गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा
गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः
एक इंसान के जीवन में सबसे बड़ा स्थान उसके गुरु का होता है, वही उनके जीवन को सावर्ता है और नया मोड़ देता है । वह बच्चो को आगे बडना सिखाता है तो खुद भी धीरे धीरे आगे बढ़ता है । टीचर केवल बच्चो को नही पढ़ता बल्कि खुद भी उनसे कई सारी नई बाते सीखता है । कभी कभी हमे अपने टीचर पसंद आते है और कभी नही भी। लेकिन कुछ टीचर से बच्चो का मन बंध जाता है , कुछ ऐसा ही आंखो किस्सा हम आज आपके साथ शेयर करने जा रहे है जिसमे प्रिय टीचर के ट्रांसफर पर बच्चो ने दिखाया दुख
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के एक स्कूल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर लोगों को भावुक कर रही हैं। शिक्षक को अपने छात्रों से कितना लगाव होता है, इसका नजारा चंदौली के कंपोजिट स्कूल में देखने को मिला।
नजारा कुछ ऐसा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को जब पता चला कि उनके टीचर का ट्रांसफर हो गया है, तो वह बिलख-बिलख कर रोने लगे और न जाने की अपील करने लगे। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है।
टीचर को अपने बच्चों से प्यार के उदाहरण तो आपने कई देखे और सुने होंगे लेकिन बच्चों को भी अपने टीचर से कितना प्यार होता है।
इसका एक उदाहरण यहां यूपी के चंदौली में देखने को मिला। शिक्षक के ट्रांसफर होने पर स्कूल के छात्र भावुक हो गए। उनके विदाई समारोह में छात्र बिलख-बिलख कर रोने लगे और गले लग गए।
दरअसल, यह मामला चंदौली जिले के कंपोजिट स्कूल का है। शिवेंद्र सिंह बघेल (शिक्षक) लगभग चार साल इस स्कूल में कार्यरत रहे। अब शिवेंद्र सिंह का हाल ही में दूसरे स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया। उनका कार्यकाल 7 सितंबर 2018 से लेकर 12 जुलाई 2022 तक रहा।
इस दौरान उनका स्कूल के बच्चों और दूसरे शिक्षकों से बहुत जुड़ाव हो गया। शायद यही उनकी कमाई थी कि जब उनका ट्रांसफर हुआ तो बच्चे भावुक हो गए और गले लगकर रोने लगे।
जब छात्र शिक्षक को फेयरवेल दे रहे थे, उस दौरान छात्रों की आंखों में आंसू आ गए और गले लगकर रोने लगे। छात्र अपने शिक्षक को जाने नहीं देना चाहते।
अपने टीचर की विदाई पर छात्र इतने भावुक हो उठे कि उनके लिपट-लिपटकर रोने लगे। इस दौरान वह बच्चों को सांत्वना देने की कोशिश करते नजर आए।