दिनों दिन बढ़ती महंगाई, टाइम की कमी और काम के बड़ते प्रेसर के कारण लोगों के लिए एक एक मिनिट और एक एक पैसा बहुत ही ज्यादा कीमती है। ऐसे में लोगों का आधे से ज्यादा वक्त यात्रा करने में ही निकल जाता हैं, जोकि महंगी भी होती हैं।।ऐसे में लोग यात्रा करने और पैसे बचाने के लिए शॉर्टकट डुंडते हैं।
ऐसे में सरकार यात्रियों की इस मुसीबत को देखते हुए आए दिन कोई न कोई नई नई योजनाएं लाती हैं,ताकि लोगो का समय और पैसे दोनो कम खर्च हों। वहीं इस बार सरकार नोएडा एयरपोर्ट से लेकर दिल्ली एयरपोर्ट तक का सफ़र करने वाले यात्रियों को एक नई सौगात दे रही हैं।जिस से उनका समय और पैसे दो नो ही बचेंगे।
सरकार ने यमुना प्राधिकरण नोएडा एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पॉड टैक्सी और मेट्रो की लाइन बिछाने का फैसला किया है।नोएडा एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए यमुना अथॉरिटी की 74वीं बोर्ड बैठक में मेट्रो कॉरिडोर और पॉड टैक्सी के कई प्रस्तावों को मंजूरी दी है। वहीं हजारों आवंटियों को ब्याज से छूट के लिए ओटीएस स्कीम के साथ कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई हैं।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मेट्रो के जरिए जोड़ा जाएगा।इसके साथ ही प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्राधिकरण की बड़ी परियोजनाओं के लिए फंड बटोरने को इन्फ्रा बॉन्ड लाने के प्रस्ताव के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अपैरल पार्क में आठ भूखंडों पर फ्लैटेड फैक्ट्री निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
आपको बता दें कि जेवर एयरपोर्ट से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक 72.94 किलोमीटर का कॉरिडोर दो चरणों में बनेगा। वहीं इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने डी एमआरसी से डिटेल प्रॉजेक्ट रिपोर्ट और फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाई है। जिसके लिए प्राधिकरण ने दोनों रिपोर्टों पर मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह एनसीआर का सबसे लंबा रूट होगा
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के मुताबिक ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली तक मेट्रो के पहले से बने कॉरिडोर के इस्तेमाल की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इसमें नॉलेज पार्क-2 से नोएडा सेक्टर-142 तक एक्वा लाइन मेट्रो और न्यू अशोक नगर से अक्षर धाम तक ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर का इस्तेमाल हो सकता है।
वहीं इसके साथ ही इस बैठक में पॉड टैक्सी योजना के पहले चरण में फिल्म सिटी और आसपास के सेक्टरों को जोड़ने के लिए डीपीआर को मंजूरी दी गई है।