खास लोगों में एक हैं तमिलनाडु के पोस्‍टमैन डी सिवान। 

    घने जंगलों और कठिन इलाक़ों में न केवल वीरता, बल्कि जंगली जानवरों द्वारा किए जाने वाले संभावित हमले, डी शिवन ने तमिलनाडु के एक दूरदराज के इलाके में पत्र पहुंचाने के लिए 30 साल तक लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय की।

    आपको बता दे कि डी सिवान एक रिटायर्ड पोस्‍टमैन हैं। मार्च 2020 को अपने पद से वो रिटायर तो हो गए लेकिन उनके बारे में आज तक लोग विभाग में बात करते हैं।

    वहीं आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू ने ट्विटर पर पोस्टमैन की सराहना की, जिन्होंने “अत्यंत समर्पण” के साथ अपना कर्तव्य निभाया। बता दें कि डी.सीवन की तन्खा 12000 थी लेकिन वह पहाड़ी व जंगली रास्ता तय लगभग 15 किलोमीटर का करते थे और लोगों तक पत्र पहुंचाते थे। 

    उनके कामों को देखते हुए सोशल मीडिया पर लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे है। एक यूजर ने कमेंट करते हुए कहा, मैंने साल 2018 में इनका इंटरव्यू किया था। यह भारत रत्न के हकदार हैं।

    कम से कम इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से तो नवाजा ही जाना चाहिए। हालांकि कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पोस्टमैन डी. सिवन को पद्मश्री देने की गुजारिश की और राष्ट्रपति को टैग किया।

    डी. सिवन बिना डरे अपने कर्तव्य की पूर्ति की,और अपना कर्म करते रहे। वाकई डी सिवन ने निडरता से अपना काम जारी रखा और लोगो तक उनके संदेश पहुचाते रहे।

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