गरीबी एक ऐसी विकट समस्या है जिसके लिए इंसान कुछ भी करने को तैयार रहता है। हमारे देश में गरीबी रेखा बढ़ती ही जा रही है। गरीब होने के कारण इंसान के सामने सबसे बड़ी समस्या पेट पालना।
जी हां पेट पालने के लिए इंसान कुछ भी हद तक जाने के लिए तैयार रहता है। अब एक और गरीबी आपको देखने को मिलेगी। दरअसल एक बच्ची अपना घर चलाने के लिए शराब बेचने को मजबूर है।
घर में खाने को अनाज नहीं. सरकारी सुविधा भी नहीं मिलती है। पेट की आग बुझाने के लिए शराब बेच रही है। शराब बेचकर जो पैसा मिलता है। उसी से घर का चूल्हा जलता है और घर के 6 सदस्यों के पेट की आग बुझ रही है।
यह कहानी कामडारा प्रखंड के रामतोल्या पंचायत स्थित अंबाटोली गांव के शांति तानी के परिवार की है। शांति तानी का परिवार वर्तमान में जिस संकट में जी रहा है।
उससे सरकार की पोल खुलती हुई नजर आ रही है। हम आपको जिस बच्ची के बारे में जानकारी दे रहे हैं उसका नाम शिवरानी तानी है जिसकी उम्र 10 साल की है। शिवरानी तानी कामडारा कुलकी गांव के निवासी हैं।
जिस मां की कोख से उन्होंने जन्म लिया जब उसी मां को भूखी हालत में ना देख सकी तो वह शराब बेचने के लिए निकल पड़ी ताकि मां और पिता के साथ खुद का भी पेट भर सके।
वहीं साप्ताहिक बाजार में वो शराब बेच रही थी और सोचा शराब बेचकर जो पैसे मिलेंगे उससे राशन खरीदकर घर ले जाएंगे लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
तभी बाजार में थाना प्रभारी ने छापेमारी शुरू कर दी। बाजार में हड़कंप मच गया सभी लोग भागने लगे। उसी समय पुलिस को बच्ची दिख गयी। जब पुलिस ने पूछा कि तुम यहाँ शराब क्यों बेच रही हो तो बच्ची बहुत डरी सहमी सी थी।
बच्ची ने कहा कि सर, मेरे घर में खाना नहीं है। मां भूखी है। पिता बेरोजगार हैं। ऐसे में उसे भी भूख लगी थी तो वह क्या करती।” उस मासूम बच्ची ने बताया कि गांव के ही एक चाची से शराब का जार उधार लिया और उसे बेचने के लिए निकल पड़ी।
बच्ची की बात सुन थाना प्रभारी की आंखे नम हो गयी। और उसने अपने तरफ से 1000 रुपया उस बच्ची के हाथ में दिया और कहा कि आज के बाद से शराब मत बेचना, इस पैसे सब्जी बेचना और अपने पिता को भी कहना कि मदद करें।