जहां दिल्ली मे घूमने फिरने की कमी नही है, वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐलान किया है कि केजरीवाल सरकार राजधानी को जल्द झीलों का शहर बनाएगी।
इस योजना के तहत 50 झीलों को पर्यटनस्थल के रूप में बदला जाएगा।इसमें से पहले चरण में 23 झीलों को पुनर्जीवित करने का कार्य चल रहा है। वहीं सिसोदिया भी इस योजना के तहत विकसित की जा रही सन्नौठ झील का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि छह एकड़ में फैली सन्नौठ झील को सुंदरी बनाने का काम किया जा रहा है।
इसके साथ ही झील को नया स्वरूप देकर सुंदर पिकनिक स्पाट के रूप में बनया जाएगा। जिसमें बच्चों के लिए खेल के मैदान, पिकनिक गार्डन, पैदल मार्ग, छठ पूजा घाट और जिम जैसी सुविधाएं होंगी। इस झील को देख रेख का काम दिल्ली सरकार का सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग कर रहा है।
इसके साथ ही सिसोदिया ने बताया कि इस झील को जीवंत करने के लिए घोघा ड्रेन में मौजूद एक एमएलडी के प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से रिसाइकल किए जाने वाले पानी का इस्तेमाल होगा।घोघा ड्रेन में एसटीपी वेटलैंड प्रणाली पर आधारित है, यह बिना बिजली के गंदे पानी को साफ करता है। इस एसटीपी की क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा, ताकि झील को पर्याप्त पानी मिल सके।
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ‘सस्टेनेबल माडल’ का उपयोग करके झीलों का निर्माण कार्य कर रही है।इसका उद्देश्य शहरी बाढ़ को रोकना और रुकी हुई नालियों से बचने के लिए विभिन्न जलाशयों का निर्माण करना है।
जिसके कारण यह कई पौधों, पक्षियों और पशुओं की प्रजातियों के लिए आशियाना बनेंगी। पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी।