हर किसी को मौत से डर लगता है। कोई भी इस दुनिया से जल्दी मरना नहीं चाहता है लेकिन इस दुनिया में आये है तो यहां से एक न एक दिन जाना भी है। ये एक बहुत बड़ी सच्चाई है। अब एक ऐसा मामला जिसे सुनने के बाद आप हैरान रह जाएंगे।
जी हां एक ऐसी जवान जहां लोग शांति से मरने आते है। वाराणसी में एक ऐसा भवन है, जहां लोग मौत का इंतजार करने आते हैं। साल 1908 में बने इस भवन को मुक्ति भवन के नाम से जाना जाता है। यहां एक पुस्तक है, जो आने वालों का बहीखाता रखती है। इस किताब में ज्यादातर नाम वही हैं, जो मुक्ति भवन में आने के कुछ दिनों के भीतर नहीं रहे।
आपको बता दे कि 60 साल के इस मोक्ष भवन में 12 कमरे हैं। इन्हीं कमरों में रहकर लोग अपनी मौत का इंतजार करते हैं। 1958 में डालमिया चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा निर्मित इस भवन में अब तक कई लोग सांसारिक जीवन से मुक्ति लाभ कर चुके हैं।
हर साल दुनियाभर से लोग यहां पर रहने के लिए आते है औऱ आखिर वक्त यहां पर भी बिताते है। इन कमरों में केवल उन्हीं को जगह मिलती है, जो मौत के एकदम करीब हैं। मौत का इंतजार कर रहा कोई भी व्यक्ति 2 हफ्ते तक यहां के कमरे में रह सकता है। बहुत से ऐसे लोग भी आते हैं जो अपनी अंत्येष्टि करवाने में भी सक्षम नहीं होते।
ऐसे में भवन ही उनके सारे इंतजाम करता है। इसके साथ ही मोक्ष भवन की एक और खासियत ये है कि यहां ठहरने वालों से पैसा नहीं लिया जाता है।
हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि यहां अब तक 15 हजार से भी ज्यादा लोग अपने प्राण त्याग दिए हैं। एक ऐसा होटल जहां लोग डेथ विश लेकर आते है और खुशी खुशी मरना चाहते है।
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