सफलता हासिल करने के लिए बहुत मशक्कत करनी पढ़ती है और अपने हौसले को भी बहुत मजबूत रखना होता है। आज की कहानी उस हिम्मतवाली लड़की की है, जो बचपन में झुग्गियों यही और गरीबी भी झेली। इस लड़की को एक ऐसी बीमारी ने घेर लिया, जिसमें हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती हैं और छोटी से भी फ्रैक्चर होने का अंदेशा बना रहता है।
हम बात कर रहे है उम्मुल खैर (Ummul Khair) की, वो उम्मुल जिन्होंने यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में ज़बरदस्त कामयाबी हासिल की है।
उम्मुल खैर बचपन से ही विकलांगता का शिकार रही, फिर भी उन्होंने अपनी तमाम बाधाओं को पार करते हुए 2016 में यूपीएससी का परीक्षा निकाला और 420th रैंक हासिल कर सबको हैरान कर दिया।
एक बहुत ही साधारण गरीब परिवार से आने वाली उम्मुल खैर एक बेहद गरीब परिवार से सम्बद्ध रखती थी, लेकिन उम्मुल ने कभी हार नही मानी और अपनी लगन और कठिन परिश्रम से इन्होंने अपनी काबिलियत का प्रमाण देते हुए एक IAS बनने तक का सफर तय किया।
उम्मुल खैर बचपन से ही एक बीमारी अजैले बोन डिसऑर्डर की मरीज़ थीं, इस बीमारी के चलते हड्डियां कमजोर हो जाती है और इंसान सही से चल फिर नहीं पाता है।