भारत सरकार ने दारा शिकोह की कब्र तलाशने का आदेश दिया है। दारा शिकोह 17वीं शताब्दी के मुगल शहजादे थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें दिल्ली में हूमायूं के मकबरे में कहीं दफन किया गया है लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है, इसका पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने पुरातत्वविदों की एक कमेटी बनाई है।
यह कमेटी साहित्य, कला और वास्तुकला के आधार पर दारा शिकोह की कब्र पहचानने की कोशिश कर रही है। आपको बता दे कि दारा शिकोह शाहजहाँ के सबसे बड़े पुत्र थे।

मुग़ल परंपरा के अनुसार, अपने पिता के बाद वे सिंहासन के उत्तराधिकारी थे लेकिन शाहजहाँ की बीमारी के बाद उनके दूसरे पुत्र औरंगज़ेब ने अपने पिता को सिंहासन से हटाकर, उन्हें आगरा में क़ैद कर दिया था।
सरकार ने दारा की क़ब्र की पहचान करने के लिए पुरातत्वविदों की जो टीम बनाई है, उसमें पुरातत्व विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर सैयद जमाल हसन भी शामिल हैं।

उस दौर के कुछ इतिहासकारों का मानना है कि, दारा को हुमायूं के मकबरे में उस गुंबद के नीचे दफनाया गया था जहां बादशाह अकबर के बेटे दानियाल और मुराद दफ्न हैं। हुमायूं के मकबरे में क्योंकि कई सारी कब्रे हैं। लेकिन इन पर किसी की भी पहचान नही लिखी है। जिसकी वजह से इसे पहचानना बेहद मुश्किल है। जहां बादशाह अकबर के बेटे दानियाल और मुराद दफ्न है। जहां तैमुरी वंश के शहजादों और शहजादियों को दफ्न किया गया।
लेकिन इतिहासकार लगातार दारा शिकोह की कब्र को तलाश रहे हैं लेकिन हुमायु के अलावा, कई कब्रें है जिसकी पहचान हुई है। चुंकि हुमायूं के मकबरे में किसी के कब्र पर कोई भी शिलालेख नहीं लिखी हुई है। इसी वजह से परेशानी हो रही है।