ग्लोबल एनिमल राइट्स ग्रुप पेटा (पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक अनूठा आइडिया पेश किया है। पेटा ने मांस खाने वाले पुरुषों के साथ सेक्स न करने का आह्वान किया है। हालांकि, इंटरनेट पेटा के इस अभियान से सहमत नहीं है। दरअसल हाल ही में पेटा ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया था। फोटो पर लिखा था कि पुरुष जलवायू परिवर्तन के लिए महिलाओं से 41 प्रतिशत ज्यादा जिम्मेदार हैं।पेटा ने पीएलओएस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए दावा किया कि महिलाओं की तुलना में पुरुष “जलवायु तबाही” में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
पेटा ने दावा किया कि मांस खाने वाले पुरुष ग्रीनहाउस गैसों में 41 फीसदी अधिक योगदान करते हैं। पेटा ने कहा, “यही कारण है कि पेटा ने मांस खाने वाले पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए उन्हें पहले शाकाहारी बनने के लिए राजी करने का प्रस्ताव दिया है।”
यही नहीं, 22 सितंबर को एक ब्लॉग पोस्ट में, पेटा ने लिखा, “हम सभी उन्हें जानते हैं, उन उपनगरीय पुरुषों को जो हाथ में बीयर की बोतलें लेकर, अपनी महंगी गैस ग्रिल पर सॉसेज पकाते समय चिमटे की ब्रांडिंग करते हैं।
इन बारबेक्यू मास्टर्स का मानना है कि वे मांस के सेवन से खुद को और अपने साथी मनुष्यों को अपनी मर्दानगी साबित कर सकते हैं। उन्हें लगता है कि वे न केवल जानवरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं बल्कि ग्रह को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
“हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स अलग राय रखते हैं और पेटा अभियान को बेतुका बताते रहे हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि उन महिलाओं का क्या जो खुद मांस का सेवन करती हैं। एक यूजर ने लिखा, “पेटा ने महिलाओं से मांस खाने वाले पुरुषों के साथ सेक्स न करने के लिए कहा है।
पेटा का कहना है कि पुरुषों को अपने कार्यों के लिए जवाबदेही लेने की जरूरत है। पेटा ने मांस खाने वाले पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए उन्हें शाकाहारी होने के लिए मनाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन मांस खाने वाली महिलाओं का क्या।”
एक अन्य यूजर ने लिखा कि वह खुद महिला है और मीट खाती है। पेटा को इस तरह की ‘मूर्खता’ से बचना चाहिए।