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Saturday, April 20, 2024
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    VIDEO: महाकाल मंदिर में बैंड ने दी ‘हर-हर शंभू’ भजन पर शानदार प्रस्तुति, आप भी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे

    Mahakal Temple Ujjain: 11 अगस्त (गुरुवार) को उज्जैन को महाकाल मंदिर में कई विशेष आयोजन किए गए। इस मौके पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया, वहीं बैंड द्वारा इस मौके पर हर-हर शंभु भजन पर शानदार प्रस्तुति दी गई। 11 अगस्त, गुरुवार को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2022) का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके देश के कई प्रमुख मंदिरों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakal Temple Ujjain) मंदिर में हुआ।

    यहां नागपुर के सुयोग बेंड ने ने महाकाल मंदिर गर्भगृह के सामने हर-हर शंभू भजन पर शानदार प्रस्तुति देते हुए सभी का दिल जीत लिया।

    जिसने भी ये प्रस्तुति देखी और सुनी वो खुद को बैंड की तारीफ करने से नहीं रोक पाया। ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

    महाकालेश्वर मंदिर में 11 अगस्त की सुबह मंदिर के पट खुलते ही पहले ही भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन कर नए वस्त्र व आभूषण धारण कराकर श्रृंगार किया गया।

    बाबा महाकाल को भस्म रमाने के बाद आरती शुरू हुई। आरती के बाद श्रद्धालुओं द्वारा लाई गई राखी भी भगवान को अर्पित की गई।

    भगवान महाकाल के लिए पुजारी परिवार की महिलाओं द्वारा विशेष राखी तैयार की गई। रक्षाबंधन के मौके पर महाकाल मंदिर में देशी-विदेश फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया।

    गुरुवार को भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया।धर्म ग्रंथों में 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में बताया गया है। ये सभी ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं और सभी का अपना विशेष महत्व है।

    इन सभी ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र महाकालेश्वर ही दक्षिणमुखी हैं। चूंकि दक्षिण दिखा यम की मानी गई है, इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का महत्व काफी अधिक है।

    रोज सुबह होने वाली भस्म आरती भी विश्व प्रसिद्ध है। इस आरती को देखने के ले देश नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त यहां आते हैं।

    भगवान महाकाल की विशेष अवसरों पर सवारी निकाली जाती है, जिसमें भगवान के मुघौटे को एक पालक में बैठाकर नगर भ्रमण करवाया जाता है।

    ये सवारी सावन के सभी सोमवार और भादौ के दो सोमवार के अलावा अगहन मास व दशहरे के मौके पर भी निकाली जाती है।

    ऐसा कहा जाता है कि सावन माह के दौरान भगवान महाकाल अपने भक्तों का हाल-चाल जानने मंदिर से बाहर आते हैं। उज्जैन के लोग महाकाल को ही अपना राजा मानते हैं।

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