हद है, सच में, धरती का सबसे बेहतरीन, बुद्धिजीवी प्राणी इंसान इतना गन्द होता चला जाएगा शायद कुदरत ने भी ऐसा नहीं सोचा होगा। लोग प्रथा के नाम पर कुछ भी करते हैं। मतलब, 21वीं सदी में भी लोग ऐसे करते हैं प्रथा के नाम पर ग़लत कृत्य, जिससे बेटी की ही जान से हाथ धो बैठे।
इसी के चलते बतादें, राजस्थान में सदियों से चली आ रही कुप्रथा आटा-साटा के कारण एक विवाहिता ने कुएं में कूंद कर आत्महत्या कर ली। राज्य में नागौर जिले के हेमपुरा गांव निवासी 21 वर्षीय विवाहिता ने आत्महत्या करने से पहले अपने परिजनों को एक पत्र लिखकर आटा-साटा की कुप्रथा को बंद करने की पहल करने का आग्रह किया है।

उसने लिखा आटा-साटा की कुप्रथा ने लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। मेरी मौत का कारण भी समाज में चल रही यह कुप्रथा ही है। मृतक सुमन का विवाह पास के ही गांव में हुआ था। पति विदेश में रहता था। सुमन के पति की बहन का विवाह उसके भाई से कर दिया गया था।
पति के विदेश में रहने के कारण ससुराल वालों ने उसे रखा नहीं और वह 8 माह से अपने पीहर में रह रही थी। हालांकि मृतक विवाहिता के चाचा नारूराम ने पुलिस में दर्ज करवाई रिपोर्ट में कहा कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान थी, जिसके कारण वह घर के पास एक कुएं में गिर गई।

जानकारी मिलने पर उसे बाहर निकालकर नावां अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सुमन ने अपने सुसाइड़ नोट में लिखा, मरना गलत है पर मैं मर रही हूं। मेरे मरने की वजह समाज है, जिसे आटा-साटा नाम की कुप्रथा चला रखी है।
इसमें लड़कियों को जिंदा मौत मिलती है। इसमें लड़कियों को लड़कों के बदले बेचा जाता है। इस प्रथा के कारण 17 साल की लड़की का विवाह 70 साल के व्यक्ति के साथ कर दिया जाता है। लड़की पैदा होते ही तय कर देते हैं कि इसका किसके बदले विवाह करना है। पढ़ी-लिखी लड़कियों का विवाह अनपढ़ व उम्रदराज के साथ कर दिया जाता है।

उल्लेखनीय है कि इस प्रथा के तहत किसी परिवार की लड़की का विवाद दूसरे परिवार के युवक से किया जाता है। जिस परिवार के युवक से विवाह होता है उसकी बहन या किसी अन्य परिजन का विवाह लड़की के भाई या अन्य किसी रिश्तेदार से कर दिया जाता है।
इस मामले में सुमन के विवाह के बदले उसके पति की बहन का विवाह उसके भाई से हुआ था। अब आप ही बताओ कि क्या ऐसा ठीक है? क्या हमें ऐसा आज भी करना चाहिए? क्या ये प्रथा के नाम पर ग़लत नहीं है? प्रथा इंसानों से होती है या फिर इंसान प्रथा से, सोच-समझकर जवाब ज़रूर दीजिए और कमेंट भी कीजिए।