आज के समय में बहुत से ऐसे समाजसेवी लोग है जो अपनों से पहले दूसरों की मदद के बारे में सोचते है। अगर हम सक्षम है तो गरीबों की मदद अपने हिसाब से करना चाहिए।
क्योंकि बहुत से ऐसे गरीब लोग है जिनके पास रोटी कपड़ा मकान तक नहीं है। आदमी पैसों से नहीं दिल से अमीर होना चाहिए, तभी लोगों की मदद कर पायेगा।

इस बात को साबित किया है एक पुलिसवाला, दरअसल एक पुलिसवाला सच्चा हीरो बनकर सामने आया है जो हर महीने अपनी सैलरी से 10 हजार बचाकर गरीबों को रोटी-कपड़ा देता है।
आदमी अपनी जेब से नहीं बल्कि दिल से अमीर होता है इस बात को इस पुलिसवाले ने साबित कर दिखाया है। आंध्र प्रदेश के के. कृष्ण मूर्ति ऐसे ही एक शख्स हैं। वो प्रत्येक माह अपनी सैलरी का एक हिस्सा गरीबों की मदद पर खर्च करते हैं।

पार्वतीपुरम नगर पुलिस स्टेशन में तैनात हेड कांस्टेबल कृष्ण मूर्ति श्रीकाकुलम जिले के वीरगट्टम मंडल के कोट्टुगुमदा गांव के निवासी हैं। वो कस्बे के साथ आस-पास के गांवों में रहने वाले जरूरतमंदों को राशन व कपड़े मुहैया करवाते हैं।
इसके अलावा सर्दियों के मौसम में बुजुर्गों में कंबल भी बांटते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वो साल 2017 से इस काम में लगे हुए है। हर महीने कृष्ण मूर्ति 30 ऐसे लोगों को चुनते हैं जिन्हें राशन और कपड़ों की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है।

इसके लिए वह उनकी जरूरत के सामान की लिस्ट बनाते हैं और 10 हजार रुपए से खरीदकर उन लोगों को उपलब्ध कराते हैं। आज के समय में ऐसा काम करना वाकई काबिलेतारीफ है। लेकिन इस पुलिसकर्मी ने बिना किसी चिंता के जरूरतमंद लोगों की मदद करने की ठान ली।