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Thursday, April 25, 2024
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    आखिर क्या अंतर होता है हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज में? जानिए

    तीज व्रत साल में तीन बार मनाया जाता है, लेकिन नाम एक जैसे होने की वजह से महिलाओं में इसकी तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। दिल्ली के न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में तीनों तीज व्रत के बारे में विस्तार से बताया है। हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज में क्या अंतर है?

    हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व होता है। साल भर में ऐसे कई व्रत और त्योहार होते हैं, जिन्हें महिलाएं धूम-धाम से मनाती हैं।

    इन्हीं त्योहारों में से एक है तीज व्रत। तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस मौके पर सुहागिनें पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

    हरियाली तीज

    हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर तीज का त्योहार मनाया जाता है। इसे हरियाली तीज या श्रावणी तीज भी कहते हैं। सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

    सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना के साथ यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं।

    हरियाली तीज पर हरे का महत्व होने की वजह से महिलाएं हरी साड़ी और हरी कांच की चूड़ियां जरूर पहनती हैं। इस साल यह व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा।

    कजरी तीज

    कजरी तीज भाद्रपद यानी भादो माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भी पति की लंबी आयु की कामना के साथ रखा जाता है। इसे कजली तीज, सातुड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस साल कजरी तीज 14 अगस्त को है।

    हरतालिका तीज

    इस साल हरतालिका तीज व्रत 31 अगस्त को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है।

    हरियाली तीज की ही तरह इस व्रत को भी विवाहित महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। वहीं अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए इस व्रत को रखती हैं।

    धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की विधि पूर्वक से पूजा की जाती है। इस दिन व्रती महिलाएं करवा चौथ की ही तरह शाम को चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।

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