दिल्ली में आपको घूमने फिरने के लिए बहुत सी जगह मिल जाएंगी। जिनमें से आपने कुछ जगहों के बारे में तो सुना होगा, लेकिन कुछ जगहों के बारे मे शायद ही सुना हो। आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे।
1. जमाली कमाली मकबरा और मस्जिद

जमाली कमाली का मकबरा और मस्जिद एक दूसरे से सटे हुए हैं। मस्जिद एक संलग्न उद्यान क्षेत्र में स्थित है, जबकि मकबरा एक सपाट छत के साथ 25 फीट वर्गाकार की संरचना है, जो मस्जिद के उत्तर की ओर स्थित है। इसके इतिहास का जादू, जटिल वास्तुकला और हरियाली देख कर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।
कहाँ : जमाली कमाली मकबरा और मस्जिद – महरौली पुरातत्व पार्क, महरौली
2. बेगमपुर मस्जिद

बेगमपुर मस्जिद जामा मस्जिद की तरह ही उसके एक जुड़वा की तरह है,आकार में भी समान है।लेकिन अपनी वर्तमान स्थिति में पुरानी दिल्ली मस्जिद से बिल्कुल अलग है जो अभी भी उपयोग में है। इसमें तिमुरीद वास्तुकला के तत्वों के साथ एक विशाल आंगन है। पश्चिम में बिजय मंडल का दृश्य और छत से चारों ओर से शहर का नजारा देखने लायक होता है।
कहाँ : बेगमपुर मस्जिद – गीतांजलि मार्ग, मालवीय नगर
3.बिजय मंडल

कई परिवर्तनों से बचे रहने के बाद, बिजय मंडल महल के अवशेष, एक अजीबोगरीब गुंबद और दो कक्षों के साथ खंडहरों के बीच में खड़ा है। महल मे ‘हजारों खंभों का हॉल’ होने के कारण यह ख़ास है। आपको ये एक बार ज़रूर देखना चाहिए।
कहाँ : बिजय मंडल – कालू सराय
4.खूनी दरवाजा

खूनी दरवाजा को कभी-कभी लाल दरवाजा के नाम से भी जाना जाता हैं। शेर शाह सूरी ने समय में इसका निर्माण किया गया था। यह दिल्ली के 13 जीवित द्वारों में से एक है। यह संरचना उस युग की मुगल वास्तुकला का एक बड़ा उदाहरण है, जिसमें ट्रेडमार्क मेहराब और खिड़की की दीवारें हैं।
कहाँ : खूनी दरवाजा – बहादुर शाह जफर रोड
5. आदम खान का मकबरा

दिल्ली के कम-ज्ञात ऐतिहासिक स्मारकों में से ये एक शानदार संरचना है। जिसे आमतौर पर भूल भुलैया के रूप में जाना जाता है।क्योंकि इसके गलियारों की संरचना जिस प्रकार की है, वहा आप अपना रास्ता खो सकते है। लोधी शैली की स्थापत्य कला से निर्मित यह मकबरा अष्टकोणीय है, जिसके प्रत्येक आठ भुजाओं पर छोटी-छोटी मीनारें हैं और यह अद्भुत कार्य है।
कहाँ : आदम खान का मकबरा – कुतुब मीनार के पास, महरौली