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Friday, April 19, 2024
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    अगर करना चाहते हैं लाखों की कमाई तो घर बैठे शुरू करें यह 12 महीने चलने वाला बिजनेस

    आज के समय में में ज्यादातर युवा अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहता है। इन दिनों लोगो का ध्यान नौकरी पर नहीं बल्कि स्टार्टअप पर है। ऐसा करने से लोग तो आत्मनिर्भर बनेंगे ही, साथ पूरा भारत भी आत्मनिर्भर बनेगा। स्टार्टअप के जरिए आप कम लागत के साथ ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। वैसे तो स्टार्टअप (How to Start Tissue Paper Making Business) के बहुत से आइडिया है। लेकिन ऐसे में अगर आप बेहतरीन कमाए वाले स्टार्टअप आइडिया की तलाश कर रहे हैं, तो नैपकिन पेपर बिजनेस (Napkin Paper Business Idea) काफी अच्छा है।

    रोजमर्रा की हर छोटी बड़ी चीजों में नैपकिन पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे बनाने में न ही ज्यादा लागत आती है और न ही ये ठप्प होने वाला बिजनेस है। ये साल के बारह महीने चलने वाला बिजनेस है। ऐसे में आप इस बिजनेस को शुरू करके अच्छी कमाई कर कर सकते हैं।

    देश का शायद ही कोई ऐसा शहर हो जहां पेपर नैपकिन (Paper Napkin) का इस्तेमाल न किया जाता हो। गंदे हाथ साफ करने से लेकर खाने के दाग धब्बों का साफ करने में यह मददगार साबित होता है। होटल, रेस्टोरेंट और रोड साइड ठेले पर भी टिश्यू पेपर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है और इसकी वजह से टिश्यू पेपर की खपत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

    ऐसे में अगर आप स्टार्टअप शुरू करने का प्लान बना रहे हैं तो आप टिश्यू पेपर (Tissue Paper Making Business) बनाने का काम कर सकते हैं और इसको बनाने में लागत भी कम आती है। ब्रांडेड से लेकर नॉर्मल टिश्यू पेपर की प्रोडक्शन का काम शुरू कर सकते हैं, जिसके लिए आपको एक मैन्युफेक्चरिंग मशीन खरीदनी होगी।

    5 से 10 लाख रुपए में खरीदें मशीन

    Tissue Paper Making Machine

    अगर आप यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले एक मशीन खरीदनी (Tissue Paper Making Machine Price) होगी। इस मशीन की कीमत 5 लाख रुपए से शुरू होती है जो सेमी-ऑटोमेटिक होती है और नैपकिन बनाने के लिए कारीगरों की भी जरूरत पड़ती है। इस मशीन से आप 4 से 5 इंच के आकार का टिश्यू पेपर बना सकते हैं। यह मशीन हर घंटे 100 से 500 टिश्यू बना सकती है।

    वहीं अगर आप कारीगर के बिना टिश्यू पेपर बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए ऑटोमेटिक टिश्यू पेपर मेकिंग मशीन (Automatic Tissue Paper Making Machine) खरीदनी होगी। जिसकी कीमत 10 से 11 लाख रुपए के बीच होती है और यह हर घंटे 2,500 पीस बनाने की क्षमता रखती है। ।इन मशीनों की मदद से आप टिश्यू पेपर बनाने और उन्हें बाजार में बेचने का काम शुरू कर सकते हैं।

    बैंक से ले सकते हैं मुद्रा लोन

    अगर आपके पास मशीन खरीदने के लिए 5 से 10 लाख रुपए नहीं है, तो आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि टिश्यू पेपर मेकिंग के बिजनेस (Tissue Paper Making Business) को शुरू करने के आप मुद्रा लोन (Mudra Scheme) भी ले सकते हैं, जिसमें आपको 3.10 लाख रुपए का टर्म लोन और 5.30 लाख रुपए का वर्किंग कैपिटल लोन (Working Capital Loan) ले सकते हैं।

    हालांकि मुद्रा लोन लेने के लिए आपके पास कम से कम 3 लाख 50 हजार रुपए जुटाने होंगे, जिसके बाद अतिरिक्त इंवेस्टमेंट के लिए बैंक द्वारा लोन मिल जाएगा। इसके लिए आप मुद्रा योजना के तहत बैंक में लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जिसके बाद आपके पास बिजनेस शुरू करने के लिए 10 से 12 लाख रुपए इकट्ठा हो जाएंगे।

    सालाना 10 से 12 लाख की कमाई

    भारत में टिश्यू पेपर का बिजनेस (Tissue Paper Business) काफी तेजी से फल-फूल रहा है। इसकी एक वजह तो बाजार में बढ़ती इसकी मांग है। ऐसे में अगर आप नैपकिन पेपर मेकिंग का बिजनेस शुरू करते हैं, तो आप सालाना 1.50 लाख किलोग्राम टिश्यू पेपर का प्रोडक्शन आसानी से कर सकते हैं।

    बता दें कि बाजार में 1 किलोग्राम टिश्यू पेपर की कीमत 65 से 70 रुपए है, जबकि अच्छी क्वालिटी के पेपर 80 से 85 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिकते हैं। ऐसे में आपका टिश्यू पेपर मेकिंग बिजनेस का सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपए का आंकड़ा आसानी से पार कर सकता है।

    इसकी कीमत में से अगर आप रॉ मैटेरियल, मशीन की लागत, लोन की किश्तें, कारीगरों की तनख्वाह, जगह का किराया और बिजली का बिल आदि हटा देते हैं, तो आप हर साल 10 से 12 लाख रुपए की कमाई आराम से कर सकते हैं।

    यूरोप में तेजी हो रही मांग

    टिश्यू पेपर की मांग (Tissue Paper Demand) सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि विदेशों में भी है। बड़े पैमाने पर विदेशों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यूरोपीय देशों में ठंड के मौसम में टिश्यू पेपर का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जबकि महामारी और लॉकडाउन की वजह से वहां के टिश्यू पेपर के बिजनेस में काफी असर पड़ा है।

    ऐसे में यूरोपीय देशों में इसकी मांग तेजी से बढ़ने लगी है। खपत को पूरा करने के लिए भारत में बने टिश्यू और टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस स्थिति में अगर आप टिश्यू पेपर बनाने का बिजनेस (Tissue Paper Making Business) शुरू करते हैं, तो आपके द्वारा बनाया गया नैपकिन विदेशों में भी बिक्री के लिए भेजा जा सकता है।

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