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    पान की दुकान पर खड़ा ये शख्स ऐसे बना था बॉलीवुड का खूंखार विलेन, लेने लगा था हीरो से ज्यादा फीस

    बॉलीवुड फिल्मों के खूंखार विलेन्स में से एक प्राण (Pran) की आज यानी 12 जुलाई को 9वीं डेथ एनिवर्सरी है। उनका निधन 2013 में मुंबई में हुआ था। प्राण ने अपने लंबे करियर में करीब 362 फिल्मों में काम किया। उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में विलेन का रोल ही प्ले किया लेकिन कुछ फिल्में ऐसी भी है, जिसमें वे पॉजिटिव किरदार निभाते नजर आए थे।

    वैसे, बॉलीवुड में उनकी एंट्री का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, लाहौर की एक पान की दुकान पर एक शख्स ने उन्हें देखा था। उनकी नशीला आंखें और बैठने के अंदाज से वो शख्स इतना ज्यादा इम्प्रेस हुआ कि प्राण को फिल्मों में काम करने का ऑफर दे दिया।

    पान की दुकान पर जिस शख्स ने प्राण को देखा था वो वली मोहम्मद थे और उन दिनों वो प्रोड्यूसर दलसुख एम. पंचोली के लिए फिल्म की कहानी लिखा करते थे। उन दिनों भी वे फिल्म यमला जाट की कहानी लिख रहे थे।

    हालांकि, प्राण ने वली मोहम्मद की बातों पर ध्यान नहीं दिया और उनके बुलाने पर वे स्टूडियो भी नहीं गए थे। लेकिन कुछ दिनों बाद वे स्टूडियो पहुंचे तो प्रोड्यूसर उन पर भड़क गए। लेकिन फिर भी उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया और इस तरह 50 रुपए महीने पर प्राण ने काम शुरू किया।

    आपको जानकर हैरानी होगी कि बंटवारे से पहले प्राण ने कुछ पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम किया। फिर पार्टिशन के बाद वे इंडिया आ गए और फिर शुरू हुआ उनके फिल्मों में विलेन बनने का सफर। बता दें कि 50 से लेकर 80 के दशक तक उन्होंने कई फिल्मों में खूंखार विलेन का रोल प्ले किया।

    कहा जाता है कि वे अपने किरदार में इतना ज्यादा खो जाते थे कि रियल लाइफ में भी लोग उन्हें विलेन समझने लगते थे।

    इससे जुड़ा एक किस्सा मशहूर है कि एक बार जब वे अपने दोस्त के घर चाय पीने गए थे तो उसकी बहन प्राण को देखकर इतना डर गई थी अपने कमरे में जाकर छुप गई थी।

    बता दें कि प्राण ऐसे विलेन थे जो उस जमाने में हीरो से भी ज्यादा फीस लेते थे। 60 से 70 के दशक तक वे एक फिल्म के लिए वे करीब 5 से 10 लाख रुपए चार्ज करते थे। उस दौर में केवल राजेश खन्ना और शशि कपूर को ही उनसे ज्यादा फीस मिलती थी।

    प्राण के लिए एक बात और फेमस थी कि वे अपने मेकअप पर बहुत ज्यादा ध्यान देते थे। इसके लिए उन्होंने एक आर्टिस्ट भी रखा जो उन्हें स्केच बनाकर बताता था और फिर वे उसे फाइनल करते थे।

    उन्होंने छलिया, कश्मिर की कली, राज कुमार, खानदान, मेरे सनम, दिल तेरा दीवाना, लव इन टोक्यो, एन इवनिंग इन पेरिस, दल लाख, जंजीर, नसीब, नास्तिक, कालिया जैसी फिल्मों में काम किया।

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